सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' Tag: घनाक्षरी 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Sep 2021 · 1 min read मुंँहवे झुराइल बा घनाक्षरी रहिया में जगे- जगे, पेवना सटात बाटे, भाई हो लागत बाटे, वोट नियराइल बा। दुख बाँटे वाला हाथऽ, छोडते हवे न साथऽ, नेता सब गोड़वे में, देखीं लेपटाइल बा।... Bhojpuri · घनाक्षरी 232 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Sep 2021 · 1 min read जय बाबा विश्वकर्मा घनाक्षरी सृजन बाबा विश्वकर्मा जी के, नमन करत बानी, देव शिल्पी नमवा से, जाने ला जहनवा। परबत नदी नाला, झरना करेला हाला, उहे सिरजवनीं हँ, धरती गगनवा। महल अटारी सब,... Bhojpuri · घनाक्षरी 399 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 16 Sep 2021 · 1 min read बाबा विश्वकर्मा बाबा विश्वकर्मा जी के, नमन करत बानी, देव शिल्पी नमवा से, जाने ला जहनवा। परबत नदी नाला, झरना करेला हाला, उहे सिरजवनीं हँ, धरती गगनवा। महल अटारी सब, चमकत गाड़ी... Bhojpuri · घनाक्षरी 387 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Aug 2021 · 1 min read घनाक्षरी माई पुचुकारऽ तारी, माइये दुलारऽ तारी, हँसी-हँसी कहें बेटा, आ हमरी ओरिया। बेटवा के दुखवा ना, माई के सहाला कबो, माइयो के भरि जाला, अँखिया के कोरिया। माई वाला ममता... Bhojpuri · घनाक्षरी 302 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read माई के ललनवा बम चले गोली चले, उहँवा न बोली चले, सीमवा प सीना तानि, खाडा बा जवनवा। दुसमन वार करे, कोशिश हजार करे, लजिया बचावऽ ताते, माई के ललनवा। हर घड़ी हर... Bhojpuri · घनाक्षरी 399 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Jul 2021 · 1 min read माई के ललनवा बम चले गोली चले, उहँवा न बोली चले, सीमवा प सीना तानि, खाडा बा जवनवा। दुसमन वार करे, कोशिश हजार करे, लजिया बचावऽ ताते, माई के ललनवा। हर घड़ी हर... Bhojpuri · घनाक्षरी 1 591 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read भोजपुरी धनाक्षरी ____________________________ दिन दुपहरिया में, सांझी के पहरिया में, आठो घड़ी खेतवे में, पलेला किसनवा। रिमझिम बूनी पड़े, कान्हे प कुदारी धरे, खेतवा की ओर देखऽ, चलेला किसनवा। दिन रात जरे... Bhojpuri · घनाक्षरी 2 481 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Jul 2021 · 1 min read घनाक्षरी विधा:- घनाक्षरी ____________________________ दिन दुपहरिया में, सांझी के पहरिया में, आठो घड़ी खेतवे में, पलेला किसनवा। रिमझिम बूनी पड़े, कान्हे प कुदारी धरे, खेतवा की ओर देखऽ, चलेला किसनवा। दिन... Bhojpuri · घनाक्षरी 335 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Jul 2021 · 1 min read सास बहू विधा:- घनाक्षरी ________ बठेला कपार रोजऽ, लड़े ले बहाना खोजऽ, सासुजी से कबो नाहीं, बोले ले पतोहिया। केतनो चिल्लात रहें, बाबु दादा कुछु कहें, जगहि से अपनी ना, डोले ले... Bhojpuri · घनाक्षरी 264 Share