Dr. Sunita Singh Language: Hindi 125 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Dr. Sunita Singh 8 Nov 2022 · 1 min read हया आँख की हया आँख की मणि समझ,इस पर करें प्रतीति। फिर जुड़ती सद्भाव से,संबंधों की प्रीति।। Hindi 2 212 Share Dr. Sunita Singh 7 Nov 2022 · 1 min read राजनीति हलचल राजनीति की बढ़ रही,संप्रति हलचल खूब । उबरेंगे रँगरेज कुछ ,कुछ जाएँगे डूब ।।1 पीट रहे डंका सभी ,होगी अबकी जीत । स्वर्ग उतारेंगे धरा ,गाएँगे मिल गीत ।।2 बाबू... Hindi 1 1 427 Share Dr. Sunita Singh 4 Nov 2022 · 1 min read नमन करूँ कर जोर *नमन करूँ कर जोर* तुलसी दल औषधिय है , नमन करूँ करजोर । करे प्राण रक्षा सदा , खुशियाँ दे चहुँओर ।। दीप शाम प्रज्वलित कर , अर्पित कर दो... Hindi 2 1 165 Share Dr. Sunita Singh 31 Oct 2022 · 1 min read अंतर्जाल यात्रा मिली छूट अभिव्यक्ति की ,फैला अंतर्जाल । गाँव नगर अब नाच के ,खूब बटोरो माल ।।1 वृद्ध युवा बच्चे सभी ,नाचें सब परिवार । नई बहुरिया नाचती ,खोले आँगन द्वार... Hindi 221 Share Dr. Sunita Singh 29 Oct 2022 · 1 min read कुछ समझ लिया कीजै अब किसी से भी क्या गिला कीजै खुद ही कुछ -कुछ समझ लिया कीजै है उठी एक लहर दुनिया में जल रही आग है हवा कीजै बेखबर दिल हुआ है... Hindi 1 198 Share Dr. Sunita Singh 28 Oct 2022 · 1 min read डगर-डगर नफ़रत *फूँक देगी सभी ये घर नफ़रत* *दूर दिल से न की अगर नफ़रत* *मजहबी ज़ह्र है फ़ज़ाओं में* *ढो रहा आज हर बशर नफ़रत* *भाषणों से परोस दी तुमने* *दूर... Hindi 175 Share Dr. Sunita Singh 18 Oct 2022 · 1 min read जीवन एक चुनौती है जीवन एक चुनौती है , मैंने यह स्वीकार किया । पग-पग अंगारों पर चल , नव- प्रभात उजियार किया जूझ रहा तन-मन जीवन धूल- धूसरित नित काया । निरद्वंद्व श्वास... Hindi 1 222 Share Dr. Sunita Singh 14 Oct 2022 · 1 min read दिल बहलाएँ हम ग़ज़ल खाली जाम से कब तक यूँ ही अपना दिल बहलाएंँ हम ऐसे आलम में बतलाओ कैसे उठ कर जाएँ हम । कट जायेगा सारा रस्ता मंज़िल भी मिल जायेगी... Hindi 2 248 Share Dr. Sunita Singh 4 Oct 2022 · 1 min read परिणय के बंधन से प्राण प्रिये बँध जाएँ आओ हम परिणय के बंधन में । जीवन की समरसता भर लूँ आओ प्रिय आलिंगन में ।। दूर गगन है रात अँधेरी खाली मन का कोना... Hindi 1 1 283 Share Dr. Sunita Singh 3 Oct 2022 · 1 min read माता प्राकट्य माता के नौ रूप का ,पूजन अर्चन भक्ति । जीवन नित मजबूत कर, प्राप्त करे मन शक्ति ।।1 पूजन कर नौ रात्रि का ,करें मनोरथ पूर्ण । महा अष्टमी आज... Hindi 1 242 Share Dr. Sunita Singh 3 Oct 2022 · 1 min read ज़मज़म देर तक नहीं रहता ग़ज़ल झूठ का हसीं परचम , देर तक नहीं रहता यूँ दिखावे का ज़मज़म , देर तक नहीं रहता मत डरा करो तूफां ,तेज बारिशों से तुम गर्जता हुआ मौसम... Hindi 1 201 Share Dr. Sunita Singh 2 Oct 2022 · 1 min read तख़्ता डोल रहा ग़ज़ल अब वक्त उसी का बोल रहा उल्टा जिसका भूगोल रहा हुश़्न ए मतला बिन मौसम बादल बोल रहा तन-मन मेरा यूँ डोल रहा कब राह चला सीधी सच्ची जीवन... Hindi 283 Share Dr. Sunita Singh 30 Sep 2022 · 1 min read लश्क़र देखो रब को भी ऊपर देखो अपने भीतर डर देखो मंदिर में है बैठा रब मत उसको पत्थर देखो रातो दिन सड़कों पर अब चलता