Santosh Shrivastava Tag: मुक्तक 75 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Santosh Shrivastava 17 Apr 2019 · 1 min read जय महावीर (महावीर जयन्ती पर) दिनांक 17/4/19 पिरामिड विधा 1 है देव पूज्नीय जो जगाए धर्म सत्य की अलख जग में नमन महावीर 2 है आज मानव परेशान उसने भूले देव आदर्श अपनाओ उन्हें जय... Hindi · मुक्तक 471 Share Santosh Shrivastava 15 Apr 2019 · 1 min read हृदय नादान दिनांक 15/4/19 पिरामिड 1 है सच हृदय अनजान छल फरेब प्यार सच्चाई दोनों के जीवन में 2 ऐ दोस्त भटके ये हृदय टूटे अगर पछतायेगा ये मन जीवन में स्वलिखित... Hindi · मुक्तक 299 Share Santosh Shrivastava 11 Apr 2019 · 1 min read मौत एक रहस्य दिनांक 11/4/19 पिरामिड 1 है सच ये मौत जिन्दगी है कभी करीब मौत के तो कभी जिन्दगी है मजाक 2 ऐ मौत न बन खौफ मेरी जिन्दगी जी है अपनी... Hindi · मुक्तक 222 Share Santosh Shrivastava 9 Apr 2019 · 1 min read एक दुआ सब के लिए (पिरामिड) 1 मैं एक फकीर माँगू दुआ सलामती की चैन भाईचारा हो दुनियाँ भर में 2 मैं भक्त माता का करूँ स्वयं ईश वन्दना माता हो प्रसन्न लगाए जग पार... Hindi · मुक्तक 232 Share Santosh Shrivastava 4 Apr 2019 · 1 min read जीवन हो सुगम दिनांक 4/4/19 विधा पिरामिड 1 है राम जीवन मरण का सुखी आधार अच्छे कर्म धर्म करें तो नैया पार 2 है शक्ति चलाए जगत को हटाए अंधेरा जीवन हो सुगम... Hindi · मुक्तक 303 Share Santosh Shrivastava 4 Apr 2019 · 1 min read जीवन-संगिनी दिनांक 4/4/19 विधा पिरामिड है मेरा जीवन साथ साथ निभाने हेतु है आभार उस ईश्वरीय शक्ति को 2 है साथी तू मेरे जीवन की भूलता कैसे हर राह की जीवनसंगनी... Hindi · मुक्तक 515 Share Santosh Shrivastava 4 Apr 2019 · 1 min read जीवन-संगिनी दिनांक 4/4/19 विधा पिरामिड है मेरा जीवन साथ साथ निभाने हेतु है आभार उस ईश्वरीय शक्ति को 2 है साथी तू मेरे जीवन की भूलता कैसे हर राह की जीवनसंगनी... Hindi · मुक्तक 427 Share Santosh Shrivastava 3 Apr 2019 · 1 min read चलती रहे घडी दिनांक 3/4/19 विधा - पिरामिड 1 है घड़ी जीवन जन्म मृत्यु एक आधार है राह कठिन परिश्रम से जीत 2 ये घड़ी चलती आजीवन दे रही शिक्षा बढें लगातार जीवन... Hindi · मुक्तक 389 Share Santosh Shrivastava 28 Mar 2019 · 1 min read एक दुआ मौला से दिनांक 28/3/19 दुआ फैला के हाथ फकीर ने माँगी यूँ दुआ मौला से भर दे हर इन्सान की झोली जो चलें नेकी ओ ईमान की राह पर स्वलिखित लेखक संतोष... Hindi · मुक्तक 229 Share Santosh Shrivastava 22 Mar 2019 · 1 min read रंग बिरंगी रँगोली दिनांक 22/3/19 पिरामिड 1 है घर सुन्दर बने जब रंग बिरंगी द्वारे में रँगोली लाऐ सुख समृद्धि 2 है गृह लक्ष्मी चहुंओर रंग बिरंगी बिखेरती छटा सुन्दर हो रँगोली स्वलिखित... Hindi · मुक्तक 242 Share Santosh Shrivastava 18 Mar 2019 · 1 min read नींव का महत्व पिरामिड में 1 है नींव मकान मजबूत रहने वाले प्रसन्न समृद्ध बजती हैं तालियाँ 2 ये नींव आधार मजबूत रिश्तों तक खेलते कूदते बच्चे परिवार के स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव... Hindi · मुक्तक 403 Share Santosh Shrivastava 4 Feb 2019 · 1 min read दरिन्दे वो मासूम थी सामने दरिन्दा था किया उसने कराटे का वार वो हुआ धराशायी चीख कर भागी मासूम सीखे