Tag: दोहा
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कोयल बोले बाग में-----
सुनील कुमार
कामी लोभी ना करै----
सुनील कुमार
सीप में मोती चमक रहा----
सुनील कुमार
सेवक करम है करि रहा------
सुनील कुमार
राम नाम तू जपि रहा----
सुनील कुमार
सब गुन ताहि बसि रहै------
सुनील कुमार
वक्त वक्त की बात---
सुनील कुमार
समय गवाएँ क्या मिला-----
सुनील कुमार
पतझड़ के दिन बीत गए-----
सुनील कुमार
झूठन को झूठा लगै------
सुनील कुमार
डाली-डाली कली खिली---
सुनील कुमार
गुरु ज्ञान है बाँटि रहा----
सुनील कुमार
चिड़िया बैठी डाल पर----
सुनील कुमार
ज्ञान गुरु से पूँछि ल्यौ
सुनील कुमार
भाई-भाई देखो लड़ि रहा
सुनील कुमार
पिय मोहे भवन पधारिया----
सुनील कुमार
खाली हाथ सब आये हैं------
सुनील कुमार
काया कै कोई मोल ना-----
सुनील कुमार
काया खूब सँवारि रहा
सुनील कुमार
हरि से गुरु तुम्हीं होऊ---
सुनील कुमार
मृदु वचन है बोलि रहा------
सुनील कुमार
प्रभु सुमिरन जो जन न करै------
सुनील कुमार
भाग्य खाने को न दे सकै-----
सुनील कुमार
पिया-पिया मैं रट रही----
सुनील कुमार
पत्ते पर जब पानी पड़ा----
सुनील कुमार
साधु करम है करि रहा-----
सुनील कुमार
सब में एकहि लहू बहै----
सुनील कुमार
बोया पेड़ खजूर का----
सुनील कुमार
माया काया कुछ नही----
सुनील कुमार
पिय सा सुन्दर कोई ना------
सुनील कुमार
साधु सुमिरन है करि रहा------
सुनील कुमार
दिन उबरत ना प्रभु बिना----
सुनील कुमार
पाप की मटकी भर गई------
सुनील कुमार
नारी का सम्मान कर----
सुनील कुमार
मलिन हुआ प्रभु जग तेरा----
सुनील कुमार
गुरु की महिमा अनन्त-----
सुनील कुमार
एक तरफ माँहि मैं रहै------
सुनील कुमार
धरम-धरम चिल्लाई रहा-----
सुनील कुमार
जब पिय थे मैं ना रही----
सुनील कुमार
ईर्ष्या-द्वेष बहुधा किया----
सुनील कुमार
मधुप पराग चूस कर----
सुनील कुमार
पिय वियोग बहु सह लिया-----
सुनील कुमार
नाव कबहुँ गाड़ी चढ़ै----
सुनील कुमार
मैं को हिय से निकालिया------
सुनील कुमार
झूठा ठहरै एक पल------
सुनील कुमार
हिय में जब तक मैं रहा---
सुनील कुमार
हरि ब्याहि मोहि संग सखी
सुनील कुमार
घर की मर्यादा नारि से-----
सुनील कुमार
सतजन प्रभु को समझ लिए-----
सुनील कुमार
हरि सदृश प्रिया ज्यौं मिले----
सुनील कुमार