यह लश्कर देखो अपने अपनों से... Hindi 245 Share Dr. Sunita Singh 26 Sep 2022 · 1 min read तुम्हारी यादें ग़ज़ल*याद* तुम्हारी याद आती है कसक मन में उठाती है सुनाकर हाल सब अपना तरस भर आँख जाती है भुलावा नींद का देकर निशा में गुनगुनाती है सहर से शाम... Hindi 160 Share Dr. Sunita Singh 25 Sep 2022 · 1 min read वफ़ा मानते रहे ग़ज़ल हम दिल जिगर से उनको,खुदा मानते रहे उनके ही दिल को अपना ,पता मानते रहे जो उनकी धड़कनों से ,किसी ने किया अलग अपनी नज़र में अपनी , कज़ा... Hindi 3 2 191 Share Dr. Sunita Singh 24 Sep 2022 · 1 min read कह दूँ बात तो मुश्किल ग़ज़ल जो हुई ना मुलाकात तो मुश्किल सबसे सच कह दूँ बात तो मुश्किल चाहते हैं उन्हें दिलों जां से हम कर बयां दूँ ये हालात तो मुश्किल गुनगुना हम... Hindi 212 Share Dr. Sunita Singh 23 Sep 2022 · 1 min read बात बोलेंगे ग़ज़ल खुद ब खुद अब हालात बोलेंगे हम नहीं और बात बोलेंगे क्यों डरा तुम रहे दिखा आँखें कैसे हम दिन को रात बोलेंगे राज ए दिल नहीं छुपा सकते... Hindi 2 1 300 Share Dr. Sunita Singh 21 Sep 2022 · 1 min read आघात दोहा नहीं सहन करते यहाँ, छोटी सी भी बात संबंधी करते स्वयं ,संबंधों पर घात ।।1 काज पड़े जब पूछते, दिन में बारंबार । बने काज पर कौन तू ,हूँ... Hindi 1 268 Share Dr. Sunita Singh 20 Sep 2022 · 1 min read याद आते हैं ग़ज़ल जहाँ मिल साथ में खेले ,वो मिट्टी याद आती है वो आँगन याद आता है ,वो तुलसी याद आती है बड़े ही प्यार से कंघी ,किया करती थी माँ... Hindi 295 Share Dr. Sunita Singh 18 Sep 2022 · 1 min read मादक अखियों में गीत *मादक अखियों में* मैं तो अब हो चुका तुम्हारा तुम भी मेरी हो जाओ । कोरी मादक इन अँखियों में रिमझिम बनकर खो जाओ ।। नित्य प्रतीक्षा रत वर्षों... Hindi 186 Share Dr. Sunita Singh 16 Sep 2022 · 1 min read हमनवा कोई न था *ग़ज़ल* इक तुम्हारी याद जैसा क़ाफ़िला कोई न था। बस तुम्हें यूँ छोड़कर अब रास्ता कोई न था। साथ पल दो पल दिया और कुछ चले भी दूर तक, पर... Hindi 1 214 Share Dr. Sunita Singh 8 Sep 2022 · 1 min read नित यौवन यौवन तो बस युद्ध है ,लड़ते तन-मन रोज घिरा हुआ जीवन यहाँ ,अपने को नित खोज ।। अपने को नित खोज ,सभी हैं सब अनुरागी । जीवन झंझा चित्त ,धरे... Hindi 1 185 Share Dr. Sunita Singh 31 Aug 2022 · 1 min read गणपति स्वागत है द्वार- द्वार वंदनवार सजे , सिद्ध शुभागत है। धन्य भाग्य जो घर पर आये , गणपति स्वागत है ।। भाद्र चतुर्थी आप पधारे , मन प्रमुदित अपना । लड्डू तुमको... Hindi 418 Share Dr. Sunita Singh 22 Aug 2022 · 1 min read तिरंगा जान से प्यारा ग़ज़ल 1222 1222 1222 1222 न लो भारत से कोई पंगा सोचो सिर्फ असुवन की लड़े तो डूब जायेंगी सभी आशाएँ जीवन की न कर यूँ बात ऊँची तू न... Hindi 250 Share Dr. Sunita Singh 2 Aug 2022 · 1 min read चाहत की बाते करो तुम न हमसे अदावत की बातें। करो तुम हमेशा मुहब्बत की बातें। बहुत हो चुकी ये शरारत तुम्हारी, ज़रा कर लो अब तुम शराफ़त की बातें। करो बात हमसे... Hindi 4 2 449 Share Dr. Sunita Singh 2 Aug 2022 · 1 min read भली बातें हम करें भली बातें चार अनुभवी बातें जब मिला करें हम तुम रोज हो नयी बातें मोहती रहीं मुझको शोख जादुई बातें हाँ लगी बहुत