Shekhar Chandra Mitra Tag: कविता 2724 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shekhar Chandra Mitra 2 Nov 2021 · 1 min read दरबारी संस्कृति सामाजिक विसंगतियों पर जो प्रहार न करे! धार्मिक रूढ़ियों पर जो प्रहार न करे! वह साहित्य, संगीत और कला किस काम की हमारी राजनीतिक विकृतियों पर जो प्रहार न करे!... Hindi · कविता 803 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Feb 2022 · 1 min read जाति है कि जाती नहीं यह कौन सभ्यता है यह कैसी संस्कृति है! पालने से चिता तक जहां जाति ही जाति है!! तुम्हारी धूर्तता और हमारी मूर्खता से ही सदियों से भारत में जारी ऐसी... Hindi · कविता 823 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Feb 2022 · 1 min read सच्ची रामायण इस अश्वमेध के घोड़े को कब तक कोई रोकता है! आज के दौर में लव-कुश किसमें साहस कि बनता है! ताकि सीता को न्याय और शंबूक को अधिकार मिले देखा... Hindi · कविता 656 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Nov 2021 · 1 min read जनवादी कविता बेच दिहलस देश ऊ! धर साधु के भेस ऊ!! अपना हर विरोधी पर थोपले जाता केस ऊ!! नाया भारत के सपना भरभरा के टूट गईल! जनता के छाती पर मरलस... Bhojpuri · कविता 743 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Aug 2021 · 1 min read यथास्थितिवाद न्यस्त स्वार्थ यथास्थितिवादी होते हैं। यथास्थितिवाद जड़ता लाता है। जड़ता से सड़न उत्पन्न होती है और सड़न से हमारा पूरा जीवन विषाक्त हो जाता है! Shekhar Chandra Mitra #RomanticRebel Hindi · कविता 1 657 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Sep 2021 · 1 min read बेचू पहिले आपन ईमान बेचलस! तब सरकारी सामान बेचलस!! फेर औरी कुछु जब ना मिलल- तअ जनता के अरमान बेचलस!! सबकुछ आंखी के सामने भईल बाकिर केहू ना समझ पावल! एतना... Bhojpuri · कविता 709 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Jun 2021 · 1 min read यादों की परछाइयां उस सोलहवें साल में अजीबो-गरीब-से हाल में पल भर के मिलन के बाद उम्र भर की जुदाई को कैसे कोई याद करे-२ (१) उस मौत-से सन्नाटे में कब्रिस्तान-से वीराने में... Hindi · कविता · गीत · नज़्म 3 1 710 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Sep 2022 · 1 min read जातियों का विनाश दलितों, तुम हीनता ग्रंथि छोड़ो! आपसी भेदभाव से मुंह मोड़ो!! सचमुच अंबेडकरवादी हो तो अब जाति तोड़ो-समाज जोड़ो!! #DalitLivesMatter #reservation #घमंड #अहंकार #tribes #उत्पीड़न #शोषण #Merit #Caste #Discrimination #आरक्षण #हिंदुत्व Hindi · कविता 1k Share Shekhar Chandra Mitra 23 Jan 2022 · 1 min read शहीदों की विरासत सुभाष चंद्र बोस ने फासीवादी राजनीति को अपना समर्थन कब दिया था? वल्लभ भाई पटेल ने सामंतवादी राजनीति को अपना समर्थन कब दिया था? मुझे तो याद नहीं बिल्कुल अगर... Hindi · कविता 574 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Oct 2021 · 1 min read गुलामी की आदत जाने भी दो, ऐ दोस्त! ये लोग नहीं समझेंगे!! खा-खाकर ठोकरें भी ये लोग नहीं सम्भलेंगे!! सदियों से गुलामी की आदत पड़ी है इनकी ऊंची डिग्री लेकर भी ये लोग... Hindi · कविता 584 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Feb 2022 · 1 min read सोहनी-महिवाल ये साज़िश हुई कैसी धरती-आसमान में! जिसकी कोई मिसाल मिलती नहीं ज़हान में!! कुछ भी न कर सका बेचारा महिवाल! हाय, फंस के रह गई सोहनी तूफ़ान में!! Shekhar Chandra... Hindi · कविता 1 672 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Jul 2021 · 1 min read बगावत दूसरे की नज़र में उठने के लिए अपनी ही नज़र में तुम ना गिरो! अब जो हो-जैसे हो उससे अलग कोई भी काम कभी तुम ना करो!! मौत से ज़्यादा... Hindi · कविता 1 571 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Sep 2022 · 1 min read चंद्रशेखर प्रसाद 'चंदू' आपको इतनी क़ीमत चुकानी तो पड़ेगी! कांटों से अपनी राह सजानी तो पड़ेगी!! ज़िंदगी को अपनी शर्तों पर जीने के लिए अपनी जान की बाजी लगानी तो पड़ेगी!! #Tribute #Chandrashekhar... Hindi · कविता 733 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Jan 2022 · 1 min read दिल्ली दूर नहीं दिल्ली चलो रे साथी! अब दिल्ली दूर नहीं! या तो अब सरकार नहीं या यह दस्तूर नहीं!! हक़ छोड़कर भीख लें इतने मजबूर नहीं! हमें चाहिए ज़िंदा जनता मूर्दा जम्हूर... Hindi · कविता 635 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Jul 2021 · 1 min read लोक कवि रस, छंद, अलंकार, भाषा, शैली- इन सब चीजों के पचड़े में आप बिल्कुल मत पड़िए। अगर आपके हृदय में भाव उमड़ रहे हैं तो आप उन्हें बेधड़क लिख डालिए। बस... Hindi · कविता 528 Share Shekhar Chandra Mitra 14 Feb 2023 · 1 min read गुमनाम शायरी क्योंकि वह बहलाती नहीं है! क्योंकि वह सहलाती नहीं है!! मेरी शायरी गुमनाम अभी तक! क्योंकि वह भरमाती नहीं है!! #गुमनाम #बदनाम #मुफ़्लिस #अदीब #लेखक #गीतकार #अवामी #इंकलाबी #बगावत #Shayar... Hindi · कविता 814 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Aug 2021 · 1 min read लिख कर रख लो जाति-प्रथा नहीं टिकने वाली इसे जाना ही होगा, लिख कर रख लो! वर्ण-व्यवस्था नहीं बचने वाली इसे जाना ही होगा, लिख कर रख लो!! भलाई इसी में है कि हम... Hindi · कविता 561 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Aug 2021 · 1 min read आत्म समर्पण आज सत्ता के समक्ष! सभी हुए नतमस्तक!! क्या पुलिस-क्या अदालत! क्या मीडिया-क्या विपक्ष!! Shekhar Chandra Mitra #freedomofspeech Hindi · कविता 566 Share Shekhar Chandra Mitra 17 Oct 2022 · 1 min read देवदासी प्रथा औरत होने की सजा है यह! गरीब होने की सजा है यह!! विश्वगुरुओं के इस देश में दलित होने की सजा है यह!! #devdasi #tribes #कुरीति #शोषण #समाजसुधार #शूद्र #देवदासी... Hindi · कविता 754 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Aug 2021 · 1 min read बर्बादी के कगार पर नाकाम ही सही इश्क़ होना चाहिए! बदनाम ही सही इश्क़ होना चाहिए! बर्बादी के कगार पर खड़ी हुई दुनिया में! तल्ख़ जाम ही सही इश्क़ होना चाहिए! Hindi · कविता 514 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Dec 2022 · 1 min read जाति जाति देखकर काम मिलता है जाति देखकर ही नाम! जाति देखकर भीख मिलती है जाति देखकर ही दान! जाति देखकर सम्मान मिलता है जाति देखकर ही अपमान! जाति देखकर मकान... Hindi · कविता 642 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Aug 2021 · 1 min read अपनी सुरक्षा आप आप बंद करके तुरंत दूसरों का मुंह देखना!! मुमकिन हो तो सीखिए अपनी लड़ाई लड़ना!! अवतारों और पैगम्बरों के ज़माने बीत चुके अब कोई नहीं आने वाला आपको बचाने यहां!!... Hindi · कविता 449 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Jul 2021 · 1 min read प्रतिरोध की दिशा अपने आक्रोश को दिशा दो एक! अपने प्रतिरोध को दिशा दो एक!! तुम इस व्यवस्था से लिए जाने वाले अपने प्रतिशोध को दिशा दो एक!! Shekhar Chandra Mitra #OshoVision #RomanticRebel Hindi · कविता 1 506 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Aug 2021 · 1 min read कुफ़्र नाचना भी कुफ़्र है! गाना भी कुफ़्र है!! सुनना भी कुफ़्र है! बजाना भी कुफ़्र है!! सौ बातों की एक बात हम क्यों नहीं कहें कि तालिबानी दौर में जीना... Hindi · कविता 2 479 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Feb 2022 · 1 min read सदियों का संताप जयचंद और मीर जाफर तो यहां नाहक