Kumari Rashmi Language: Hindi 53 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Kumari Rashmi 19 Apr 2019 · 1 min read रोज खिड़की के पास रोज खिड़की के पास आँखें मुंद कर महसूस किया करती हुँ तुम्हें और भोर की सुनहली किरणों से वादा किया करती हूँँ मैं नहीं रोऊँँगी सावन की बौछारें हो या... Hindi · कविता 1 400 Share Kumari Rashmi 19 Apr 2019 · 1 min read दर्द दर्द के साथ हम कहाँ जीते हैं दर्द हमसे जीता है हमारे ह्रदय में पलता है बढता है- सांंसे लेता है अपनी आयु लंबी कर हमारी क्षीण करता है फिर... Hindi · कविता 2 2 401 Share Kumari Rashmi 18 Apr 2019 · 1 min read सोचा ना था जीवन की सुनहली सुबह मे बड़ी तमन्यता से तिनका - तिनका जोड़ा था उसने और बनाया सपनों का घोंसला अपनो के लिये तब सौचा ना था जीवन की संध्या बेला... Hindi · कविता 2 4 350 Share Previous Page 2