प्यारी आपकी गुनी बातें सींचती... Hindi 3 1 852 Share Dr. Sunita Singh 2 Aug 2022 · 1 min read बहुत अच्छे लगते ( गीतिका ) वृक्ष पर्वत नद नदी निर्झर बहुत अच्छे लगे कोकिला कंठी भरे जब स्वर बहुत अच्छे लगे । शिव बसे काशी सदा से बोल बम जयकार है मोहते मन भक्त का... Hindi 288 Share Dr. Sunita Singh 30 Jul 2022 · 1 min read सियासत की बातें करो तुम न हमसे अदावत की बातें। करो तुम हमेशा मुहब्बत की बातें। कि छोड़ो शरारत चलो और आगे, करो सिर्फ़ अब तुम शराफ़त की बातें। करो बात हमसे मुहब्बत... Hindi 2 315 Share Dr. Sunita Singh 28 Jul 2022 · 1 min read महावर कंबु सुराही क्षीण कटि,यौवन झिलमिल छाँव ।। कंज-नयन चंपा-बदन, भरे महावर पाँव। भावार्थ - सुन्दरी के सौन्दर्य का वर्णन अत्यंत उत्कृष्ट शब्दों में किया गया है - सुन्दरी की गर्दन... Hindi 528 Share Dr. Sunita Singh 28 Jul 2022 · 1 min read तपिसों में पत्थर तूफां में भी दीपों को जलते देखा है अक्सर लोगों का वक्त बदलते देखा है उनको आदत होगी मखमल पर चलने की बहुतों को अंगारों पर चलते देखा है रौशन... Hindi 2 1 403 Share Dr. Sunita Singh 23 Jul 2022 · 1 min read वैदेही से राम मिले दोनों तरफ वेदना गहरी पर दोनों के होंठ सिले । लंका विजय प्राप्त कर जिस क्षण वैदेही से राम मिले ।। रूप-रूप से मुखर हुआ जब बही दृगों से जल-धारा... Hindi 5 2 569 Share Dr. Sunita Singh 19 Jul 2022 · 1 min read अंतिम संस्कार अपनों में कोई गया ,श्वास-श्वास को हार । द्वार अतिथि आए सभी ,है अंतिम संस्कार ।।1 छोड़ गया संसार जो ,आती उसकी याद । परिजन सब ही रो रहे ,करते... Hindi 193 Share Dr. Sunita Singh 11 Jul 2022 · 1 min read कुण्डलिया पानी सबको चाहिए ,जीवन का है मूल । संरक्षित कर आज से ,मत कर कोई भूल ।। मत कर कोई भूल ,छोड़ मत इसको बहता । समझ अमृत शुचि तुल्य... Hindi 222 Share Dr. Sunita Singh 9 Jul 2022 · 1 min read पायल पायल रुनझुन मद भरी ,बढ़ा रही मन- चाव । छेड़ अधर मुस्कान नव,सहलाती है घाव । सहलाती है घाव ,प्रणय सुरसरि-सी बहती । तोड़े मन-बैराग ,चपल चपला-सी हँसती ।। सुमधुर... Hindi 4 4 377 Share Dr. Sunita Singh 5 Jul 2022 · 1 min read पागल है ग़ज़ल 22 22 22 दिल कितना पागल है रहता बस घायल है आसार नहीं कुछ फिर काला क्यों बादल है उसको देखा जब से लगता वह रायल है आटा अब... Hindi 2 1 285 Share Dr. Sunita Singh 3 Jul 2022 · 1 min read मकतब से चलना यार अदब से इज्जत पाओ सब से आये हैं परदेशी अपने देश अरब से खुद आँखों से देखो, सोचो मत मज़हब से बात बनेगी ये तब, मिलना हो साहब... Hindi 1 2 344 Share Dr. Sunita Singh 2 Jul 2022 · 1 min read बाजार आजकल जीना हुआ है अब तो यूँ दुश्वार आजकल। मँहगा है किस कदर यहाँ बाजार आजकल। हिंसा की आग में यूँ जला जा रहा शहर, यह सोचना कि कौन है मुख्तार... Hindi 1 149 Share Dr. Sunita Singh 26 Jun 2022 · 1 min read प्रेयसी तुम्हीं मेरी कविता हो ,तुम्हीं भाव कल्पना हो शब्द का आधार तुम्हीं,छंद का उल्लास हो । तुम्हीं नयनों की भाषा ,तुम्हीं प्रेम परिभाषा तुम्हीं मेरे मन प्राण ,चाहतों की प्यास... Hindi 1 611 Share Dr. Sunita Singh 19 Jun 2022 · 1 min read हमें देश ऐसा चाहिए शांति सुरक्षा का भाव, जन गण का सम्मान प्रेम का विश्वास रहे ऐसा