24
posts
जो अपने दिल पे मोहब्बत के दाग़ रखता है।
Dr Tabassum Jahan
पड़ जाएँ मिरे जिस्म पे लाख़ आबले 'अकबर'
Dr Tabassum Jahan
कविता -नैराश्य और मैं
Dr Tabassum Jahan
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
Dr Tabassum Jahan
मुझे पतझड़ों की कहानियाँ,
Dr Tabassum Jahan
वो मुझे "चिराग़" की ख़ैरात" दे रहा है
Dr Tabassum Jahan
जीवन में ठहरे हर पतझड़ का बस अंत हो
Dr Tabassum Jahan
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
Dr Tabassum Jahan
ले चल मुझे भुलावा देकर
Dr Tabassum Jahan
मेरे मालिक मेरी क़लम को इतनी क़ुव्वत दे
Dr Tabassum Jahan
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
Dr Tabassum Jahan
मन होता है मेरा,
Dr Tabassum Jahan
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
Dr Tabassum Jahan
जीवन में सबसे मूल्यवान अगर मेरे लिए कुछ है तो वह है मेरा आत्
Dr Tabassum Jahan
हम मोहब्बत की निशानियाँ छोड़ जाएंगे
Dr Tabassum Jahan
तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
Dr Tabassum Jahan
ग़ज़ल- तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है- डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
लघुकथा- "कैंसर" डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
छोटी कहानी - "पानी और आसमान"
Dr Tabassum Jahan
कहानी - "सच्चा भक्त"
Dr Tabassum Jahan
लघुकथा - "कनेर के फूल"
Dr Tabassum Jahan
कविता- "हम न तो कभी हमसफ़र थे"
Dr Tabassum Jahan
कहानी- "हाजरा का बुर्क़ा ढीला है"
Dr Tabassum Jahan
लघुकथा- धर्म बचा लिया।
Dr Tabassum Jahan