Sharda Madra Tag: मुक्तक 39 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sharda Madra 26 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक छिन्न -भिन्न अस्त -व्यस्त ये शब्द न जीवन में भाते कृत्य सर्व सुखाय करें सन्तोष मिले न अकुलाते उत्तम भाव त्याग समर्पण कर सुखी मन मस्त रहे जिंदगी है बहती... Hindi · मुक्तक 446 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read खिला कण कण खिला कण कण,पुष्प महके, भ्रमर बहके, आम्र बौर आये कोयल कूके,पलाश दहके, मलय समीर, रवि मुस्काये पीताम्बरी नवयौवना धरा, को करके आलिंगनबद्ध मदन मद मस्त सा कुसुमाकर, झूमकर प्रणय गीत... Hindi · मुक्तक 1 746 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read तन मन धन अर्पण करूं तन मन धन अर्पण करूं, ध्याऊँ तुझे नित श्याम चरणों की चेरी बनकर, करूं सेवा निष्काम छ्ल- कपट लोभ प्रपंच से सदा रहूँ मैं दूर बन वृन्दा निधिवन की मैं,... Hindi · मुक्तक 1 990 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read बो रहा कोई विष बीज ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ बो रहा कोई विद्रोही विष बीज, पनपने मत दो देशद्रोह, आतंक का तावीज़ पहनने मत दो जागो राष्ट्र प्रेमियों बुलंद अपनी वाणी करो दंभियों का दंभ तोड़ एकता बिखरने... Hindi · मुक्तक 1 498 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read प्रेम खुमारी पावन सदा पुनीत मृदुल सा जहान हो सुरभित पवन,रंगीन प्रकृति रूपवान हो रिश्ते प्रगाढ़, प्रेम खुमारी बनी रहे कोई न हो गरीब सभी का मकान हो। Hindi · मुक्तक 460 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read मन चंचल मन चंचल, अधीन हम,पल-पल में भटकाये कभी चढ़ाये पर्वत , कभी धरा पटकाये ज्ञान की डोरी से अंकुश लगा यदि बांधे तिनके प्रस्तर सम,जीवन संतुलित हो जाये। Hindi · मुक्तक 505 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read रेखाओं के खेल लक्ष्मण रेखा तोड़कर सिया के उर थी पीर रेखाओं के खेल ये कौन बंधाता धीर कुछ हद तक बंधन भी उचित हुआ करते हैं आज तो मानव खुद लिख रहे... Hindi · मुक्तक 405 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read दाना पानी के सिलसिले दाना-पानी के सिलसिले परदेश में ले जाते बच्चे माँ-बाप से बिछड़, अपनी जीविका कमाते। बूढ़ो की अपनी मजबूरी नीरस जीवन जीते एक समय लाचार हो, शरण वृद्धाश्रम पाते। Hindi · मुक्तक 1 570 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read भोला भाला रूप भोला-भाला रूप बना कुछ साधू फैंके जाल कथा-कहानी सुनके जनता दंग,करते वो कमाल असलियत खुली, गुनाह सामने, उन्हें मिलती जेल अंधास्था, अन्धविश्वास कभी न करो, रखो ख्याल Hindi · मुक्तक 1 532 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read मेघा नदियाँ सूखती जाती, नाले, तालाब सब सूखे हैं इमारतें ढेरों, पेड़ ज्यों कंकाल हों रूखे निर्झर बन बरसो रे मेघा झनाझन झनाझन घन धरा धान्य से हो परिपूरित प्राणी रहें... Hindi · मुक्तक 1 603 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read जीवन जीवन यज्ञशाला, परिश्रम की आहुतियाँ जरूरी रहो कर्मरत ,सब सपने और ख़्वाहिशें हो पूरी गीता का ज्ञान याद रखो , कंटक मार्ग हो सुलभ समस्याएं मिट जायेंगी, फिर न कोई... Hindi · मुक्तक 624 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read रंगो भीगे रंगो भीगे अंग, हिय में उमंग , मारे पिचकारियाँ इत भागो उत भागो रंग डारो,बालक भरें किलकारियाँ मिले सब गले,मिटा दिये शिकवे गिले,गुजिया खिलायें होली पे सदा खिलें प्यार मनुहार... Hindi · मुक्तक 1 582 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read साहस उम्मीद की किरण टिमटिमाती थी टूटे सितारे में बेचारी बन न जीना चाहती, ज़िन्दगी उधारे में हौसलों के सोपान से चढ़ी छूने को वो आकाश पग को ही कर बना... Hindi · मुक्तक 596 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read उड़ान पवन मेरी सीढ़ी बने, वितान पर हो इक मकान रवि से बाते करूँ, शशि तारे हों मेरे मेहमान बादलों के पोत चढूँ और नक्षत्रों पर विचरूँ शोध कर उतरूं पृथ्वी... Hindi · मुक्तक 606 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read रंग-रंगोली हुरियारिन