राहुल द्विवेदी 'स्मित' 36 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read आईने सा टूट जाना बन्द कर आईने सा टूट जाना बन्द कर । ख्वाब ! यूँ नखरे दिखाना बन्द कर ।। कब तलक वादों की मैयत में रहूँ ; अब मुझे तू याद आना बन्द कर... Poetry Writing Challenge 1 87 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 20 Jan 2023 · 1 min read उनको मत समझाइए उनको मत समझाइए, जिनको नही तमीज । अरबों में बिकती नहीं, दो कौड़ी की चीज ।। राहुल द्विवेदी 'स्मित' Hindi · Rahul Dwivedi Smit · कविता · दोहा · राहुल द्विवेदी · राहुल द्विवेदी स्मित 1 250 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 21 Jan 2017 · 2 min read पुकार- एक बेटी की माँ...माँ...माँ .. कौन...? माँ...मैं हूँ तुम्हारे अंदर पल रहा... तुम्हारा ही अंकुर... जिसे तुमने....हाँ तुमने... कितनी ही रातें...कितने ही दिन.. अपने अरमानों सा... पाला है... सजाया है.... माँ मैं तुम्हारी..... Hindi · कविता 1 1 742 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read जिन्दगी भर दर्द का सेहरा मिला जिन्दगी भर दर्द का सेहरा मिला । एक तो'हफा प्यार में ऐसा मिला ।। याद तन्हाई तड़प रुसवाईयाँ ; साथियों का ऐसा' भी मजमा मिला । उम्र भर जिसके लिए... Poetry Writing Challenge 234 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read हमारी कसमें हमारे' वादे हमारे शिकवे कमाल दे दे हमारी कसमें हमारे' वादे हमारे शिकवे कमाल दे दे । मेरी मोहब्बत का' ऐ मुसाफिर वहीं पुराना खयाल दे दे ।। तुम्हारी बातें तुम्हारे चर्चे तुम्हारे जलवे तुम्हे मुबारक ।... Poetry Writing Challenge 162 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read तू कहता है कि तू प्यासा नहीं है तू कहता है कि तू प्यासा नहीं है । समन्दर है तो क्यों दिखता नही है ।। अगर खामोश है कुछ बात होगी ; ये उसका कुदरती लहजा नहीं है... Poetry Writing Challenge 221 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read कुछ न कुछ होंगी यकीनन उसकी भी मजबूरियाँ कुछ न कुछ होंगी यकीनन उसकी भी मजबूरियाँ । यूँ ही तो फूँकी न होंगी उसने दिल की बस्तियाँ ।। आदमी हैवान की भी शक्ल ले सकता है गर ;... Poetry Writing Challenge 119 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read करके' जादू असर गया कोई करके' जादू असर गया कोई । उसकी' खुशबू से' भर गया कोई ।। सोच की हद नहीं हुआ करती ; यूँ ही' तारों के' घर गया कोई । शह्र में... Poetry Writing Challenge 197 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read इक ग़ज़ल पढ़ के तुम्हारी इक ग़ज़ल पढ़ के तुम्हारी । बढ़ गई है बेक़रारी.. ।। नम हैं पलकों के किनारे । कुछ निशानी है तुम्हारी।। ये असर तेरी अदा का, ग़ज़लों में भी है... Poetry Writing Challenge 190 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read भावाञ्जलि बाल लेखनी को कहाँ, मिला कभी विस्तार। शब्दों का सुंदर गठन, भावों का आकार।। शब्द शून्य, भाव शून्य, काव्य का प्रभाव शून्य मूढ़ मति कविता से, दूर भागने लगी। एक... Poetry Writing Challenge 150 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 3 min read चीख उठी है स्वयं वेदना, देख क्रूरता के मंजर चीख उठी है स्वयं वेदना, देख क्रूरता के मंजर । निष्ठुरता ने मानवता को, मार दिया खूनी ख़ंजर । गलियाँ-गलियाँ सुबक रही हैं, वादी-वादी दहशत है । सन्नाटों में कहीं... Poetry Writing Challenge 95 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read सम्बन्धों की आड़ में, फन फैलाये शूल। सम्बन्धों की आड़ में, फन फैलाये शूल। ज्यों फूलों की पाँखुरी, ओढ़े हुए बबूल।। रिश्तों के मकरंद में, भर आती दुर्गंध। समझौतों के