ही बदनाम हुए! वो कमियां हमारे भीतर थीं हम जिनके चलते ग़ुलाम हुए!! भारतीय संस्कृति के नाम पर औरतों और दलितों के ऊपर... Hindi · कविता 499 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Aug 2021 · 1 min read सामना सर उठाकर उसका सामना किया जा सकता है! आंखें मिलाकर उससे सच कहा जा सकता है!! वह एक राजनेता ही तो है अवतार तो नहीं न! उसके ख़िलाफ़ भी खड़ा... Hindi · कविता 464 Share Shekhar Chandra Mitra 16 Jul 2021 · 1 min read तुम एक क़ैद में हो! तुम्हारा धर्म या तुम्हारी जाति जब तुम्हारे इंसान होने के आड़े आने लगे तो समझ लेना कि तुम एक क़ैद में हो! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 506 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Jan 2022 · 1 min read इन्हें मत मारो ये होनहार नौजवान हैं इनको ऐसे मत मारो! भारत माता की जान हैं इनको ऐसे मत मारो! अधिकार केवल मांग रहे तुमसे कोई भीख नहीं! भगतसिंह के प्रतिमान हैं इनको... Hindi · कविता 431 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Aug 2021 · 1 min read ग्लोबल विलेज क्यों कोई हिंदू हो क्यों कोई मुसलमान हो!! क्यों कहीं भारत हो क्यों कहीं पाकिस्तान हो!! मुहब्बत के साथ भी जब रहा जा सकता यहां इतनी ज़्यादा नफ़रत क्यों दिलों... Hindi · कविता 1 450 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Oct 2021 · 1 min read नासूर हो चुके ज़ख्म भारत के हालात तो हुए जा रहे बद से बदतर! बिक गए हमारे फनकार डर गए हमारे दानिश्वर!! इस देश और समाज के नासूर हो चुके ज़ख्मों के लिए! मुझे... Hindi · कविता 432 Share Shekhar Chandra Mitra 1 Nov 2021 · 1 min read गीतकार हम गीत लिखेनी हुज़ूर गाली नाहीं! बस प्यार चाहेनी राउर ताली नाहीं!! जेब से चाहे जेतना हम बानी फकीर दिमाग से तनको बाकिर खाली नाहीं!! ✍Geetkar Shekhar Chandra Mitra #जनवादीगीतकार... Bhojpuri · कविता 1 456 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Aug 2021 · 1 min read कविता की ललकार गहरी नींद में सोई हुई क़ौम को होश में लाने का उपाय क्या है उसे झकझोरना या पुचकारना? मीठे सपनों में खोई हुई क़ौम को होश में लाने का उपाय... Hindi · कविता 1 455 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Jul 2021 · 1 min read खिलौने वाला राम मंदिर का झुनझुना वंदे मातरम् का झुनझुना ले लो ले लो झुनझुना हिंदू राष्ट्र का झुनझुना! सस्ते अनाज मत मांगो कारगर इलाज मत मांगो बेहतर शिक्षा मत मांगो सुरक्षित... Hindi · कविता 435 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Jul 2021 · 1 min read आक्रोश के स्वर युवा पीढ़ी के आक्रोश को हमें स्वर देना होगा! स्त्री जाति के प्रतिरोध को हमें स्वर देना होगा! अपने गीतों और कविताओं के माध्यम से! दलित वर्ग के प्रतिशोध को... Hindi · कविता 475 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Jan 2022 · 1 min read पे बैक टू सोसायटी देश और समाज के लिए जो भी मुमकिन हो वह करो! मूर्दों की तरह जीने से बेहतर है जिंदों की तरह तुम मरो!! तुम्हारी ही बदौलत वे तुम पर हुक़ूमत... Hindi · कविता 442 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Aug 2021 · 1 min read दो टुक कोई गोल-मोल ज़वाब नहीं चलेगा! शेख चिल्ली वाला अंदाज़ नहीं चलेगा!! मैं संसद से सड़क तक पूरे देश को देखा हूं! "सब कुछ ठीक है" बकवास नहीं चलेगा!! Shekhar Chandra... Hindi · कविता 472 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Aug 2021 · 1 min read मशाल क्या हम लोग उनसे डर जाएं? मरने से पहले ही मर जाएं? कि अपने हाथ में मशाल लेकर खुलेआम ज़ुल्मत से लड़ जाएं? Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 2 462 Share Shekhar Chandra Mitra 13 Feb 2022 · 1 min read आरक्षण यह देश नहीं है किसी की बपौती! तुम कबूल करो वक़्त की चुनौती!! जो छिना तुमने सदियों तक उनसे ये आरक्षण तो है उसी की फिरौती!! Shekhar Chandra Mitra #अवामीशायरी... Hindi · कविता 458 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Aug 2021 · 1 min read देशभक्ति का मतलब आपकी देशभक्ति इस बात से तय नहीं होती कि आप "हिंदुस्तान जिंदाबाद" और "पाकिस्तान मुर्दाबाद" के नारे कितनी जोर६ से लगाते हैं बल्कि वह बस इस बात से तय होती... Hindi · कविता 507 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Jan 2022 · 1 min read अभी नहीं तो कभी नहीं लोक-लुभावन वादों से खाना मत हरगिज़ धोखा! बहुत ज़्यादा है शौक उन्हें लाशों का सौदा करने का!! आ चुका है अब यह जद्दोजेहद एक निर्णायक मोड़ पर! अभी नहीं तो... Hindi · कविता 422 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Sep 2022 · 1 min read जाति कब जाएगी? यही मज़दूर-यही किसान हैं न! यही मेहनतकश अवाम हैं न!! उन्हें शूद्रों से इतनी चिढ़ क्यों है! आख़िर ये भी तो इंसान हैं न!! #Jaibhim #CasteSystem #इंसाफ़ #varna #Reservation #sc... Hindi · कविता 1 578 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Aug 2021 · 1 min read आदि मानव ना कोई राजा! ना कोई नवाब!! हमारे पूर्वज! आपके अजदाद!! चाहें तो गुगल पर सर्च कर लीजिए ये आदिमानव ही हैं, ऐ जनाब!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 458 Share Shekhar Chandra Mitra 17 Nov 2021 · 1 min read पुलिस व्यवस्था क्या भारत क्या पाकिस्तान की पुलिस एक जैसी सारे जहान की पुलिस... (१) संविधान के हिसाब से चलने वाली कहां होती आख़िर अवाम की पुलिस... (२) हक़ और इंसाफ़ की... Hindi · कविता 479 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Sep 2021 · 1 min read मैं इंकार करता हूं! ज़ुल्म और नाइंसाफी को मैं अपनी क़िस्मत मानने से इंकार करता हूं! गुलामी और गैर-बराबरी को मैं अपनी क़िस्मत मानने से इंकार करता हूं!! जब तक मेरे जिस्म में जान... Hindi · कविता 431 Share Shekhar Chandra Mitra 14 Sep 2021 · 1 min read देश की विडंबना क्यों ना बने वह देश मसान! जहां आम हो भेड़िया धसान!! जिसमें माला पहनते हों नेता! और जूते खाते हों विद्वान!! #Geetkar Shekhar Chandra Mitra #CommunalPolitics Hindi · कविता 1 417 Share Shekhar Chandra Mitra 16 Sep 2021 · 1 min read भेड़ चाल अपनी ज़ात कायम रखिए! भीड़ का हिस्सा मत बनिए!! चाहे सियासी हो या मज़हबी हर तरह की भीड़ से बचिए!! #Geetkar Shekhar Chandra Mitra #सृजनचेतना #एकलाचलोरे Hindi · कविता 450 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Jul 2021 · 1 min read सिरफिरा मैं शामिल हूं उन गिने-चुने सिरफिरे लोगों में जो कत्ल किए जाने की आशंका के बावजूद एक बेहतर समाज का सपना देखना नहीं छोड़ते..! Hindi · कविता 2 463 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Apr 2023 · 1 min read आदिम परंपराएं आधे जागे तो आधे सोए जा रहे हम! तो भी अपनी दुर्दशा पर रोए जा रहे हम! न जाने शर्म क्यों हमें ज़रा भी नहीं आती! वही आदिम परंपराएं ढोए... Hindi · कविता 641 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Jan 2022 · 1 min read गेम आफ थ्रोन (कुर्सी का खेल) मत पूछो कहां मरता है कौन चलते रहने दो गेम आफ थ्रोन! मत देखो कहां लुटता है कौन चलते रहने दो गेम आफ थ्रोन!! जान की अमान अगर चाहते हो... Hindi · कविता 430 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Jan 2023 · 1 min read बेटियों से तुम सावित्रीबाई फुले की बेटी हो ज़हर पीकर भी अमरीत देती हो! फिर इन लफंगों के ओछापन को आख़िर ऐसे दिल पर क्यों लेती हो!! अब उनके सपनों को सम्मान... Hindi · कविता 1 1 656 Share Page 1 Next