सुखविंद्र सिंह मनसीरत Tag: घनाक्षरी 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Nov 2021 · 1 min read प्रेम सीमा *मनहरण घनाक्षरी* **************** **** प्रेम -सीमा*** **************** प्रेम की नहीं है सीमा, कोई चाहे न हो बीमा, शत्रु से वैर नहीं, होता जब भरोसा है। बेजुबान होते चाहे, जानवर प्यारे... Hindi · घनाक्षरी 2 1 281 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Nov 2021 · 1 min read घर घर दीप जले मनहरण - घनाक्षरी *************** **घर-घर दीप जले* **************** घर - घर दीप जले, खुशियों के पल मिले, सभी के मन खिले, आई आज दीवाली है। गुलाब सा दिल खिला, रोम... Hindi · घनाक्षरी 1 543 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Jun 2021 · 1 min read नीर में आग लगे *मनहरण - घनाक्षरी* **नीर में आग लगे** **************** झील में है शीत पानी, चढ़ती हुई जवानी। दीवाने संग दीवानी, प्रेमिल की आस हैं।। नीर में भी आग लगे, सोये स्वप्न... Hindi · घनाक्षरी 2 290 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Jun 2021 · 1 min read प्रेम रंग मनहरण घनाक्षरी ****प्रेम - रंग*** *************** डलहीज के शिकारे, बैठे प्रीत के सितारे। मदहोश मस्त लीन, चढ़ी प्रेम भंग है।। झील दरमियान में, घिरे नेह के तूफ़ां में। रसपान को... Hindi · घनाक्षरी 1 281 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Jun 2021 · 1 min read चाची की बरसी *** चाची की बरसी *** ** मनहरण घनाक्षरी ** ****************** चाचा से थी प्यारी चाची, लाड़ लड़ाती थी चाची। कोरोना से हार गई, हुई स्वर्गवासी है।। साल बाद बरसी आई,... Hindi · घनाक्षरी 1 516 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Jun 2021 · 1 min read मीन *मनहरण घनाक्षरी* ***** मीन ****** **************** ये दुनिया हसीन है, ज्यों चलती मशीन है। जगत की रीत देखो, क्यों ये मनु दीन है।। ताल का मलीन पानी, सागर सा नही... Hindi · घनाक्षरी 1 490 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jun 2021 · 1 min read ओस बूँद * मनहरण घनाक्षरी* ***************** *****ओस- बूँद**** ओस की हैं बूँदे आई, धरा पर है बिछाई । रात रो रो है बिताई, जिंदगी अश्क बनी।। सूर्य किरण है आए, ओस है... Hindi · घनाक्षरी 324 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 May 2021 · 1 min read सास बहू **मनहरण घनाक्षरी** ***** सास-बहू **** ***************** बहु नहीं काम करो, जरा तो आराम करो। तुम भी तो इंसान हो, निलय की शान हो।। सास की ये मीठी गोली, सुन कर... Hindi · घनाक्षरी 279 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 May 2021 · 1 min read अंगारे *मनहरण घनाक्षरी* **** अंगारे ***** *************** अंगारे बड़े गर्म है, पैर बहुत नर्म है। चलना हर हाल में, विजय की चाह है।। काँटों भरी डगर है, न अगर मगर है।... Hindi · घनाक्षरी 282 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 May 2021 · 1 min read बेटी घर संसार ** बेटी घर संसार ** *****घनाक्षरी***** घर मे है चहकती। फूलों सी हैं महकती।। आंगन हो सूना सूना। बेटी घर संसार।। नन्ही नन्ही चिड़िया हैं। खुशियों की पुड़िया है।। घर... Hindi · घनाक्षरी 743 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 May 2021 · 1 min read छलावा **मनहरण घनाक्षरी** ***** छलावा ****** प्यार नही छलावा है। दुनिया मे दिखावा है।। भरोसा कहीं न रहा। प्रेम अंधा ही रहा।। स्त्री करती मनमानी। कौन होगा दिलजानी।। अदा उसकी मस्तानी।... Hindi · घनाक्षरी 1 306 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 May 2021 · 1 min read कली *प्रतियोगिता हेतु ****************** *मनहरण घनाक्षरी* *(शब्द-कली)के साथ* ******************* बागों में है कली खिली, दुनिया की खुशी मिली। अब न कोई है गिला, जान में जान आई।। हिय में बहार छाई,... Hindi · घनाक्षरी 515 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jan 2021 · 1 min read हिंदी दिवस **मनहरण घनाक्षरी** *** विषय-हिन्दी *** ***************** हिन्दी हिन्दू हिंदुस्तान, हिन्द देश की है शान। स्वाभिमान अभिमान, भारत का मान है। अंग्रेजी का बोलबाला, हिन्दी बेचारी है बाला। बेगानी सी लगे... Hindi · घनाक्षरी 341 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 May 2020 · 1 min read रिमझिम बारिश (चौपाई) ***** रिमझिम बारिश ***** (चौपाई) *********************** रिमझिम रिमझिम बारिश आई प्रेम वर्षण की झड़ी लगाई आसमान में छाये बादल काले घने घनरे बादल धरती पर छम छम बरस रहे नभ... Hindi · घनाक्षरी 2 746 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Apr 2020 · 1 min read माँ घनाक्षरी ***********माँ (घनाक्षरी)************* *********************************** गोदी माँ की झूल कर किया बाल्यकाल पार । तोतली बोली समझे माँ की शक्ति अपार ।। सब को है खिला कर जूठा खाती फिर आप। कभी... Hindi · घनाक्षरी 1 2 401 Share