गोंद से, जुड़ते जब सम्बंध। नहीं रही... Poetry Writing Challenge 156 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read मत्तगयन्द सवैया मत्तगयन्द सवैया रामहि संग सिया मनही मन रास रचाय लजाय रही हैं । प्रीत फुहार अगार पगार व तीनहुँ लोक लुभाय रही हैं । लोक बिसार बिसार सभी कुछ फाग... Poetry Writing Challenge 229 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 2 min read आज देश में संबिधान की मर्यादा भी डोल गयी आज देश में संबिधान की मर्यादा भी डोल गयी । अनुच्छेद व अनुसूची का काला दर्पण खोल गयी । मानवता भी शर्मसार है ऐसे चन्द दलालों से । नारी का... Poetry Writing Challenge 202 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 2 min read सन्नाटों में चीख रहे हैं, दहशत के हथियार मगर सन्नाटों में चीख रहे हैं, दहशत के हथियार मगर । भारतवासी समझ रहे हैं, इसको ही त्यौहार मगर । भला मौत के पंजे भी कब, त्योहारों के दर्पण थे ।... Poetry Writing Challenge 39 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read तुम जीवन की अमर शिखा हो चंचल-चंचल नेत्र तुम्हारे, सम्मोहन की हाला । रूप तुम्हारा प्रिये प्रकृति के, यौवन की मधुशाला । सांसों के झंकृत साजों से, जीवन भी गति पाते । प्रिये तुम्हारे भोले मन... Poetry Writing Challenge 152 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read सूरज बन सकता है यहीं शाश्वत सत्य, भला कब हीरा खुद को जाने । उसकी प्रतिभा केवल उसका, धारक ही पहचाने । तुलसी सूर कबीर जन्म से, कवि तो नहीं हुए थे । किन्तु... Poetry Writing Challenge · सार छंद 48 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read वह शिक्षक है इस ज्ञान सिंधु के बीच सहज जो करे वास वह शिक्षक है । देकर सुगन्ध जो मन भर दे ऐसा पलास वह शिक्षक है । पशुता के कर्कश वचनों में... Poetry Writing Challenge · कविता · छंद · शिक्षक 92 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read महाभुजंगप्रयात सवैया महाभुजंगप्रयात सवैया १) सदा पंथ की धूल माथे सजाये, नए पंथ की सर्जना कीजियेगा । सुधा बाँटियेगा सभी मे सदा और प्याले विषैले स्वयं पीजियेगा । स्वयं के दुखों को... Poetry Writing Challenge 160 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read प्रिये तुम्हारे बाद है (पञ्चचामर छंद) मिले जो' तुम तो' प्रीत की, बयार गुनगुना उठी । यों' रोम-रोम खिल उठे, नजर-नजर लजा उठी । हजार स्वप्न जी उठे, हजार मौन गा उठे । अगेय छंद हो... Poetry Writing Challenge 76 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read प्यार प्यार नुमाइश के घुँघरू की तान नहीं । प्यार बेहूदे साजों वाला गान नहीं । प्यार तथ्य है, यह अंधा अनुमान नहीं । प्यार किसी की हमदर्दी का दान नहीं... Poetry Writing Challenge 84 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read माँ (गीतिका) तिनका-तिनका अरमानों की सेज सजाये बैठी माँ । डांट डपट सुनकर भी कितनी आस लगाये बैठी माँ ।। आँखों में सपनों का सागर दिल में ममता की गंगा ; चुपके-चुपके... Poetry Writing Challenge 65 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read एक तुम्हारा प्यार तुम्हारी यादों का संसार । हमारी साँसों का श्रृंगार ।। हृदय की हर धड़कन का साज ; प्रिये बस एक तुम्हारा प्यार । तुम्हारे चपल सजीले नैन ; जगत की... Poetry Writing Challenge 93 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read खुद को बड़ा बनाओ तो बस कहने से नहीं चलेगा खुद को बड़ा बनाओ तो, खुद के जख्म छुपाकर प्यारे गैरों को अपनाओ तो..... बस कहने से........।। नदी बड़ी है अहसासों की नाले ताल तलैया... Poetry Writing Challenge 156 