Santosh Shrivastava Tag: मुक्तक 75 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Santosh Shrivastava 29 Sep 2020 · 1 min read दिल (विश्व दिल दिवस की शुभकामनाएं) "हम खुश, दिल खुश दिल खुश, जग खुश" खुश रहे स्वस्थ्य रहे स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 1 279 Share Santosh Shrivastava 28 Sep 2020 · 1 min read झोली *रहमतों की कमी नहीं मौला के दरबार में...*.। *बस रखना ध्यान इतना कहीं कोई 'सुराख' न रह जाये अपनी झोली में *.. ।। ? ? स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 2 445 Share Santosh Shrivastava 6 Sep 2020 · 1 min read मंजिल दुनियाँ इक फ़साना है है भटकाव राहों में एक ही मंजिल तलक पहुँचना है सब को जहाँ से वापस नहीं आना है स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 2 275 Share Santosh Shrivastava 21 Aug 2020 · 1 min read करीब (सत्य वचन ) एक बुरा वक्त ही ऐसा होता है, जो इन्सान को भगवान के करीब ला देता है । जय श्री कृष्णा राधे राधे Hindi · मुक्तक 1 1 428 Share Santosh Shrivastava 17 Aug 2020 · 1 min read फूल गुलाब का काटों भरा है इनका शरीर, सुगंध, मुस्कान से हैं भरपूर है आदर्श ये गुलाब फूल हमारे दुःख में भी मुस्काय मन हमारे स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 3 1 530 Share Santosh Shrivastava 2 Aug 2020 · 1 min read मित्र है सूर बिन, गीत अधूरा अपनों बिन, परिवार अधूरा मित्र बिन, संसार अधूरा स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल (मित्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं) Hindi · मुक्तक 1 1 559 Share Santosh Shrivastava 16 Jul 2020 · 1 min read जीवन-चक्र जमीन में गिरी बूँद फिर बीज को सींचती है , वृक्ष बनता है और बादलो को खींच कर बारिश कराता है फिर एक नयी बूँद जन्म लेती है नयी आशाओं... Hindi · मुक्तक 2 2 421 Share Santosh Shrivastava 3 Jul 2020 · 1 min read उमर इतनी भी उमर मत दे मौला जब खुद ही नहीं अपने भी मरने की दुआ करने लगे Hindi · मुक्तक 1 377 Share Santosh Shrivastava 3 Jun 2020 · 1 min read समसामयिक विश्लेषण कुछ तो गुस्ताखी हुई होगी दोस्तों महफिलें सुनसान हैं श्मशान आबाद हैं संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 1 235 Share Santosh Shrivastava 8 Feb 2020 · 1 min read जागरूक रोस डे फलाना डे ढिकाना डे पर अपने माता पिता का खून पसीने का पैसा बर्बाद नहीं करें बकबास है यह सब जागरूक बनें Hindi · मुक्तक 1 233 Share Santosh Shrivastava 4 Feb 2020 · 1 min read चुनर वन्देमातरम कह निकले दीवाने रक्षा भारत माँ की करने लड़ते रहे आखिरी दम तलक करते रहे खून से तिलक जब हार दुश्मन भागा है तिरंगी चुनर ओढ़ी ली है स्वलिखित... Hindi · मुक्तक 1 453 Share Santosh Shrivastava 16 Jan 2020 · 1 min read बनाये रिश्ता पहले मधुर बनाये अपना स्वभाव अच्छा बोले अच्छा करें फिर शामिल करें भाई बहन ससुराल में शामिल करें नन्द भाभी सास इस तरह रिश्ते से रिश्ता जुड़ता जायेगा स्वलिखित लेखक... Hindi · मुक्तक 494 Share Santosh Shrivastava 30 Oct 2019 · 1 min read तू ही शक्ति है तू स्त्री है तू नारी तू है एक बहन बेटी और माँ कर नहीं सकता जमाना भेदभाव तूझमें बस हर कदम पे है तू सब शक्ति स्वलिखित लेखक संतोष... Hindi · मुक्तक 428 Share Santosh Shrivastava 13 Oct 2019 · 1 min read एक विडम्बना शरद पूर्णिमा के चाँद ने इठला कर कहा : " बन रही हर घर खीर " मैंने कहा : " उस झोपड़ी में भी देख चाँद , सौ रहे भूखे... Hindi · मुक्तक 347 Share Santosh Shrivastava 13 Oct 2019 · 1 min read एक विचार यातायात नियमों का पालन करते हुए सड़क पर चलें सुरक्षित रहें, दूसरों की जिंदगी भी सुरक्षित करें *विश्व ट्रामा (चोट) दिवस* Hindi · मुक्तक 447 Share Santosh Shrivastava 10 Oct 2019 · 1 min read मानसिक स्वास्थ्य अच्छा सोचें अच्छा खायें खुश रखें खुश रहें *विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की शुभकामनाएं * Hindi · मुक्तक 209 Share Santosh Shrivastava 9 Oct 2019 · 1 min read