श्रीकृष्ण शुक्ल Tag: काव्य संग्रह 1 52 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid श्रीकृष्ण शुक्ल 21 Feb 2024 · 1 min read तुम मेरे दिल की धड़कन हो। तुम मेरे दिल की धड़कन हो। मेरे जीवन की बगिया को तुमने अपने श्रम से सींचा। सूखी बंजर सी धरती पर हरीतिमा का मंडप खींचा।। पतझर जैसे इस जीवन में... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 89 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 2 Feb 2024 · 2 min read सोचो, परखो, तोलो, जॉंचो, फिर अपना मत देना भाई। सोचो, परखो, तोलो, जाँचो, फिर अपना मत देना भाई जागो मतदाता अब जागो, फिर चुनाव की बेला आई। सोचो, परखो, तोलो, जाँचो, फिर अपना मत देना भाई।। राजनीति के मँजे... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 76 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 2 Feb 2024 · 1 min read रात स्वप्न में रावण आया रात स्वप्न में रावण आया। रात स्वप्न में रावण आया, डर से मुझे पसीना आया, बोला कविवर मत घबराओ, मेरी भी कुछ व्यथा सुनाओ, युगों पूर्व ही हार गया था,... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 47 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Jan 2024 · 1 min read मेरे भीतर मेरा क्या है मेरे भीतर मेरा क्या है तन भी नश्वर मन भी नश्वर सोच जरा फिर, तेरा क्या है कोई अब तक जान न पाया, मेरे भीतर मेरा क्या है ह्रदय सतत्... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 81 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Jan 2024 · 1 min read अपने सपने तू खुद बुन। अपने सपने तू खुद बुन। जाग नींद से कुछ तो सुन,अपना भाग्य विधाता चुन।। राग बज रहा दरबारी, इक दूजे पर सब भारी। शहर शहर.चौपालों में, नौटंकी की गूँजे धुन।।... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 81 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Jan 2024 · 1 min read धरती मां का हम पर कितना कर्ज है। धरती माँ का हम पर कितना कर्ज है ------------------------------------- सोचो तो इस धरती माँ का हम पर कितना कर्ज है। और हमारा धरती के प्रति सोचो तो क्या फर्ज है।... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 52 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Jan 2024 · 1 min read आओ थोड़े वृक्ष लगायें। आओ थोड़े वृक्ष लगायें। ---------------------------------- आओ थोड़े वृक्ष लगायें हरी भरी ये धरा बनायें। ये धरती को बाँधे रखते। भूजल का संरक्षण करते। स्वयं धूप में तपते हैं पर प्राणवायु... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 43 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Jan 2024 · 1 min read सुनो जरा कविता कुछ कहती है सुनो जरा कविता कुछ कहती है सुनो जरा कविता कुछ कहती है जाने क्या क्या बातें करती है तेरे मेरे भीतर बाहर के सारे भाव उजागर करती है सुनो जरा... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 54 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Jan 2024 · 1 min read अंधकार मिट जाएगा अंधकार मिट जाएगा मिलजुल कर सब काम करें तो, लक्ष्य सरल हो जाएगा कोटि दीप जब जल जाएंगे, अंधकार मिट जाएगा अपने घर की साफ सफाई,, हम सब प्रतिदिन करते... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 41 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Jan 2024 · 2 min read सिर्फ कलैंडर ही बदला है, किंतु न बदला हाल।। सिर्फ कलैंडर ही बदला है, किंतु न बदला हाल।। कैसे जानें आ पहुँचा है, एक नया फिर साल। सिर्फ कलैंडर ही बदला है, किंतु न बदला हाल।। है वही गरीबी... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 80 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Jan 2024 · 1 min read प्रिय मेरा विश्वास तुम्हीं हो' 'प्रिय मेरा विश्वास तुम्हीं हो' (समस्या पूर्ति गीत) प्रिय मेरा विश्वास तुम्हीं हो, इस जीवन की आस तुम्हीं हो बिना तुम्हारे कट न सकें जो, मेरे दिन और रात तुम्हीं... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 34 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Jan 2024 · 1 min read राह अपनी खुद बनाना राह अपनी खुद बनाना, जिंदगी आसान होगी। कर्म करना तुम निरंतर, हर खुशी परवान होगी राह अपनी खुद बनाना, जिंदगी आसान होगी। मार्ग के कंटक तुम्हारे, पाँव को घायल करेंगे... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 47 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Jan 2024 · 1 min read कोई ऐसा दीप जलाओ कोई ऐसा दीप जलाओ दीवाली की धूम मची है, हर दिल में खुशियां अपार है घर बाहर आँगन चौबारे दीपों का तम पर प्रहार है रात अमावस की है लेकिन... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 46 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Jan 2024 · 1 min read मैं हूं वही तुम्हारा मोहन मैं हूं वही तुम्हारा मोहन तुम मुझको भूले बैठे हो, कैसे तुमको याद दिलाऊँ। मैं हूं वही तुम्हारा मोहन, पर कैसे विश्वास दिलाऊँ। कृष्ण कृष्ण तुम जब कहते हो, मैं... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 50 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Jan 2024 · 1 min read सपनों के गीत सपनों के गीत जीवन के दर्शन पर हमने , जाने कितने गीत लिखे कुछ में अपने दर्द लिखे तो, कुछ सपनों के गीत लिखे जीवन पथ पर कदम कदम पर,पल... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 97 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Jan 2024 · 1 min read आया बसंत आया बसंत ऋतु बदल गई, आया बसंत, सबके मन को भाया बसंत। आया बसंत आया बसंत।। जाड़े ने अपनी जिद छोड़ी,धरती ने हरियाली ओढ़ी। खिल उठे पुष्प उपवन महके,हर पादप... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 103 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Jan 2024 · 1 min read अपना हिंदुस्तान रहे अपना हिंदुस्तान रहे हिंदू मुस्लिम नहीं हमारी, हिंदी ही पहचान रहे। हम सबके दिल में अब केवल अपना हिंदुस्तान रहे।। अपना हिंदुस्तान रहे हम विकास के पथ पर चलकर, आगे... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 69 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Jan 2024 · 1 min read आप सुनो तो तान छेड़ दूँ मन के गीत सुनाने को। आप सुनो तो तान छेड़ दूँ मन के गीत सुनाने को। समस्यापूर्ति गीत सृजन: मन ही मन में गीत रचे जो, मन ही मन मुस्काने को । आप सुनो तो... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 57 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 21 Jan 2024 · 1 min read शाश्वत, सत्य, सनातन राम शाश्वत, सत्य, सनातन राम ---------------------------- शुभ मुहूर्त पावन सुख धाम, आयेंगे मंदिर में राम। सुंदर सदन सुमंगल धाम, प्राण प्रतिष्ठित होंगे राम। श्री राम जय राम जय जय राम। श्री... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 1 85 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 7 Nov 2023 · 1 min read मात शारदे इस याचक को केवल ऐसा वर दो। मात शारदे इस याचक को केवल ऐसा वर दो। ज्ञानदान से मेरा तन, मन, अंतर निर्मल कर दो। श्री गणेश सा बालक बनकर, तेरे दर पर आया। ज्ञान आज तक... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत · सरस्वती वंदना 131 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 24 Aug 2023 · 1 min read दुनिया वालो आँखें खोलो, ये अभिनव भारत है। दुनिया वालो आँखें खोलो, ये अभिनव भारत है। अब तुम भी नत मस्तक हो लो, ये अभिनव भारत है। कल तक हमको साँप सँपेरों,वाला कहते आये। हमें मदारी और फकीरों,... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 3 2 496 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 24 Aug 2023 · 1 min read चंदा, हाल तुम्हारा क्या है, अब हम जानेंगे। चंदा, हाल तुम्हारा क्या है, अब हम जानेंगे। चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के पश्चात एक त्वरित बाल कविताः चंदा, हाल तुम्हारा क्या है, अब हम जानेंगे। दूर दुर रहते... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 1 517 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 15 Mar 2023 · 1 min read रंग प्रेम के सबमें बांटो, यारो अबकी होली में। रंग प्रेम के सबमें बांटो, यारो अबकी होली में। हँस लो गा लो, धूम मचा लो, मस्ती और ठिठोली में। बैर भाव को भूल भाल कर, सबको गले लगाना है।... Hindi · काव्य संग्रह 1 · हास्य 214 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 13 Jul 2022 · 1 min read सोच ज़रा क्या खोया तूने, सोच जरा क्या पाया II धन यश वैभव के चक्कर में, जीवन व्यर्थ गँवाया I अंतिम पल वह धन भी तेरे, किंचित काम न आया II काया तो छूटी, माया भी, साथ न ले जा... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 304 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 16 Jan 2022 · 1 min read वोट डालना जरूर, आपका ये काम है वोट डालना जरूर, आपका ये काम है I ----------------------------------------------- यज्ञ लोकतंत्र का, चुनाव इसका नाम है I वोट इसकी आहुति है, वोट ही प्रणाम है II पाँच साल का चुनाव,... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 243 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 22 Dec 2021 · 2 min read पर्वत हैं तो धरती का श्रंगार है पर्वत हैं तो धरती का श्रंगार है वसुंंधरा पर जहाँ जहाँ तक, पर्वत का विस्तार है, ऐसा लगता है वसुधा ने किया हुआ श्रंगार है, पर्वत हैं तो धरती का... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 313 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 12 Aug 2021 · 1 min read सखी ये है कैसा सावन। सखी ये है कैसा सावन। पहले तो तीजो पर भैया, लेने आ जाते थे। आँगन में अमुआ के नीचे, झूले पड़ जाते थे। ननद भावजें मिल जुलकर सब, झूले झुलवाती... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 2 2 593 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 7 May 2021 · 1 min read आओ आशा दीप जलाएं माना चहुँ दिशि अंधकार है। सांसों पर निष्ठुर प्रहार है।। आओ आशा दीप जलाएं, दूर भगाना अंधकार है। रात भले हो घोर अँधेरी, उसकी भी सीमा होती है। रवि के... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 1 2 284 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 26 Apr 2021 · 1 min read आज है बेबस हर इन्सान। आज है बेबस हर इन्सान। आज है बेबस हर इन्सान। सभी के संकट में हैं प्राण।। करोना मचा रहा उत्पात। कर रहा है छिप छिप कर घात। मनुज है बेबस... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 285 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 18 Jan 2021 · 1 min read बहुत हो गया कोविद जी अब तो जाओ बहुत हो गया कोविद जी अब तो जाओ। जाओ भी अब हठधर्मी मत दिखलाओ।। कुछ दिन के मेहमान सरीखे आ जाते। खाते पीते कुछ दिन और चले जाते। लेकिन तुम... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 1 4 229 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 30 Jun 2020 · 1 min read चलो अब लौटें अपने गाँव चलो अब लौटें अपने गाँव -------------------------------- उखड़ने लगे यहाँ से पाँव। चलो अब लौटें अपने गाँव। बुला रहा है बूढ़ा पीपल, अरु बरगद की छाँव। चलो अब लौटें अपने गाँव।... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 3 1 217 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 26 Apr 2020 · 1 min read कोरोना का संकट मित्रों, कब तक हमें डरायेगा। कोरोना का संकट मित्रों, कब तक हमें डरायेगा। ---------------------------------------------------------- कोरोना का संकट मित्रों, कब तक हमें डरायेगा। अनुशासन में अगर रहेंगे, तो संकट टल जायेगा।। लॉकडाउन में कब तक खुद... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 1 344 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 12 Jan 2020 · 1 min read नववर्ष मात्र इतना करना। नववर्ष मात्र इतना करना पूरा करना सबका सपना चहुँ ओर शांति सुख चैन रहे माँ बहनों का सम्मान रहे वहशी हैवान दरिंदों से नारी की अस्मत बची रहे फिर हो... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 1 4 221 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 18 Sep 2019 · 1 min read कुछ हमको भी जी लेने दो कुछ हमको भी जी लेने दो। कुछ हमको भी खुश रहने दो।। हम तो सुनते ही आए हैं , सुन सुन कर घुटते आए हैं, अपने सपने ध्वस्त हुए हैं,... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 2 4 268 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 11 Jun 2019 · 1 min read बेटियाँ अब देश में कैसे जियें। बेटियाँ अब देश में कैसे जियें ----------------------------------- खून के आँसू भला कैसे पियें। बेटियाँ अब देश में कैसे जियें।। हर घड़ी कितनी निगाहें घूरतीं भेड़ियों के बीच हर पल घूमतीं... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 1 374 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 14 May 2019 · 2 min read मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ मैं सीमाओं पर रहूँ सजग, अपना कर्तव्य निभाता हूँ मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ, चरणों में शीश झुकाता हूँ। है शस्य श्यामला भारत माँ, मुझको प्राणों से प्यारी है... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 1 2 411 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 13 Aug 2018 · 2 min read दुनियादारी मिलना जुलना, शादी उत्सव, यारी रिश्तेदारी एक लिफाफे में सिमटी है सारी दुनियादारी प्रेम भाव तो लुप्तप्राय दिखता है संबंधों में रिश्ते तो अब बचे हुए हैं केवल अनुबंधों में... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 701 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 31 Jul 2018 · 2 min read नमामि गंगे हर हर गंगे नमामि गंगे हर हर गंगे ============== नमामि गंगे सुनते सुनते इक दिन हमने भी ये सोचा गंगा को हम भी दे आएं पापों का सब लेखा जोखा स्वच्छ मिलेगी गंगा... