हे राम,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
मंत्र: श्वेते वृषे समारुढा, श्वेतांबरा शुचि:। महागौरी शुभ दध
ईश्वर की महिमा...…..….. देवशयनी एकादशी
हम उलझते रहे हिंदू , मुस्लिम की पहचान में
जीवन साथी,,,दो शब्द ही तो है,,अगर सही इंसान से जुड़ जाए तो ज
पहाड़ में गर्मी नहीं लगती घाम बहुत लगता है।
तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज
मदिरा वह धीमा जहर है जो केवल सेवन करने वाले को ही नहीं बल्कि
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
जबसे उनको रकीब माना है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ग़ज़ल/नज़्म - दिल में ये हलचलें और है शोर कैसा