सुनील कुमार Tag: दोहा 86 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 सुनील कुमार 8 Oct 2021 · 1 min read पिय मोरा है राम सखि----- पिय मोरा है राम सखि, सो तो माहि चितचोर। साथ चली मैं जाऊंगी, होके डोली सवार।। Hindi · दोहा 1 181 Share सुनील कुमार 8 Oct 2021 · 1 min read प्रिय बुलावा भेजा मोहि---- प्रिय बुलावा भेजा मोहि , जाऊं मैं पिय के गांव। कल मायका छूट जायो, जस नदी-घट से नाव।। Hindi · दोहा 2 193 Share सुनील कुमार 8 Oct 2021 · 1 min read हरि ब्याहि मोहि संग सखी हरि ब्याहि मोहि संग सखी, लेवहिं पास बुलाई। संग प्रिय माहि रमण किये, मैं तो गई लजाई।। Hindi · दोहा 2 206 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read जामैं मानुष प्रेम भरा----- जामैं मानुष प्रेम भरा, साँच धरम कहिऐ ताहि। ईंट-ईंट को जोड़ि कै, दियो सुन्दर गेह बनाई।। Hindi · दोहा 2 178 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मानुष-मानुष में द्वेष भरैं---- मानुष-मानुष में द्वेष भरैं, साँच धरम वह नांहि। ज्यौं पतझड़ पत्ती डाल से, निर्दय रहै बिछाड़ि।। Hindi · दोहा 2 174 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read साधु करम है करि रहा----- साधु करम है करि रहा, भाग्य भरोसा नाहि। मारग सफल हो जावै, भाग्य खड़ा मुस्काय।। Hindi · दोहा 2 269 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read कलियां पुष्प ज्यौं बन गईं----- कलियां पुष्प ज्यौं बन गईं, भ्रमर देख मुस्कुराय। वृक्ष मीठे फलों से लद गए, शुग्गा नोच के खाय।। Hindi · दोहा 2 182 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read नई पत्तियां खिल गईं---- नई पत्तियां खिल गईं, मनवा देख-देख हर्षाय। बोले पपीहा बागन में, मधुरिम गीत सुनाय।। Hindi · दोहा 3 2 178 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read कोयल बोले बाग में----- कोयल बोले बाग में, अमिया गई बौराय। नन्हीं कलियां खिल रहीं, भौरें रहै अकुलाय।। Hindi · दोहा 1 2 512 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read पतझड़ के दिन बीत गए----- पतझड़ के दिन बीत गए, माह बसन्त है आई। डाली-डाली खिल गयी, कोमल पात सजाई।। Hindi · दोहा 1 2 386 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read भूखा दर-दर भटकि रहा----- भूखा दर-दर भटकि रहा, क्षुधा रही सताय। एक रामफल देखि लिया, खावहिं भूख मिटाय।। Hindi · दोहा 2 184 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read सतजन प्रभु को समझ लिए----- सतजन प्रभु को समझ लिए, मूरख काहि बिसात। आदित्य प्रकाश बिखेर रहा, अज्ञ उल्लू समझै रात।। Hindi · दोहा 2 206 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read झूठन को झूठा लगै------ झूठन को झूठा लगै, सत्य समझ नहिं आई। नदी किनारे वृक्ष जैसे, उल्टी प्रतिबिम्ब बनाई।। Hindi · दोहा 3 2 392 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read हिय में सुमिरन जो करै----- हिय में सुमिरन जो करै, सो तो साधु होय। पाहन सुमिरन जो करै, साधु ना कहिए सोय।। Hindi · दोहा 1 135 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read प्रभु सुमिरन जो जन न करै------ प्रभु सुमिरन जो जन न करै, करै ना भक्ति विवेक। मूरख दर-दर फिरि रहा, अधम बगुला भक्त अनेक।। Hindi · दोहा 1 293 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मृदु वचन है बोलि रहा------ मृदु वचन है बोलि रहा, समन्वय भाव फैलाय। हरि को जो समझ लिया,साँच पंडित कहलाय।। Hindi · दोहा 2 2 336 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read एक प्रभु की है यह सम्पदा------- एक प्रभु की है यह सम्पदा, जीव-जगत एवं नीर। प्राणि में प्राण संचार करै, चार तत्व संग समीर।। Hindi · दोहा 1 187 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read दुख में हरि को जपि रहा----- दुख में हरि को जपि रहा, सुख में दिया बिसारि। शीतलहर