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read विधा गीतिका शुद्ध पावन सुगर्भित विधा गीतिका । भाव श्रंगार पूरित विधा गीतिका ।। गीतिका छंद छन्दों का' गलहार है ; तो है कुण्डल सुमंडित विधा गीतिका । मापनी और छंदों का... Poetry Writing Challenge 130 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read एक तुम्हारा प्यार तुम्हारी यादों का संसार । हमारी साँसों का श्रृंगार ।। हृदय की हर धड़कन का साज ; प्रिये बस एक तुम्हारा प्यार । तुम्हारे चपल सजीले नैन ; जगत की... Poetry Writing Challenge 71 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read माँ (गीतिका) तिनका-तिनका अरमानों की सेज सजाये बैठी माँ । डांट डपट सुनकर भी कितनी आस लगाये बैठी माँ ।। आँखों में सपनों का सागर दिल में ममता की गंगा ; चुपके-चुपके... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · माँ 163 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read दिल यहीं पहचान तेरी है एक टूटी सी हवेली है । दिल यहीं पहचान तेरी है ।। आईना वो जानता है दोस्त ; सबके खातिर जो पहेली है । दोस्ती का पूछ ही मत यार... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 136 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 19 Jan 2023 · 1 min read आत्मा को ही सुनूँगा जो मुझे कर दें विवश उन बेड़ियों को काट कर अब, मैं निरन्तर शोध की संकल्पना को ही बुनूँगा। धर्म की परछाइयाँ ही, जब मुझे खलने लगेंगी। बन्द मुट्ठी की... Hindi · कविता · गीत · हिंदी कविता · हिंदी गीत 238 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 21 Jan 2017 · 1 min read एक सूरज उगा रहा हूँ मैं मुश्किलें हैं, मिटा रहा हूँ मैं । एक सूरज उगा रहा हूँ मैं ।। गर्म आहें घुटन सिसकते पल । इन फिजाओं से दूर कुछ बेकल । लौट कर जल्द... Hindi · गीत 205 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 21 Jan 2017 · 2 min read मैं कवि होकर केवल कवि का फर्ज निभाता हूँ अत्याचारी कुटिलों को मैं, आँख दिखाता हूँ । दुखियारी आँखों के काजल, को बहलाता हूँ । मैं कवि होकर, केवल कवि का, फर्ज निभाता हूँ....।।टेक।। जब जीवन की राह कटीली,... Hindi · गीत 260 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 21 Jan 2017 · 1 min read जिन आँखों में बंजर दुनिया जिन आँखों में बंजर दुनिया । उनकी खातिर पत्थर दुनिया ।। बैठे सौ संवाद अकेले, घूर रहे सागर के जल को । तूफानों के शब्द हृदय में, देख रहे लहरों... Hindi · गीत 291 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 21 Jan 2017 · 1 min read कोई बिछड़ा याद न आये इस तन्हाई के कानन से, क्या है कोई मुक्ति बता । कोई बिछड़ा याद न आये, ऐसी कोई युक्ति बता ।। अलसाई है धूप और हम, किसी धुंध में खोये... Hindi · गीत 265 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 21 Jan 2017 · 1 min read समंदर में हुआ कुछ हादसा है 1222 1222 122 १२२२ १२२२ १२२ समन्दर में हुआ कुछ हादसा है । तभी अंदाज लहरों का जुदा है ।। दिखावे की ज़रूरत किस लिये हो हुनर तो ख़ुद- ब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 325 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 21 Jan 2017 · 1 min read बिना तुम्हारे रह न सकूँगा मेरी पलकों के साये में, ख़्वाब सजाकर तुम पलते हो । बिना तुम्हारे रह न सकूँगा, यदि कहते हो, सच कहते हो ।। इन साँसों का साज अगर है, तो... Hindi · गीत 457 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 21 Jan 2017 · 1 min read जन्मदिन शब्द शून्य हैं, भाव शून्य हैं कैसे तुम्हे बधाई दूँ ; शीतल प्राणवायु मैं तुमको क्या स्नेहिल पुरवाई दूँ । महके चन्दन सा मन पावन नित शिखरों के चुम्बन से... Hindi · कविता 498 Share