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · हास्य व्यंग रचना 738 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 16 May 2018 · 1 min read माँ तेरा अहसास लगता है तुम यहीं कहीं हो छिपी हमारे पास यदा कदा होता रहता है माँ तेरा अहसास तुमने ही जन्म दिया मुझको जब आँख खुली तुमको पाया पहला स्पर्श तुम्हारा... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 1 2 587 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 1 May 2018 · 1 min read हम श्रमिक आज श्रमिक दिवस है. श्रमिक की वेदना व्यक्त करती मेरी कविता. हम श्रमिक हम रहे श्रमिक हम क्या जानें अच्छे दिन कैसे होते हैं दो जून की रोटी की खातिर,... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत · सामाजिक विसंगतियां 241 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 21 Mar 2018 · 1 min read फुटपाथों का बचपन आँखों में अगणित प्रश्न लिए और मन में बस जिज्ञासा तन से कोमल मन से कुंठित लगता है डरा डरा सा बचपन में मानो जान लिया हो सारा जीवन दर्शन... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · सामाजिक विसंगतियां 469 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 18 Mar 2018 · 1 min read हम दर्पण भी दिखलाते हैं हम भक्त नहीं, शुभचिंतक हैं, हम सच्ची बात बताते हैं केवल गुणगान नहीं करते, हम दर्पण भी दिखलाते हैं क्यों जनता तुमसे विमुख हुई, क्यों उसने तुम्हें हराया है थोड़ा... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · सचेतक 431 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 25 Feb 2018 · 1 min read होली है आज गले मिल लो मन के सारे बंधन खोलो होली है आज गले मिल लो इस अवसर पर लज्जा कैसी ये तो है रीत जमाने की तुम कर लो आलिंगन कर लो होली है... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत · पर्व विशेष 259 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 25 Jan 2018 · 1 min read रंग तिरंगे के छाएं जन जन को प्राणों से प्यारा, ये गणतंत्र हमारा है संविधान निज मिला राष्ट्र को, सबका बना सहारा है संविधान के इस उत्सव को, हम प्रतिवर्ष मनाते हैं भारत माँ... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · देश भक्ति 419 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 12 Oct 2017 · 1 min read मन की कोई थाह नहीं पल में जाता आसमान पे पल में सपनों की उड़ान पे सपनों में ही भरे कुलाचें मन को कुछ परवाह नहीं मन को कोई जान न पाया मन की कोई... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत · जीवन दर्शन 1 730 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 6 Oct 2017 · 1 min read शत् कोटि नमन मेरे भगवन् भगवान तुम्हारी करुणा से चलता क्षण क्षण मेरा जीवन किस भांति तुम्हें आभार कहूं शत कोटि नमन मेरे भगवन रवि बनकर तुमने दिया तेज चंदा बनकर शीतलता दी धरती मां... Hindi · ईश प्रार्थना · काव्य संग्रह 1 · गीत 267 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 17 Sep 2017 · 1 min read श्वासों का होम नित्य होम श्वासों का करता हूँ नित्य ही जीता नित्य ही मरता हूँ सूनी आँखों में स्वप्न सँजोए हैं, बगिया में थोड़े पौधे बोए हैं विकसित होंवें ये फूलें और... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत · सामाजिक विसंगतियां 600 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 20 May 2017 · 1 min read गतिमान रहो दो पल का ये नश्वर जीवन हर पल इसको भरपूर जियो तुम किस उलझन में ठहरे हो गतिमान रहो, गतिमान रहो रवि में गति है, शशि में गति है पृथ्वी... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · जीवन दर्शन 1 2 405 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 31 Mar 2017 · 4 min read जन्मभूमि पर रामलला के मंदिर का निर्माण हो पूरी हो मन की अभिलाषा जन जन का कल्याण हो जन्मभूमि पर रामलला के मंदिर का निर्माण हो आक्रंता था बाबर जिसने जन्मभूमि कब्जाई थी परकोटों का नाम बदल कर,... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · धार्मिक 878 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 8 Mar 2017 · 1 min read द्रौपदी ही अब हरेगी द्रौपदी के उर की पीड़ा रोज होते हैं स्वयंवर, रोज होती द्यूत क्रीड़ा है नहीं कोई हरे जो, द्रौपदी के उर की पीड़ा दांव पर लगती है प्रतिदिन द्रौपदी क्षण क्षण यहां पर आस्था थी... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · नारी विमर्ष 698 Share Page 1 Next