सिर चढ़ि गयो, चादर लियो चढ़ाई।। Hindi · दोहा 1 180 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read वृक्ष घटा व प्राणि सम्पदा----- वृक्ष घटा व प्राणि सम्पदा, प्रभु ने दिया बनाय। एक पताका प्रेम का, रहा सज्जन फहराय।। Hindi · दोहा 1 194 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मात कहै बैनी कहै------ मात कहै बैनी कहै, दोनों नारि कै रूप। राम कहै रहीम कहै, नीर-वारि एकरूप।। Hindi · दोहा 1 176 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मैं को हिय से निकालिया------ मैं को हिय से निकालिया, अब है प्रभु का वास। रजनी के पल बीत गयो, आया मधुरिम प्रभात।। Hindi · दोहा 1 210 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read सब गुन ताहि बसि रहै------ सब गुन ताहि बसि रहै, हिय में तुम्हारे समाहि। कस्तूरी को खोजत फिरै, मूरख मृग वन जाहि।। Hindi · दोहा 1 401 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read एक तरफ माँहि मैं रहै------ एक तरफ माँहि मैं रहै, दूजे हरि माँहि नाथ। मिलन कबहुँ न हो सकै, रजनी कै संग प्रभात।। Hindi · दोहा 1 225 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read गुजरे पल फिर ना मिलैं------ गुजरे पल फिर ना मिलैं, देवहिं ताहि बिसारि।। करम आज ही कर लेवहिं, नाहि करौ विचारि।। Hindi · दोहा 2 186 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read सेवक करम है करि रहा------ सेवक करम है करि रहा, करम से नाता जोड़ि। मानुष जैसी करनी करै, सो वैसा ही फल पाहि।। Hindi · दोहा 1 439 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read साधु प्रीति है बाँट रहा----------- साधु प्रीति है बाँट रहा, नित घूमि दिशि चहुँओर। जाके रही भावना जैसी, खोलि कै भरे पिटार।। Hindi · दोहा 1 181 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मंदिर-मस्जिद में टटोल रहैं------- मंदिर-मस्जिद में टटोल रहैं, मिला न अल्लाह-राम। हृदय में जाके खोजि ल्यौ, तामे प्रभु करै विश्राम।। Hindi · दोहा 1 160 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read दुर्जन-निर्दय सब मिले---- दुर्जन-निर्दय सब मिले, सज्जन मिला ना कोय। जो प्राणी को प्रेम बाँटै, सो लाख पुण्य कमाय।। Hindi · दोहा 1 171 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read काया खूब सँवारि रहा काया खूब सँवारि रहा, करकै हिय दुत्कार। सब यही छूट जाएगा, होगा जग अँधियार।। Hindi · दोहा 1 327 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read भाई-भाई देखो लड़ि रहा भाई-भाई देखो लड़ि रहा, द्वेषभाव अपनाय। एक चला जग छोड़ि कै, दूजा मोती टपकाय।। Hindi · दोहा 1 387 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read मानुष हैं सब एक सा साधु गृह-गृह घूमि कै, रहै प्रेम बरसाय। मानुष हैं सब एक सा, अपना लियो बनाय।। Hindi · दोहा 1 150 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read सीप में पानी ज्यौं पड़ा सीप में पानी ज्यौं पड़ा, पानी-पानी होय। स्वाति नखत में देखि ल्यौ, पानी मोती होय।। Hindi · दोहा 1 164 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read ज्ञान गुरु से पूँछि ल्यौ सदा ज्ञान गुरु से पूँछि ल्यौ, जाति न पूँछै कोय। तोड़ मधुर फल खाइ ल्यौ, वृक्ष न कबहुँ गिनाए।। Hindi · दोहा 1 372 Share सुनील कुमार 6 Sep 2021 · 1 min read झूठा ठहरै एक पल------ झूठा ठहरै एक पल, साच तो अनन्त बार। साच हमेशा बोलिये, जीवन बने अमृतधार।। Hindi · दोहा 1 2 217 Share सुनील कुमार 6 Sep 2021 · 1 min read समय गवाएँ क्या मिला----- समय गवाएँ क्या मिला, किया न कुछ भी काम। एक दिन तू पछतायेगा, होगा जब नाकाम।। Hindi · दोहा 1 2 466 Share सुनील कुमार 2 Jul 2021 · 1 min read वक्त वक्त की बात--- वक्त है तो सुखद है, वक्त नही तो दुःखद है। वक्त वक्त की बात है कि वक्त ही बेवक्त है।। Hindi · दोहा 2 396 Share Previous Page 2