Shalini Mishra Tiwari Language: Hindi 35 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shalini Mishra Tiwari 25 Apr 2024 · 1 min read मेरी संवेदनाएं कुछ जीवन का कोलाहल है, कुछ उलझे ताने - बाने हैं। कुछ पीड़ा की गहराई है, कुछ पतझड़ की अमराई है। कुछ सपनों के रेले हैं, कुछ हम भी पूरे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 211 Share Shalini Mishra Tiwari 25 Apr 2024 · 1 min read संवेदना मन भरा भरा हो जाता है जब तुझको कोई समझ न पाता है हूँ इंसान की नस्ल मैं भी क्यूँ मशीनों में आँका जाता है नहीं बोलती कुछ तो क्या... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 4 286 Share Shalini Mishra Tiwari 1 Apr 2024 · 1 min read स्वंय की खोज आज शीशे पर मेरा पैर पड़ गया, अपना ही अक्स टुकडों में लगा। क्या हूँ मैं, कौन हूँ मैं, मुझको खुद ही नही पता। मेरा रूप ही आज, मुझे भ्रमित... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 1 262 Share Shalini Mishra Tiwari 6 Jan 2024 · 1 min read ऐ ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी तू बहुत थक गई होगी चलते चलते आ कर दूँ तेरी मालिश धुल दूँ तेरे पैरों को अपने नयनों के पानी से मैं हूँ जबसे चल रही है... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 1 434 Share Shalini Mishra Tiwari 19 Dec 2023 · 1 min read संजीदगी बेशक खयाल रहता है हर वक़्त ही मुझे पर कुछ न कहती हूँ ये समझने की बात है हो गए हैं प्यार में उम्र दराज अब संजीदगी कोई समझे ये... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत 1 435 Share Shalini Mishra Tiwari 11 Nov 2023 · 1 min read ऎसी दिवाली हो शीर्षक-ऐसी दिवाली हो घर आँगन रोशन हो जगमग, ऐसी दिवाली हो। बचे कोई न तिमिर कोना, ऐसी दिवाली हो।। हो दुनिया में खुशियों का मौसम, व्यथा अमावस रात न हो।... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 205 Share Shalini Mishra Tiwari 3 Oct 2023 · 1 min read खिंचता है मन क्यों खिंचता है मन क्यों बरबस तेरी ओर। नज़रों की पैमाइश क्यों, हरपल होती तेरी ओर।। है नरम नरम सा एहसास जो तुझसे जुड़ता जाता न देखूँ तो तुझको मन बुझा... Hindi · कविता · गीत 2 413 Share Shalini Mishra Tiwari 4 Jul 2023 · 1 min read ख़ुद ही जल जाएंगे खुद ही जल जाएंगे,गैरों को जलाने वाले। खुद ही मिट जाएंगे, गैरों को मिटाने वाले।। हमसे जलना तो लोगों की फितरत ही रही। खुद ही गश खाएंगे,गैरों को सताने वाले।।... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 6 404 Share Shalini Mishra Tiwari 30 Jun 2023 · 1 min read शीत-ग्रीष्म ऋतु का प्रेम शीर्षक - शीत-ग्रीष्म ऋतु का प्रेम मन वैरागी सा हुआ, देख के अद्भुत प्रीत। पलट-पलट के देख रही है गाकर विरह के गीत अश्रु समेटे आँचल में, बिलख-बिलख चीत्कार करे।... Hindi · Poem · गीत 1 312 Share Shalini Mishra Tiwari 14 Jun 2023 · 1 min read अस्तित्व शीर्षक- अस्तित्व खो गई हूँ, कहीं वक़्त के गर्त में, है क्या अस्तित्व मेरा, कहाँ थी जड़े मेरी, कहाँ तरु पनपा है। मैं - मैं नहीं हूँ, कौन हूँ मैं,... Poetry Writing Challenge · कविता 3 498 Share Shalini Mishra Tiwari 14 Jun 2023 · 1 min read धरती की गोद में धरती की गोद में, समाया सारा संसार। जीवनदात्री तू है सबकी, उठाया जग का भार।। तेरी गोद में खेले, कल-कल करती नदियाँ। वक्ष पर तेरे बनी, जाने कितनी पगडंडियाँ।। ऊँचा... Poetry Writing Challenge · कविता 1 315 Share Shalini Mishra Tiwari 14 Jun 2023 · 1 min read मालूम नहीं मालूम नहीं कटी पतंग का दशा न दिशा कटी कब डोर पता नहीं भटक रही है जाने कबसे मालूम नहीं। वेगशून्य अस्थिर शून्य में न ओर-छोर था गुमान की बंधी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 431 Share Shalini Mishra Tiwari 12 Jun 2023 · 1 min read मंजूर था 1- शीर्षक- मंजूर था पतझड़ में पत्तों का झर जाना शायद यही मंजूर था। खो के अस्तित्व खुद में सिमट जाना शायद यही मंजूर था। कभी जो सजते थे शाखों... Poetry Writing Challenge · कविता 2 2 239 Share Shalini Mishra Tiwari 12 Jun 2023 · 1 min read मन की दूरी मन से है क्यूँ मन की दूरी, संग हूँ पर है क्या मज़बूरी। रह गए अनकहे कितने प्रश्न, होगी कब मेरी साध ये पूरी। नित भावों का घिर-घिर जाना, उमड़-घुमड़... Poetry Writing Challenge · कविता 1 210 Share Shalini Mishra Tiwari 12 Jun 2023 · 1 min read मसरूफ़ मसरूफ इस कदर है वो वक़्त खैरियत का भी नहीं ये दिल्लगी अच्छी भी है और नागवार भी।। चंद रोज़ हैं