देश चाहिए । जाति धर्म संप्रदाय,मिटे भेद-भाव जहाँ कोई न उदास रहे, ऐसा देश चाहिए । हरे-भरे... Hindi · घनाक्षरी 175 Share Dr. Sunita Singh 18 Jun 2022 · 1 min read विविध गुच्छ *घृणा* घृणा भावना मन हृदय भरे ,नित्य नव पीर ।। जाति धर्म या अर्थ में ,भेद नहीं दृग नीर ।। *बहस* बहस कभी यों मत करें ,माथे पड़ती धूल ।... Hindi · कविता 194 Share Dr. Sunita Singh 3 Jun 2022 · 1 min read मन पीर कैसे सहूँ मन पीर कैसे सहूँ ,तुम बिन कैसे रहूँ अब और क्या कहूँ ,खुद कुछ जान लो । तुम्हीं लगते जीवन ,तुम्हीं मेरे प्राणधन माना तुमको सजन ,अब पहचान लो ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 262 Share Dr. Sunita Singh 2 Jun 2022 · 1 min read ज़रा सी देर में सूरज निकलने वाला है ये झूठ शीध्र ही सच में बदलने वाला है सबूत लेके जो आया वो छलने वाला है ये काली रात अँधेरी है मानती हूँ पर ज़रा सी देर में सूरज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 317 Share Dr. Sunita Singh 31 May 2022 · 1 min read नयी बहुरिया घर आयी* नई बहू से कर रहा,चित्त उल्लसित प्रीति । ब्याह लिया बेटा-वधू ,संस्कृति की शुभ रीति ।।1 प्रीति भोज अनुपम हुआ ,छक के खाए भोज । धवल चंद्रिका-सी वधू , उसके... Hindi · दोहा 2 2 417 Share Dr. Sunita Singh 28 May 2022 · 1 min read बेटी जब घर से भाग जाती है चुप-चुप सा परिवार है ,हुई बड़ी अब बात । भाग गई बेटी कहीं , घिरी अँधेरी रात ।।1 गली-गली चर्चे हुए ,नाम हुआ बदनाम । छोड़ गई दुख से भरा... Hindi · दोहा 3 2 1k Share Dr. Sunita Singh 24 May 2022 · 1 min read विद्या पर दोहे तन मन को उज्ज्वल करे, विद्या ज्ञान स्वरूप । निर्मल धारा सी बहे , भरती अंधा कूप ।। विद्या भरती ज्ञान से ,मन में सरस विचार । उत्तम होते कार्य... Hindi · दोहा 1 4k Share Dr. Sunita Singh 17 May 2022 · 1 min read अब कोई कुरबत नहीं अब किसी को किसी की जरूरत नहीं इसलिए अब दिलों मेंं मुहब्बत नहीं प्यार ईमान की जिसमें हर ईंट हो बनती अब ऐसी कोई इमारत नहीं बाप-बेटे खिंचें एक दूजे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 437 Share Dr. Sunita Singh 16 May 2022 · 1 min read मैं भारत हूँ शुचि वेद मंत्र नित आत्म भरे मैं सत्य सनातन भारत हूँ । मैं विजय पताका धर्मों की मैं सिंधु सभ्यता शाश्वत हूँ ।। शोभित है भाल हिमालय-सा हिय में पावन... Hindi · गीत 3 2 717 Share Dr. Sunita Singh 16 May 2022 · 1 min read दोहा परनिंदा तो खूब हो ,अपना हो गुणगान । तन-मन में मिसरी घुले ,चाह रहे हैं कान ।।1 साधू संन्यासी कई ,साध रहे हैं योग । रहे बचे कुछ संत जो... Hindi · दोहा 177 Share Dr. Sunita Singh 12 May 2022 · 1 min read चश्मे-तर जिन्दगी ग़ज़ल एक दूजे से है बे-खबर जिंदगी घूमती फिर रही है नगर जिंदगी बाँध अपने गले में नई फाँस को कर रही पंथियों का बसर जिंदगी रोशनी में नहाई रजत-... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 383 Share Dr. Sunita Singh 26 Mar 2022 · 1 min read प्यार करो प्रिय सरस शब्द चुन-चुनकर प्रेमिल तन-मन का शृंगार करो प्रिय । मेरे अटल सुहाग तुम्हीं हो मुझे हृदय से प्यार करो प्रिय ।। तुमसे अंतर् है हरा -भरा रहती नयनों स्वर्णिम... Hindi · कविता 270 Share Previous Page 2 Next