Mugdha shiddharth Tag: मुक्तक 326 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mugdha shiddharth 3 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. फूलों के जन्मदिन को कब उत्स्वित किया जाता है दिल की बातें हैं शब्दों से सोपान कहां दिया जाता ! ...सिद्धार्थ *** २. कुछ मेरे हिस्से केख़्वाबों को तुम्हारा... Hindi · मुक्तक 1 1k Share Mugdha shiddharth 29 Nov 2020 · 1 min read बेटी तेरे ज़ीस्त के गुलिस्ताँ में मेरी जाॅं कभी पतझड़ न आए बसंत ही बसंत हो तितलियों सा उड़ना तू भूल न पाए बदन के नाव में कभी कोई छेद न... Hindi · मुक्तक 3 528 Share Mugdha shiddharth 14 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. भेजा था एक पैगाम हवा के पर पे तुम्हे मिली थी क्या ...? पूछना था... खुश रहते हो क्या...? मेरे शब्दों से रिश्ता बनाकर... ...सिद्धार्थ २. तुम दूर हो... Hindi · मुक्तक 3 533 Share Mugdha shiddharth 27 Aug 2019 · 1 min read कई खत १. दूर भी रहते हैं वो पास भी रहते हैं वास्ता नही रखते हमसे बस छुप-छुप के तकते हैं इश्क सरेआम जाहिर न हो जाय बस इससे ही तो वो... Hindi · मुक्तक 3 515 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read डर क्या कहा सड़कें लंबी चौड़ी और बड़ी हैं क्या बोलते हो साहब हमने हौसलों से ही नंगे पांव इन्हें नाप दिया है ~ सिद्धार्थ डराओ मुझे कि डरने को ही... Hindi · मुक्तक 1 531 Share Mugdha shiddharth 12 Sep 2019 · 1 min read कितना पानी क्या करोगी ईतना पानी क्या करोगी मेरे आंखों का पानी काफी हैं सेहरा को तर कर जाने के लिए उम्मीदों का सूरज गहरा है सपनों का दीपक बुझाने के लिए। वो इम्तहाँ... Hindi · मुक्तक 3 1 550 Share Mugdha shiddharth 9 Sep 2019 · 1 min read याद तुम्हें याद करने को रूह को काम पे लगाया है जिस्म को तो यारा, मेरे फुरसत ही नही मिलती ! ...सिद्धार्थ २. हरदम याद करते हैं, तेरे ही साथ रहते... Hindi · मुक्तक 2 1 498 Share Mugdha shiddharth 26 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक होता है सब का फितूर जुदा-जुदा किसी को बूत में किसी को आयतों में दिखे ख़ुदा। हमारी बात औरों से बिकुल है जुदा-जुदा हँसते खिलखिलाते बच्चों में दिखे ख़ुदा कुछ... Hindi · मुक्तक 3 503 Share Mugdha shiddharth 5 Nov 2019 · 1 min read मुक्तक १. आज चांद को देखा, वो बड़ी इंतजार के बाद आया रौशनी के पलकों के तीर से गिर जाने के बाद आया । एक तुम हो और दूजा मेरा वो... Hindi · मुक्तक 3 468 Share Mugdha shiddharth 8 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक खिलौनों से खेलने की थी हसरत, भूख ने दिल को बड़ा बेज़ार किया रोटी के खातिर मैंने बच्पन की हसरतों को बाज़ार के नाम कर दिया ! ...सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 1 488 Share Mugdha shiddharth 24 Nov 2019 · 1 min read मुक्तक १. तबाही हमारी लेकर आये हो पर तुम अपनी मान से गए आग हमने भी फेंका है क्या हुआ जो हम भी जान से गए। ~ सिद्धार्थ २. तबाही हमारी... Hindi · मुक्तक 3 462 Share Mugdha shiddharth 1 Jan 2020 · 1 min read मुक्तक 1. ये जो कुछ घंटे बचें हैं वो कैसे कटेगा... विश्व गुरु हुए तो देश शिष्य किस को धरेगा...?? 2. ख्वाहिशों के समंदर में दिसम्बर फिर से डूबने वाला है... Hindi · मुक्तक 2 448 Share Mugdha shiddharth 25 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक मेरे दिल को सुकून क्यों नहीं कुछ टुटा है क्या ? मेरे दिल के पिंजर में दो नाम चीख़ कि तरह आया है चित्रकूट की गलियों से ! ।।