ज़िन्दगी के क्या उन्हें पता नहीं अनजान बनना ठीक... Poetry Writing Challenge · कविता 284 Share Shalini Mishra Tiwari 12 Jun 2023 · 1 min read रात ने खबर दी है रात ने खबर दी है बहुत हो चुकी है भागमभाग दिन भर की आओ मेरे आगोश में खो जाओ भुला दो तपन दिन की सो जाओ सुकूँ की नींद छुपा... Poetry Writing Challenge · कविता 1 195 Share Shalini Mishra Tiwari 12 Jun 2023 · 1 min read नदी की आत्मकथा शीर्षक -नदी की आत्मकथा मैं नदी हूँ। मैं निरन्तर चलती हूँ। प्रस्तरों से,कंटको से, पथरीली धरा पर, बहती हूँ। मैं नदी हूँ। मेरे अनेकानेक नाम हैं। किसी ने गंगा कहा,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 604 Share Shalini Mishra Tiwari 12 Jun 2023 · 1 min read वेदना अंतर में कब से घुले हो या अंतर ही बना है तुझसे क्यों बिना बताए यूँ तुम छुपे रहते हो क्यों नहीं जाते निकल कर मेरे अंतर से वेधते रहते... Poetry Writing Challenge · कविता 1 175 Share Shalini Mishra Tiwari 12 Jun 2023 · 1 min read अंतर में तुम अंतर में कब से घुले हो या अंतर ही बना है तुझसे क्यों बिना बताए यूँ तुम छुपे रहते हो क्यों नहीं जाते निकल कर मेरे अंतर से वेधते रहते... Poetry Writing Challenge · कविता 1 210 Share Shalini Mishra Tiwari 12 Jun 2023 · 1 min read अस्तित्व मेरा होना न होना एक जैसा होने में न होने का एहसास फिर भी चलती है जिंदगी निर्बाध किसी अनदेखे मुकाम की तरफ मालूम है है कुछ भी नहीं मिलेगा... Poetry Writing Challenge · कविता 1 290 Share Shalini Mishra Tiwari 11 Jun 2023 · 1 min read भटकता मन का पँछी शीर्षक- भटकता मन का पँछी नित दिन जाने कितनी करता है दूरी तय कहाँ कहाँ से आ जाता है घूम के देख आता है कितनी मुश्किलें कितनी दुश्वारियाँ परेशानियाँ फिर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 296 Share Shalini Mishra Tiwari 11 Jun 2023 · 1 min read याद आयी शीर्षक - याद आयी याद आयी आपकी हमें बार-बार, अश्क़ झरे आँखों से ज़ार-ज़ार। नहीं पता दिल तेरी यादों से धड़कता है, कर न पाऊँ इस हक़ीक़त से इंकार।। इबादत... Poetry Writing Challenge · कविता 1 423 Share Shalini Mishra Tiwari 11 Jun 2023 · 1 min read बादल शीर्षक- बादल गहरा नीला आसमाँ उसपर रुई से बादल जैसे सागर को अपने आगोश में ले रहे हैं पर नहीं पता कि न मिटने वाली मीलों की दूरियाँ है उनके... Poetry Writing Challenge · कविता 1 235 Share Shalini Mishra Tiwari 11 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक -ये बरसात शीर्षक -ये बरसात है अँधेरी काली रात, मन पर भारी ये बरसात। भीगे लफ्ज़ भीगी बात, अश्क़ में डूबी ये सौगात।। सिहर-सिहर से जाता क्यों है, बावला सा मन जाने... Poetry Writing Challenge · कविता 1 218 Share Shalini Mishra Tiwari 11 Jun 2023 · 1 min read एक शाम शीर्षक-एक शाम जरा सा रो दिए थे बैठ कर शाम खिड़की के पास दिनभर के ख़्वाब को ढलते हुए चाय के प्याले को लेकर भूल गए बस कुछ भूला याद... Poetry Writing Challenge · कविता 1 277 Share Shalini Mishra Tiwari 11 Jun 2023 · 1 min read समय का बहाव शीर्षक-समय का बहाव मुमकिन होता गर तो पलट देते समय के बहाव को ज़िंदगी के रंग में फिर से भर लेते अनगिनत रंग जो कालचक्र में कहीं उतरे हुए हैं... Poetry Writing Challenge · कविता 1 223 Share Shalini Mishra Tiwari 11 Jun 2023 · 1 min read हुनर आ गया - शीर्षक- हुनर आ गया बदलते हैं लोग यहाँ फ़िज़ाओं के जैसे, हमें भी बदलने का हुनर आ गया। जमाने के साथ चलने लगे हम भी , ज़माने के साथ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 186 Share Shalini Mishra Tiwari 11 Jun 2023 · 1 min read अनकहा रिश्ता शीर्षक -अनकहा रिश्ता ये कैसा अनकहा रिश्ता है, जो तेरे मेरे बीच है। स्नेहिल बन्धन है, जो हमारे क़रीब है। मुझे भावों के अल्फाज़ नहीं मिलते, जैसे सुरों के साज़... Poetry Writing Challenge · कविता 1 193 Share Shalini Mishra Tiwari 11 Jun 2023 · 1 min read किसान शीर्षक - किसान खेत की मेड़ पर बैठ, ये सोच रहा, सबके पेट का हल, मेरे पास है, बस मेरा हल किसी के पास नहीं। जिस हल से, चीर कर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 231 Share Shalini Mishra Tiwari 11 Jun 2023 · 1 min read उजियारा मौसम शीर्षक - उजियारा मौसम धुंध में लिपटा सारा मौसम, कोई उजली रेख नहीं। नहीं दिखे अपना ही साया, तृप्ति के कोई मेघ नहीं।। दिन में छुपा हुआ है दिनकर, प्रात-साँझ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 226 Share Page 1 Next