satyendra kumar 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid satyendra kumar 10 Apr 2017 · 1 min read मै समर्पित करता हूँ तुम्हें मै समर्पित करता हूँ तुम्हें सूर्यास्त के बाद आई एक खामोश सी , ठंडी दोपहरी एक तपती सर्दी एक सादी चुनरी . मै समर्पित करता हूँ तुम्हें आंखो के काजल... Hindi · कविता 1 237 Share satyendra kumar 10 Apr 2017 · 1 min read प्यार के नए आयाम सोचता हूँ अगर कविता ने न थामा होता मुझे, कलम ने न सहारा दिया होता, बच्चों के मन सा भरे शब्द अगर ना आते खेलने आँगन, और पन्नो का स्पर्श... Hindi · कविता 258 Share satyendra kumar 10 Apr 2017 · 1 min read हक़ीक़त दोपहर से दो घंटे पहले ही गिरा मै असहाय औंधेमुह बेसुध देह तड़पती रही दीप्त आँखों की घटती रही सपनों की चीखती हक़ीक़त मे . मिलने आया था मै जिससे... Hindi · कविता 210 Share satyendra kumar 5 Apr 2017 · 1 min read एक पुराना दोस्त याद करना पुराने दोस्तों को और खोते जाना एक खयाली दुनिया मे हवाओं से शब्द लेना और बुनते जाने आसमाँ को याद करना उन्हे जिन्हे कि कभी भुलाया ही नहीं... Hindi · कविता 471 Share satyendra kumar 4 Apr 2017 · 1 min read मै स्वप्न देखता हूँ रिश्ता तोड़ना और आज़ाद होंना काश की होती दोनों एक ही बाते काश मै समझ पाता कि समझने के लिए इशारे से बढ़ के कुछ नहीं और कि जहां होता... Hindi · कविता 238 Share satyendra kumar 31 Mar 2017 · 1 min read मेरी नदियां मेरा समंदर जब सिमट जाता है खुद मे तो कई नदियों को अपने ही घर मे तीर्थ खोजना पड़ता है मेरे बेचैन ख्यालों को उनका वाजिब हक़ अक्सर नहीं मिल... Hindi · कविता 219 Share satyendra kumar 31 Mar 2017 · 1 min read एक पत्र मेरे दोस्त मै जो भी हूँ आज टूटा फूटा वो भी मै नहीं हो सकता था मैंने जीना ही नही सीखा था तब जब कि तुम आए थे पास मेरे... Hindi · कविता 281 Share satyendra kumar 31 Mar 2017 · 1 min read क्या मुझे भी अधिकार है हाँ ! मै तुमसे प्यार करता हूँ और जनता हूँ तुम भी बखूबी समझ गए थे उस दिन जब हजारों रास्ते सामने थे तुम्हारे और एकाधिकार भी था मेरी भूल... Hindi · कविता 423 Share satyendra kumar 31 Mar 2017 · 1 min read तमाशा हर कहानीकार तमाशा दिखाता है चलता है कलम के संतुलन से संवेदना और हकीकत के शिरो पर अटकी लंबी पतली रस्सी पर . उसे कहनी होती है हर वो एक... Hindi · कविता 1 487 Share satyendra kumar 24 Mar 2017 · 1 min read कविता मुश्किल नहीं होती कविता मुश्किल नहीं होती ये कभी मुश्किल नहीं होती . तुम जाना अपने घर मे कमरे की उस अलमारी से जो बाद पड़ी है पहरों से हाथ डाल के उठा... Hindi · कविता 381 Share satyendra kumar 21 Mar 2017 · 1 min read मेरा वो आखिरी शेर सोने से पहले लिखा गया मेरा वो आखिरी शेर ; एक पूरे सादे कागज पर तुम्हारे नाम का शेर, रात भर देता रहा आवाज़े और वही पड़ी एक कलाम थी... Hindi · कविता 574 Share satyendra kumar 18 Mar 2017 · 1 min read मै तो एक एतवार था । मै एक एतवार था अन्य दिनो के गले का हार था बच्चे जिसका करते थे इंतजार मै वो हफ्ते का त्यौहार था मै एक एतवार था। कि जब मै था... Hindi · कविता 322 Share satyendra kumar 16 Mar 2017 · 1 min read रंग दिखलाऊँ अब कौन सा रंग दिखलाऊँ अब कौन सा दर्शाएगा जो मेरी छवि को भड़कीला ज्यादा ना लगे जो भा जाए हर एक किसी को रंग कहूँ सूरज सा मुझको भाता है रातों मे... Hindi · कविता 407 Share satyendra kumar 12 Mar 2017 · 1 min read मुझको मेरा यार लौटा दे ओ हक़ीक़तों की दुनिया मुझको मेरा यार लौटा दे संग हवा के खेलता था जो वैसा ही अखबार लौटा दे। . जाने किन रंगों से तुमने उसका वर्ण भिगो दिया... Hindi · कविता 378 Share satyendra kumar 12 Mar 2017 · 1 min read अपनी भूख मिटाऊंगा मेरी भूख और ये शहर की दुकाने, आकाश को छूने को दिन भर बढ़ती रहती हैं मुझ पर हंसती रहती है। साथ मे खड़ा जैसे वो मेरा पड़ोसी रिक्शेवाला ,... Hindi · कविता 434 Share