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Tag: ग़ज़ल/गीतिका
422 posts
यूँ ना तुम बुरा मानिए
यूँ ना तुम बुरा मानिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुमसे मेरी बनी पहचान है
तुमसे मेरी बनी पहचान है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कैसे गाँए गीत मल्हार
कैसे गाँए गीत मल्हार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जीवन का आधार पिता जी
जीवन का आधार पिता जी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
फूल सा चेहरा मुरझाया क्यों है
फूल सा चेहरा मुरझाया क्यों है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आँखों में रही नींद कहाँ
आँखों में रही नींद कहाँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कविता बहती सरिता
कविता बहती सरिता
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रेम ज्वाला
प्रेम ज्वाला
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मंजिलें आसपास थी
मंजिलें आसपास थी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ऑनलाइन जिंदगी ऑफलाइन रिश्ते
ऑनलाइन जिंदगी ऑफलाइन रिश्ते
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शारदे माल वंदना
शारदे माल वंदना
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रीत की तलाश है
प्रीत की तलाश है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुम्हारी पनाहें
तुम्हारी पनाहें
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल रो पड़ा
दिल रो पड़ा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जब किसी को प्यार हो जाता है
जब किसी को प्यार हो जाता है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दीवारों के भी कान होते हैं
दीवारों के भी कान होते हैं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
झींक आने लगी
झींक आने लगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
किस दिशा में इंसान रे
किस दिशा में इंसान रे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
घर में गति विराम
घर में गति विराम
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मॉबाइल दैत्य
मॉबाइल दैत्य
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
साथ तुम्हारा
साथ तुम्हारा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दीवानगी
दीवानगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कहाँ गया बेदर्दी
कहाँ गया बेदर्दी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जोगी लेने आया भीख
जोगी लेने आया भीख
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चेहरा बेनकाब
चेहरा बेनकाब
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वारिद ने है प्यास बचझाई
वारिद ने है प्यास बचझाई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
याद आते हैं अफसाने
याद आते हैं अफसाने
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुलाकातें होती रहेंगी
मुलाकातें होती रहेंगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
संवाद होना चाहिए
संवाद होना चाहिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तेरे जाने के बाद
तेरे जाने के बाद
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कैसे जताएं आभार पितामह
कैसे जताएं आभार पितामह
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पहले जैसे हों जाएं
पहले जैसे हों जाएं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बैरन कित चाल गई हरियाणवी
बैरन कित चाल गई हरियाणवी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चहकता रहे तेरा चमन
चहकता रहे तेरा चमन
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं देखता रह गया
मैं देखता रह गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुषार गमों की पिघलनी चाहिए
तुषार गमों की पिघलनी चाहिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मजबूरियाँ बं गई
मजबूरियाँ बं गई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इंसानियत की बंद दुकान हो गई
इंसानियत की बंद दुकान हो गई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रुत प्यार की
रुत प्यार की
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मोहरे बना देते हैं
मोहरे बना देते हैं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बदल गया संसार
बदल गया संसार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शब्द तीर
शब्द तीर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खाली बादलो से क्यों घुमड़ रहे हो
खाली बादलो से क्यों घुमड़ रहे हो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
घोड़ी कभी चढ़ना नहीं
घोड़ी कभी चढ़ना नहीं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खिले फूल मुरझाने लगे
खिले फूल मुरझाने लगे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मयनोशी सी आँखों के है क्या कहने
मयनोशी सी आँखों के है क्या कहने
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
धूँए की आँच से
धूँए की आँच से
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बहन की फरियाद
बहन की फरियाद
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तोहमतें लगी में हैं बढ़ रही
तोहमतें लगी में हैं बढ़ रही
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गुलाब
गुलाब
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
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