रंग डाले हुरियारे मन भाई होली घुमा-घुमा लट्ठ मार रही, करती हंसी-ठिठोली प्रेम पगे रंग लगे जोश से बजे ढोल मृदंग हृदय के भीतर छा गई खुशियों की रंग... Hindi · मुक्तक 696 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read प्रीत तेरी प्रीत ने हमें दीवाना बना दिया रीते दिल को देखो महखाना बना दिया मदहोश हुए प्यार की मय पीने के बाद जलती हुई शमा का परवाना बना दिया। Hindi · मुक्तक 1 454 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read वृक्ष आनन फानन में मैं चली गई इक कानन में दृश्य सुन्दर, पवन संगीत बजा इन कानन में कटते रहे यदि वृक्ष तो क्या होगा इस जीवन का न वन्यजीवन, न... Hindi · मुक्तक 645 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read बेटियाँ आकांक्षाओं के पंख फैलाये बेटियाँ मन भाएं कामनाएं जब पूरी हो इनकी तब ये चहचहायें अपने बाबुल के घर आँगन की हैं ये सुंदर परियां उम्रभर आदर्शों संस्कारों के तहत... Hindi · मुक्तक 374 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read गाहे-बगाहे अनुबंध में बंध कुछ चाहे कुछ अनचाहे झेलने पड़ते वे सभी गाहे - बगाहे पग-पग समझोते का ही है नाम ज़िन्दगी मानव मन उसे दिल से चाहे या न चाहे।... Hindi · मुक्तक 838 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read कलम अलबेली कलम अलबेली मेरी सहेली, साथ सदा रहती मेरे दिल की ये धड़कन इसे हर बात मैं कहती खिला देती कागज़ के फूल, भरती रंग अनेक कभी श्रृंगार, वीर, रौद्र कभी... Hindi · मुक्तक 571 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read जोड़-तोड़ जोड़-तोड़, कर जुगाड़, संवार बिगाड़ यही संसार शैशव में शिशु भी करता यही , सीखने का आधार। घटा-गुणा के चक्कर में पड़ी है देखो दुनिया सारी जप तू राम-नाम सरस,... Hindi · मुक्तक 599 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read खुदा का नूर मुकद्दर से पराजित हो बहुत मजबूर होते है तड़पते आह भरते प्यार में मशहूर होतें है पिटे जब कैस जख्मी,दर्द में लैला,सुना होगा कहो दिल से, असल में वे खुदा... Hindi · मुक्तक 1 684 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read हनुमंत संकट मोचन हनुमंत, शत शत तुझे प्रणाम श्रद्धा से ध्याऊँ तुझे, पूर्ण कीजे सब काम दुःख की छाया न पड़े, करूँ यही कामना मंगलमूर्ति हे प्रभुवर, आओ मेरे धाम । Hindi · मुक्तक 635 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read पालनहार मैं खड़ी यहां,तू छिपा कहाँ, ढूंढूं इत उत, पार करो नैया पालनहार तारनहार कहाँ पतवार ओ जीवन के' खवैया कण कण में तुम कहाँ हुए ग़ुम वन पर्वत नदिया साँसों... Hindi · मुक्तक 425 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read प्रेम धार निराशा न घेरे कभी बार-बार दिलासा सभी को सभी को दुलार नमी हो दिलों में बहे ज्ञान गंग न शिकवे गिले हों बहे प्रेम धार। Hindi · मुक्तक 484 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read पिया परदेस कुछ तपन मन में और कुछ बातें अनकही कहूँ किसे पिया परदेस यही सोच रही लिखूं मैं कोरे कागज़ पर मन की बातें वो भी पढ़े विरह में, मैंने क्या-क्या... Hindi · मुक्तक 824 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read उपवन प्रकृति रचित, मानव सिंचित, श्रमिक का श्रमदान अधिक सुहावन, मन लुभावन, पावन उद्यान ओस बिन्दु, तितलियाँ भँवरें, सुगन्धित स्थान नयनाभिराम, रोमांच तन, कुसमित मुस्कान। Hindi · मुक्तक 555 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read पुष्प रोशन बहार तू, दिलकश श्रृंगार तू मौसम की अदा, भंवरे का प्यार तू चंदन रंग खुशबू पराग सिंचित कर पंखुड़ी खोले कोमल सा अकार तू। Hindi · मुक्तक 653 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read सुख दुख छोटा दुख पर्वत सा लगता,सुख का कोई नाप नहीं सुख दुख में यदि सम होंगे हम होगा फिर संताप नहीं ज्ञान से आलोकित हो यदि पथ, रहे जीवन में उजास... Hindi · मुक्तक 669 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read रोक लो प्रदूषण एक टुकड़ा बादल ,क्या प्यास बुझा देगा कटें जंगल रहो प्यासे रब सजा देगा अब रोक लो प्रदूषण बढ़ाओ हरियाली नहीं तो नीर इक दिन तुम को दगा देगा। Hindi · मुक्तक 561 Share Page 1 Next