Shally Vij Language: Hindi 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read सजाए हुए हूँ माथे पर छलावा उठाए हुए हूँ l उजाले को फिर भी जिलाए हुए हूँ l पल लौट कर वही आ रहा है जिसे मुश्किल से बिताए हुए हूँ l एक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 102 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read बाकी है---- अभी सफ़र के कंगन बज रहे हैं अभी तो कागज़ मांग रहे हैं शब्द अभी तो सब देख कर भी दृष्टि से परे बचा हुआ है कुछ अभी तो चुप... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 97 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read प्रश्न एक गूंगा प्रश्न कुछ कर गया रिक्तता के एकांत को भर गया । स्मृति कुहासे में लिपटी रही वो थाम हाथ मेरे घर गया । बाहर से अधिक भीतर घटा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 105 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read बुरा मानेंगे---- एकांत में पहुँचते हैं शब्द मेरे भीड़ में मिले कभी तो बुरा मानेंगे। आंख ताबेदार है पानी संभाल लेती है किसी के सामने कहेगी तो बुरा मानेंगे। कोलाहल बाहर का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 72 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read खिड़की के बंद होने से पूर्व----- खिड़की से भीतर उतरती है सिली इच्छाओं की उधड़न जिसे छुपाने के लिए स्वप्न के सीने से लग जाती हैं पेड़ों पर टंगी अधपकी संभावनाएं । खिड़की के भीतर चला... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 131 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 2 min read जीवन साँझ ----- आगे बढ़ चुकी आयु की नृत्यशाला में कभी झंकार से तो कभी थाप से संशोधित कर ली जाती है जीने की कला। भागम भाग का आलाप इच्छाओं के साथ तारतम्य... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 109 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read मोह की मिट्टी ---- मुझे और मोह में मत रोपो पत्ता बन रह जाने दो जितना रोपा जा चुका हूँ उतना दुख सहला रहा है आज भी अश्रु कर रहे हैं पोषित | अगर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 72 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read अंजुरी भर.... शहर में बारिश की छपाक जैसे स्मृति के अरण्य में कोई प्रणय- निवेदन की नाव उतार दी हो किसी ने । बारिश का ताबीज़ पहन कर खुद को बचा लिया... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 81 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read परिवर्तन युग अमावस का हुआ है चाँद उगना चाहिए। बदलाव धीमे से ही सही पाँव धरना चाहिए । थामे हुए शमशीर देखो लोग हैं सवालों की जबकि पास सबको ही, जवाब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 66 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read पाती कर दे अश्कों को मेरे उसको एक पाती कर दे ख़ुदाया लौट आने को राजी कर दे हर दौड़ में मेरी हार क्योंकर इस बार जीतने की बाज़ी कर दे खार ऐसे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 77 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read बिरहा सितारों में सुबह नहीं होती । बादलों से जिरह नहीं होती । सूख जाएं बारिशें पलकों में पानियों से सुलह नहीं होती । खराब मौसमों में सिहरती रातें कोई कहे,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 107 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read एहसास एहसास परोस देता है हर शख्स ज़ुबां की थाली में अपने-अपने दुख की तरकारी तेज़ मसालों के संग ताम-झाम से अलंकृत भाजी कभी कभी, तानों के तेज नमक से कड़वी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 90 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read काफ़िर इश्क़ गीली ज़मीन तस्दीक थी घायल आसमां की वक़्त की आँख में तिनका कोई गिरा होगा बौराया सा फिरता था रात से टूटा टुकड़ा काजल नहीं कोई ख़्वाब ही जला होगा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 101 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read उजला तिमिर हर दरवाज़े संघर्ष खड़ा है साँस- साँस में गर्व भरा है ज्वलन्त निशा में रचा दिवस श्रम से चारों ओर घिरा है ताप हरता हाथ का साथ एकाकी जीवन मार्ग... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 45 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read सरफिरे ख़्वाब कुछ सरफिरे से ख़्वाब अपनी तहज़ीब से बाहर आँखों में बिका करते हैं रीती सी ख़ामोशी में हर बार कहा करते हैं । उदास धूप तेरे इश्क़ की रूह को... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 52 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read तृष्णा का थामे हुए हाथ एक शख्स कहा करता था हाथ में सिमटे हैं जो क्षण उन्हीं को जागीर समझना सलवटों को सँवार कर तैयार करो जश्न के लिए क्योंकि कल तो भ्रम से जन्मेगा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 134 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read कैफ़ियत सीने पर रखा जाल परख जाती है हयात ए शजर की छाल उतर जाती है समेटअपनी बूँदें दूरियाँ बना लेता है बादल की कतरन चाल बदल जाती है हाँफ रहे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 41 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read यार जुलाहा... जिस खला में हूँ बसा उस जगह न कोई रहा ख़्वाब से है यही गिला नहीं किसी के संग मिला कात दे तमन्ना कोई उधड़न को मैं लूँ सिला गिरह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 37 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read सलवटें अंतर्मन में सोच की सीढ़ी चढ़ सोपान की देहरी एकांत की खिड़की से झांक जब भी मिला ख़ुद से परिपक्व से लम्हे वक़्त की खूंटियों पर टंगे बरबस कह जाते... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 92 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read इस दीवाली * इस दिवाली--- * इस बार की दिवाली कुछ ऐसे मनाएँ हम लौटे नहीं जो उन्हें घर लिवा लाएं हम खुरदरी हकीकतें जिनको रुला रहीं हैं मुस्कान की इक पोटली... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 44 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read एकांत सृजन से सँवर रहा हूँ क्योंकि भूमिकाएं पहनी हैं सजा कर कुछ जुगनू प्रतीक्षा के रोशनी करता हूँ क्षण देखते देखते हो जाते हैं वे आत्म विस्मृत क्योंकि वे मुझे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 93 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read सज़ा कुछ आईने में ठहरे, पर कुछ बेजा मिले कितने हुए रकीब कितने ख़ुदा मिले । मैंने रास्तों की धूल को किरचियों जाना है गुलज़ार है हयात जाने कब खिज़ा मिले... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 53 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read पानी पर ख़्वाब पानी पर ख़्वाब समंदर के पानी पर लिखे रहते हैं ख़्वाब जिसके कोने में ठहरी नज़र नहीं आती नर्म सी नमी मगर उसका आख़िरी छोर अटक गया है वजूद में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 56 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल ले इल्ज़ाम सर अपने मसरूफ हो गया ज़माने की नजर में जो था बेकार निकला हर राह परेशां हो गई मोड़ से पहले वापसी के लिए जो तलबगार निकला... Poetry Writing Challenge-2 · Poem 1 66 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read प्रार्थना प्रार्थना नभ है तेरा है तेरी ही भू नहीं सामने है मगर हर सू दर्द दे चाहे आँख भर दवा भी कर सकूं दे तू लाचार न कर तेरे बंदे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 139 Share