डॉ.सीमा अग्रवाल Tag: गीतिका 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ.सीमा अग्रवाल 13 May 2024 · 1 min read खड़ा रेत पर नदी मुहाने... खड़ा रेत पर नदी मुहाने। गाता कोई गीत सुहाने। आह न भरता हर गम सहता, सुनता है अग - जग के ताने। धता बताकर पगला सबको, गाए खुश-खुश नेह-तराने। क्या... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 2 80 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 13 May 2024 · 1 min read हम सुख़न गाते रहेंगे... तुम बुलाओ मत बुलाओ, हम मगर आते रहेंगे। सुख यही तो है हमारा, हम सुख़न गाते रहेंगे। अब न हम भी चुप रहेंगे, बात हर खुलकर कहेंगे। हर कमी हम... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 2 95 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 May 2024 · 1 min read सज्ज अगर न आज होगा.... सज्ज अगर न आज होगा। किस तरह फिर काज होगा ? फिर घिरेगी रात काली, फिर तमस का राज होगा। सामना कर मुश्किलों का, सच ! सभी को नाज होगा।... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 82 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read क्या यही संसार होगा... चरम पर व्यभिचार होगा? बढ़ रहा अँधियार होगा ? सात्विकता क्षीण होगी, तमस का विस्तार होगा ? गालियों से बात होगी, अस्मिता पर वार होगा ? ध्वस्त होंगीं सभ्यताएँ, मूल्य... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 112 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read बादलों पर घर बनाया है किसी ने... बादलों पर घर बनाया है किसी ने। चाँद को फिर घर बुलाया है किसी ने। भावना के द्वार जो गुमसुम खड़ा था, गीत वो फिर गुनगुनाया है किसी ने। आँधियों... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 86 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read आज जब वाद सब सुलझने लगे... आज जब वाद सब सुलझने लगे। बेवजह आप क्यों उलझने लगे ? शाख भी फिर लचक टूटने लगी, फूल भी जो खिले मुरझने लगे। था हमें भी कभी शौक ये... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 86 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 Feb 2024 · 1 min read साजन तुम आ जाना... सावन के आने से पहले, साजन तुम आ जाना। बदरा घिर आने से पहले, साजन तुम आ जाना। जो ना तुम आए तो प्रियतम, आँसू आ जाएँगे। कजरा बह जाने... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका 2 160 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jan 2024 · 1 min read इस तरह क्या दिन फिरेंगे.... जो छलेंगे, वो फलेंगे। इस तरह क्या दिन फिरेंगे ? डग न सीधे भर रहे जो, पर लगा नभ में उड़ेंगे। आज हम उस राह पर हैं, जिस राह बस... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका 2 161 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 15 Jan 2024 · 1 min read क्या यही संसार होगा... चरम पर व्यभिचार होगा। बढ़ रहा अँधियार होगा। सात्विकता क्षीण होगी, तमस का विस्तार होगा। गालियों से बात होगी, अस्मिता पर वार होगा। ध्वस्त होंगीं सभ्यताएँ, मूल्य मन पर भार... Hindi · गीतिका · सजल 3 183 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 25 Jul 2023 · 1 min read दूर चकोरी तक रही अकास... चाँदनी सोयी चाँद के पास। दूर चकोरी तक रही अकास। सुध भी चाँद ने ली न उसकी, बीते कितने दिन और मास। गुमसुम-गुमसुम खोई-खोई, भूली-बिसरी होशोहवास। घेरे बैठी बदली गम... Hindi · गीतिका 3 2 289 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 25 Jul 2023 · 1 min read स्मृति-बिम्ब उभरे नयन में.... स्मृति-बिम्ब उभरे नयन में .... दुआ-बद्दुआ जिस-जिस से मिली, फलती रही। किस्मत भी टेढ़ी-मेढ़ी, चाल अपनी चलती रही। झुलसता रहा जीवन, संघर्ष-अनल-आवर्त में, प्रीत-वर्तिका भी मद्धम, बीच हृदय जलती रही।... Hindi · गीतिका 3 4 326 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 2 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत अपनी अपनी... जान जाते जो तुम्हें हम, दिल न यूँ तुमसे लगाते। क्यों जगाते कामनाएँ, चाहतों को पर लगाते ? जानते जो बेवफाई, है तुम्हारी फ़ितरतों में, जिंदगी के राज अपने, क्यों... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका 8 2 218 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 20 May 2023 · 1 min read रोकोगे जो तुम... रोकोगे जो तुम प्यार से, कुछ पल को ठहर जाऊँगी। वरना आम मुसाफिर की तरह, मैं भी गुजर जाऊँगी। मैं एक क्षणिक झोंका हवा का, कोई बिसात न मेरी, ढूँढोगे... Poetry Writing Challenge · गीतिका 3 228 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 18 May 2023 · 1 min read आओ प्रिय बैठो पास... आओ प्रिय बैठो पास... आओ प्रिय बैठो पास, कुछ ख्वाब मधुर से बुन लें। कुछ कहो जो तुम आँखों से, हम आँखों से सुन लें। प्रेमसिक्त इस भावनगर में, लफ्जों... Poetry Writing Challenge · गीतिका 3 209 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 18 May 2023 · 1 min read रात बदरिया... रात बदरिया घिर - घिर आए। पास न कोई दिल घबराए। बागी हुआ निगोड़ा मौसम, आ धमकाए लाज न आए। उफ कैसी मनहूस घड़ी है, बात - बात पर जी... Poetry Writing Challenge · गीतिका 3 224 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 18 May 2023 · 1 min read चली पुजारन... सात्विक भाव रिदय में आया। लगा लूँ प्रभु-भक्ति में काया। चली 'पुजारन' देवालय को, विधिवत् पूजा-थाल सजाया। घट-घट वासी देखूँ घट में, घट-पूजन कर अर्घ्य चढ़ाया। धूप-दीप औ अगरु-धूम ने,... Poetry Writing Challenge · गीतिका 1 260 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 16 May 2023 · 1 min read साजिशें ही साजिशें... साजिशें ही साजिशें… साजिशें ही साजिशें। हर तरफ हैं साजिशें। चैन- सुकून लील रहीं, रंजिशें औ साजिशें। लग रहीं हर काम में, तिकड़म औ सिफारिशें। पूरी हों तो कैसे, आसमां... Poetry Writing Challenge · गीतिका 1 247 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 16 May 2023 · 1 min read चलते-चलते... चलते-चलते प्यादा, वजीर बन गया। हरएक की नज़र में, नजीर बन गया। किस्मत पर अपनी, क्यों न करे गुमां, वह जो रातों- रात, अमीर बन गया। कभी-कभी यूँ भी, सँवरता... Poetry Writing Challenge · गीतिका 2 215 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 16 May 2023 · 1 min read कोरे कागज पर... कोरे कागज़ पर आज रिदय के…. कोरे कागज़ पर आज रिदय के, दिल की अपने हर बात लिख दूँ। देख तुम्हें सद्य जो जन्मे मन में, वे अरमां अबोध नवजात... Poetry Writing Challenge · गीतिका 1 2 192 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 15 May 2023 · 1 min read आदमी चिकना घड़ा है... आदमी चिकना घड़ा है.... वक्त ये कितना कड़ा है। किस कदर तनकर खड़ा है। कौन किससे क्या कहे अब, बंद मुँह ताला जड़ा है। सत्य लुंठित सकपकाया, एक कोने में... Poetry Writing Challenge · गीतिका 2 2 354 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 14 May 2023 · 1 min read कौन सोचता.... कौन सोचता बोलो तुम ही, दुखिया की लाचारी पर ? पढ़ो पोथियाँ भरी पड़ी हैं, भारत की सन्नारी पर। देश हुआ आजाद मगर क्या, खुशहाली सब तक आयी ? मिल... Poetry Writing Challenge · गीतिका 3 595 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 14 May 2023 · 2 min read हृद्-कामना.... हृद्-कामना... यही कामना जग में सबसे, सरल-सहज व्यवहार करूँ। तेरी कृपा के गुल खिलें तो, उन्हें गले का हार करूँ।। नहीं चाहिए मुझको प्रभुवर, किस्मत से कुछ भी ज्यादा। लिखा... Poetry Writing Challenge · गीतिका 2 312 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 24 Apr 2023 · 1 min read पग-पग पर हैं वर्जनाएँ.... पग-पग पर हैं वर्जनाएँ। सूखे घन- सी गर्जनाएँ। गति नियति की अद्भुत, अद्भुत उसकी सर्जनाएँ। पल भर के ही भ्रूभंग पर, टूटतीं लौह-अर्गलाएँ। साथिन हैं जीवन भर की, जीवन की... Hindi · गीतिका 4 2 250 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 11 Apr 2023 · 1 min read कौन सोचता बोलो तुम ही... कौन सोचता बोलो तुम ही, दुखिया की लाचारी पर ? पढ़ो पोथियाँ भरी पड़ी हैं, भारत की सन्नारी पर। देश हुआ आजाद मगर क्या, खुशहाली सब तक आयी ? मिल... Hindi · गीतिका 2 275 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 11 Jul 2022 · 2 min read हृद् कामना .... हृद्-कामना... यही कामना जग में सबसे, सरल-सहज व्यवहार करूँ। तेरी कृपा के गुल खिलें तो, उन्हें गले का हार करूँ।। नहीं चाहिए मुझको प्रभुवर, किस्मत से कुछ भी ज्यादा। लिखा... Hindi · गीतिका 5 4 632 Share