सिद्धार्थ।। Hindi · मुक्तक 4 447 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read मैंने फिर मैंने आवाज लगाई है अना की धज्जियाँ उड़ा के फिर से इख़लास-ए-मोहब्बत को तो मैंने तनहा देखा कोई आया तो चुप शहर के सीने पे बस मुझे ही बोलता... Hindi · मुक्तक 2 1 482 Share Mugdha shiddharth 1 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक ! दुख इसका नही कि वो शांति की बात नही करते हैं हम परेशां हैं कि वो इंसानियत भुलाने की बात करते हैं। हथियारों के व्यपारी हैं जो, शांति दूत बना... Hindi · मुक्तक 4 480 Share Mugdha shiddharth 13 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक रंगती रही वो गैरों की दीवारों को निस दिन औलाद के आँसू कर के नजरअंदाज पलछिन बेरंग ही रही वो देहारी न मिली जिस दिन ! ...सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 473 Share Mugdha shiddharth 21 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक तुझ पे जाना आंसू मेरे अभी तक उधार है जब मिलना असल नहीं सूद जरा चुकाते हुए जाना तेरा नाम याद रखना था दिमाग को मैंने दिल को पहरे पे... Hindi · मुक्तक 2 508 Share Mugdha shiddharth 21 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक प्रेम में मिलना पाना कुछ होता ही नहीं है "जान" प्रेम अपने अंदर की ऊर्जा है इसे ... किस से मांगोगी और किस से कहोगी प्रेम का करो दान ...... Hindi · मुक्तक 5 3 465 Share Mugdha shiddharth 27 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक मेरे शब्द वो चीख़ है जो हर जख्म पे निकल आती है तू वो हाकिम है जिसके सीने में धडकता दिल ही नहीं। मौत नंगी नाचती रही हर दिन घर... Hindi · मुक्तक 2 490 Share Mugdha shiddharth 11 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक अबकी सखॆ तुम ऎसा करना मुझको अंको में भरना फिर मुझको तुम चंदन करना उस चन्दन से तिलक लगा कर फिर तुम शमर में उतरना महकुंगी मैं तेरे अंग संग... Hindi · मुक्तक 3 466 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read भूखा भूखा सर को उठाए भी तो कहां ये अपने हाल पे रोता है कानों में तेल डाले बैठे सिस्टम अपने खाट पे सोता है कोई जात को रोता है कोई... Hindi · मुक्तक 2 431 Share Mugdha shiddharth 7 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १. अच्छा है दिल को भी कभी कभी खून के आंसू रोने दो अपनी आवारगी पे इसे भी तो पशेमाँ कभी जरा होने दो ! ... सिद्धार्थ २. मेरे इंतजार... Hindi · मुक्तक 3 435 Share Mugdha shiddharth 5 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. हमीं हैं हिंदू हमीं वो मुसलमां हमीं से गुजरा है हर एक इंसा हमीं को चाहो तो तुम मार डालो हमीं मिलेंगे तुम्हें हर एक जगहा ~ सिद्धार्थ 2.... Hindi · मुक्तक 2 426 Share Mugdha shiddharth 4 Dec 2020 · 1 min read मेरी 'जाॅं' मेरी 'जाॅं' होना ना तुम उदास कभी उदासी छीन लेती है आस सभी मेरा छोड़ो, मैं दौर ए सुकूँ का राही नहीं शायद मैं भी लौटूं इस राह कभी ~... Hindi · मुक्तक 4 478 Share Mugdha shiddharth 15 Dec 2020 · 1 min read मन की सीमा न लांघूंगी मन के जिसको सारे रक्त दिए उसने ही मुझ को त्यक्त किए अब किसी को मैं क्या बांधूगी अब फिर मन की सीमा न लांघूंगी ? ~ सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 452 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक वो शब्द कहाँ से लाऊँ, तेरी प्रतिछाया जिसे बनाऊँ एक माँ की जाई हम, आ तेरी परछाईं मैं बन जाऊँ। तू उर में ही मेरे रहती है, कहां कहीं और... Hindi · मुक्तक 3 1 448 Share Mugdha shiddharth 30 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक दुखी दिल से आह के सिवा क्या ही निकलेगा जब भी लब खुलेगा आग के सिवा क्या ही निकलेगा ~ Siddharth पहली बार पैदा हुए थे पहली बार ही मरेंगे... Hindi · मुक्तक 1 437 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read जननी जननी जहां भी रही वहीं पे लुटाया है प्यार एहसासों के बरसने का दूजा नाम है प्यार जननी कभी करती नहीं कभी भेद भाव जहां भी रही सब पे लुटाती... Hindi · मुक्तक 3 2 426 Share Mugdha shiddharth 12 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १. ज़िस्म की गली में जिंदगी का सूरज ढल भी जाय शब्दों के आंगन से बिछोड़ा किस तरह हो पाय । मिट जाते हैं बारहा हर नक़्श कदम के शब्दों... Hindi · मुक्तक 1 2 474 Share Mugdha shiddharth 2 Aug 2020 · 1 min read मुक्तक वो ... क्या करते पांव मेरे उन्हें ठिठक ही जाना था यार की गली में वर्ना रूह को मेरे छूट जाना था ~ सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 1 441 Share Mugdha shiddharth 30 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक तुम क्या मुझको मुझ में मिलोगे? मैं क्या तुमको तुम में कभी मिलूंगी? ये मिलना एक दूसरे को एक दूसरे के अंतर में क्या इसको सम्भव मैं या तुम करोगे?... Hindi · मुक्तक 3 432 Share Mugdha shiddharth 17 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. मैंने, ख़्याबों को कभी अलबिदा कहा ही नही क्यूँ कहूँ आँखे हैं, हक है उसका / ये अलग बात... कुछ पुरे हुए कुछ टूट कर बिखर गए... ...सिद्धार्थ २.... Hindi · मुक्तक 3 452 Share Mugdha shiddharth 20 Apr 2020 · 1 min read चांद चांद चुपके से एक रात तेरे छजजे पे उतर आया होगा तेरी शोख हंसी ने ही उसे मुस्कान का मतलब सिखाया होगा ~ पुर्दिल सिद्धार्थ रात निगलता रहा सूरज को... Hindi · मुक्तक 1 430 Share Mugdha shiddharth 5 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक खैरात नहीं हमें हमारा हक़ का तो दीजिए जो हमारे हक का है बस उतना ही दे दीजिए चंद सिक्के उछाल के मातमपुर्सी कर रहें हैं आप हमारे हक़ पे... Hindi · मुक्तक 2 437 Share Mugdha shiddharth 24 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक आंखों के कोर से उतर कर कलम के छोड़ पे बैठ जाते हो तुम बड़े बेकार हो पुर्दिल कभी आँसू तो कभी स्याही बन जाते हो ...सिद्धार्थ जिंदगी मुझे बदलने... Hindi · मुक्तक 2 456 Share Mugdha shiddharth 18 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक 1. कहने वालों में हम बैठें हैं कौन अपनी सुनपाएगा लफ्ज़ों के बीच फसा जज़्बात अल्फ़ाज़ ही रह जाएगा ~ सिद्धार्थ 2. हम तेरे दिल में एक दिन एहसास बन... Hindi · मुक्तक 2 448 Share Mugdha shiddharth 2 Sep 2019 · 1 min read 'भूख' चौठ का चाँद आज गगन में आया है कुछ कहे दूषित हो तुम कुछ ने ढेला फेंक के मारा है मैं तो हूँ मिथिला की बेटी कैसे कहूँ, आज तू... Hindi · मुक्तक 2 1 414 Share Mugdha shiddharth 5 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक 1. खुद को जला कर भी आग हो जाने का सोचा है हमने हर बुझती आवाज पर हुंकार भरने का सोचा है हमने ! ...