सब बेटियाँ इसी तरह के वार दरिन्दे जाऐगे इसी तरह सब... Hindi · मुक्तक 483 Share Santosh Shrivastava 4 Feb 2019 · 1 min read सब कुछ खत्म (क्षणिका) 1 बंद कमरा मारपीट की आवाजे औरत की चीख सब कुछ खत्म 2 मस्ती में युगल तेज रफ्तार एक चीख और सब कुछ खत्म स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 347 Share Santosh Shrivastava 4 Feb 2019 · 1 min read दुश्वारियां मासूम चेहरे पर हो जब मुस्कान खिलने गले फूल महके क्यारियाँ मिले जब हक बराबरी का आसमां छूए ये नारियाँ अब गिला शिकवा काहे का है मिट गयी जब दुश्वारियां... Hindi · मुक्तक 187 Share Santosh Shrivastava 29 Jan 2019 · 1 min read आत्मनिर्भर पंछियों के बच्चे आत्मनिर्भर हो उड जाते हैं इन्सान के बच्चे जिन्दगीभर माँ बाप से पूछते है "तुमने किया ही क्या है हमारे लिए ?" Hindi · मुक्तक 202 Share Santosh Shrivastava 16 Jan 2019 · 1 min read पाँच सौ की चब्बनी कल पानी पूरी खाना रहा था तभी एक खूबसूरत लडकी भी आ गयी और उसने भी खूब पानी पूरी खाई । पैसे देते समय मैने इम्प्रेशन मारने के लिए पाँच... Hindi · मुक्तक 524 Share Santosh Shrivastava 15 Jan 2019 · 1 min read दर्द दर्द कहानी में था लोग यूँ ही मरहम लगाने लगे जब हमने पूछी मरहम की कीमत तो बोले: "मत पूछो इसकी कीमत जितना तेज दर्द होगा कीमत कम होती जाऐगी... Hindi · मुक्तक 482 Share Santosh Shrivastava 15 Jan 2019 · 1 min read जीवन के खेल क्षणभंगुर हैं ये जीवन के खेल संभल कर खेलो जिन्दगी के खेल Hindi · मुक्तक 707 Share Santosh Shrivastava 14 Jan 2019 · 1 min read बर्फ कौन कहता पानी हमेशा चंचल रहता है उसे भी शान्त , गंभीर और स्थिर रहना आता है (संदर्भ: बर्फ) Hindi · मुक्तक 239 Share Santosh Shrivastava 6 Jan 2019 · 1 min read सांसे जिंदगी ने किया सवाल कैसी गुजर रही है दोस्त मैंने भी कहा दिया: "उधार की सांसे है, किराये का जिस्म है जब तलक देगी साथ गुजार लूँगा जिन्दगी तेरे साथ... Hindi · मुक्तक 389 Share Santosh Shrivastava 26 Dec 2018 · 1 min read यादें यादों कभी पुरानी नही होती यादोँ को भूलाया नही जा सकता दर्द का अहसास उसे ही होता है दोस्त जो अपनो की याद में दिन का चैन और रात की... Hindi · मुक्तक 428 Share Santosh Shrivastava 13 Dec 2018 · 1 min read वक्त उजड़े चमन की बुलबुलों से क्या गुफ्त़गू करें मयकदे के शोर-ओ -शऊर से कहीं दूर हम चलें शराब-ओ- शबाब रहा कभी मेरा शगल नहीं वक्त गुजर गया बहुत चलो अब... Hindi · मुक्तक 215 Share Santosh Shrivastava 6 Dec 2018 · 1 min read वेदना वेदना जब अपने अपने न रहे तब होती है वेदना जब समुन्दर की लहरों को ठुकरा दे किनारा तब होती है वेदना जब किसी पंछी के घरोंदे को उजाड़ दे... Hindi · मुक्तक 252 Share Santosh Shrivastava 5 Dec 2018 · 1 min read ज़िन्दगी की कहानी सूखे पेड की सूखी डाली पर लगा सूखा पत्ता जो कभी भी काल रूपी हवा के झोंके से टेट कर धरती पर गिर सकता है और जमीन में मिट जाने... Hindi · मुक्तक 234 Share Santosh Shrivastava 30 Nov 2018 · 2 min read संवेदनहीनता हमारे पड़ोस में रामदीन शर्मा रहते हैं। उनके दो बेटे हैं। एक बैंगलोर में है और दूसरा हैदराबाद मे अपने अपने परिवार के साथ हैं । शर्मा जी और उनकी... Hindi · मुक्तक 2 244 Share Previous Page 2