सिद्धार्थ 2. ये इश्क चीज ही... Hindi · मुक्तक 2 2 404 Share Mugdha shiddharth 21 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. इश्क में तो हम खुद ही गिरते संभलते दरिया पार कर लेंगे तुम कहो साथी, क्या इंकलाब में मेरा तुम सब साथ दोगे ? जो साथ हो तुम तो... Hindi · मुक्तक 1 406 Share Mugdha shiddharth 4 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक मेरे जिस्म के गली में तुमने जश्न मनाई थी मार कर मुझको, मुझ में मेरी कब्र बनाई थी ! ...सिद्धार्थ *** सांप की बांबियों को तुम दूध पिलाते हो ?... Hindi · मुक्तक 412 Share Mugdha shiddharth 30 Jul 2019 · 1 min read मुक्तक अक्सर दिलों में पुर्दिल, शैतान चुपके से सोता है देख के दूसरों का दुख, मन ही मन वो हंसता है। हस लो तुम अब जी भर के, दर्द न अब... Hindi · मुक्तक 415 Share Mugdha shiddharth 14 Nov 2019 · 1 min read मुक्तक १. फूल ही अपनी खुश्बू पे क्यूँ इतराए यार की यादों की ख़ुश्बू ऐसी पल में कुंवरानी को मीरा कर जाय ! ...पुर्दिल २. दिमाग कहता है छोड़ दूँ तुम्हें... Hindi · मुक्तक 1 1 432 Share Mugdha shiddharth 19 Nov 2019 · 1 min read मुक्तक १. मन्दिर तुम रख लो, स्कूल हमें दे दो मनुस्मृति तुम रख लो, संविधान हमें दे दो भगवान तुम रख लो विज्ञान हमें दे दो जातिवाद के पहाड़ तुम ढोलो,... Hindi · मुक्तक 2 1 420 Share Mugdha shiddharth 21 Oct 2020 · 1 min read प्रेम सापित है ... कुछ लोग वहीं खड़े रह जाते हैैं आजन्म जिस जगह से फूटती है किसी विशेष के मन के छुअन से प्रेम की गंगोत्री ... प्रेम सापित है ... प्रेम में... Hindi · मुक्तक 2 448 Share Mugdha shiddharth 3 Sep 2019 · 1 min read कहना था तुम से १. बिना नून के सालन जैसे गुजर जाता है मौसम जब, गुफ़्तगू आप से होती नही बैठी रह जाती हूँ कुछ तकते, मगर मैं रोती नही ! ...सिद्धार्थ २. कहना... Hindi · मुक्तक 3 3 443 Share Mugdha shiddharth 28 Jul 2020 · 1 min read डायरी के पन्नों पे बुला कर देखते हैं बादशाह होगे तुम अपने घर में हम गलियों के शहजादे हैं रूखी सूखी खाकर भी खुशियां लूट लाते बहुत ज्यादे हैं । ~ सिद्धार्थ चाह कर किसी को हृदय से... Hindi · मुक्तक 3 2 476 Share Mugdha shiddharth 23 Nov 2019 · 1 min read मुक्तक १. हम आएंगे ... किसी दिन तुम से मिलने फिर पूछेंगे क्या तुम्हें भी तंग किया है दिल ने ...पुर्दिल २. कैसे कहूं तेरे हिज्र का बादल कितना घनेरा है... Hindi · मुक्तक 1 407 Share Mugdha shiddharth 9 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १. कुछ गम कुछ खुशियां तेरे दामन में वो टांक गया उम्र था कि एक और साल चुपके से फलाँग गया ! ...सिद्धार्थ २. हम दोनों एक ही माँ की... Hindi · मुक्तक 1 422 Share Mugdha shiddharth 11 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक बेवज़ह ही मन में कुछ सपनें करबट बदल रहें हैं हँसुआ और हथौड़े उठाने को हांथ मचल रहे हैं ! ... सिद्धार्थ *** ये जो इंक़लाबी रफ़्तार है अपने ढंग... Hindi · मुक्तक 2 1 406 Share Mugdha shiddharth 18 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. तुम अब दीवार पे ही टांग दो, तसवीर नही तकदीर मेरी तुम्हारी चालाकियों ने नंगा किया है बदन की तहरीर मेरी ! ...सिद्धार्थ २. न धन कमाया न दौलत... Hindi · मुक्तक 430 Share Page 1 Next