गुमनाम जिन्दगी गुमनाम जिन्दगी जीने का भी मजा अलग ही है न दुआ न सलाम अपने में मस्त बंद दरवाजा न साकल न कुंडी Hindi · मुक्तक 1 464 Share Santosh Shrivastava 2 Oct 2019 · 1 min read जय जवान-जय किसान हो चाहे ठंड, गर्मी या बरसात डटे हैं देश की सीमा और खेतों पर मान दो सम्मान दो करो वंदना इनकी ये हैं भारत के जय जवान जय किसान स्वलिखित... Hindi · मुक्तक 277 Share Santosh Shrivastava 26 Sep 2019 · 1 min read एक कटु सत्य ढोते रहे जिन्दगी भर हम अपने नाम को मरने के बाद लोगों ने कहा जला दो लाश को स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 1 1 203 Share Santosh Shrivastava 25 Sep 2019 · 1 min read झंकार दिल को जो कर दे बेचैन वह गीत सुनाता हूँ दिल में जो समा जाए वो संगीत बजाता हूँ ताल और सुरों का है खेल मनोरम गीत जब आये लवों... Hindi · मुक्तक 2 1 501 Share Santosh Shrivastava 12 Sep 2019 · 1 min read दास्ताँ ऐ उम्र उम्र भी बड़ी बैगेरत है दोस्तों जितना भी भूलाओ साल में एक दिन आ ही जाती है संतोष श्रीवास्तव Hindi · मुक्तक 436 Share Santosh Shrivastava 11 Sep 2019 · 1 min read मत इतरा इतना भी मत इतरा अपनी खूबसूरती पर ऐ जिन्दगी कई चेहरे बदरंग होते देखें है जमाने ने *संतोष श्रीवास्तव* Hindi · मुक्तक 226 Share Santosh Shrivastava 6 Sep 2019 · 1 min read जीवन की डोर - जीवन के सूत्र सायली लेखन 1 होती डोरी कमजोर जीवन नैया की टूटे कब अनजान 2 बांधा रक्षा सूत्र है प्यारा बंधन भाई बहन रक्षाबंधन स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 1 203 Share Santosh Shrivastava 22 Aug 2019 · 1 min read सच्चाई जिन्दगी की जिंदगी में *कभी मिलन की आशा,* *कभी बिछडने की निराशा,* *कभी जन्म की खुशी ,* *कभी मौत सा गम,* *कभी कुछ खोकर फिर कुछ पाने की आशा,* दोस्तों *सब यही... Hindi · मुक्तक 1 560 Share Santosh Shrivastava 15 Aug 2019 · 1 min read हम रोक न सके लव हिलते रहे बात हो न सकी अश्क गिरते रहे वो समेट न सके बस यहीं होती है खत्म कहानी जिन्दगी की , वो जाते रहे हम रोक न सके... Hindi · मुक्तक 553 Share Santosh Shrivastava 15 Jul 2019 · 1 min read प्यार जिन्दगी में इतना प्यार करते है उनसे , हर तरफ बस वो ही नजर आने लगे हैं स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 455 Share Santosh Shrivastava 12 Jul 2019 · 1 min read सखी और साखी द्विपदी लेखन जो रहे साथ सदा, है वही सखी है भ्रम रिश्ते देती , साखी स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 432 Share Santosh Shrivastava 2 Jul 2019 · 1 min read लोकतंत्र और अधिकार लोकतंत्र की है जान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देश हित में कार्य मत अधिकार का उपयोग स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 485 Share Santosh Shrivastava 14 Jun 2019 · 1 min read जिन्दगी एक धोखा दिनांक 14/6/19 पिरामिड वर्ण 1 है झोंका तूफान परेशान होता इन्सान नैया कैसे पार हिम्मत रखो बढों 2 दे झोंका जिन्दगी दर्द भरी डरा इन्सान ईश्वर का साथ नैया हो... Hindi · मुक्तक 230 Share Santosh Shrivastava 14 Jun 2019 · 1 min read पाओ सम्मान दिनांक 14/6/19 विधा - पिरामिड वर्ण 1 है शाख लटकी भरे फल सीख जीवन नम्र बनों झुको पाओ मान सम्मान 2 ओ डाली सुगन्ध खिले फूल भंवरें डोले पागल हो... Hindi · मुक्तक 248 Share Santosh Shrivastava 11 Jun 2019 · 1 min read अपना घर (पिरामिड वर्ण) दिनांक 11/6/19 1 है घर सहारा परिवार हो छत और साथ खाऐ खाना जीवन खुशहाल 2 लें घर अपना हो सपना सब का पूरा आशीर्वाद मिले खुशहाली हमेशा स्वलिखित लेखक... Hindi · मुक्तक 331 Share Santosh Shrivastava 8 Jun 2019 · 1 min read बेबफाईया बेबफाईया कुदरत से गर्मी और सूखा तड़पता इन्सान प्यासे कंठ Hindi · मुक्तक 342 Share Santosh Shrivastava 5 Jun 2019 · 1 min read पर्यावरण से छेड़छाड़ कुदरत के भी अपने ऊसूल है दोस्तों तुम उसे जीने दोगे तब वह तुम्हें मरने नही देगा Hindi · मुक्तक 183 Share Santosh Shrivastava 30 May 2019 · 1 min read धोखा एक सबक धोखा तो यूँ ही बदनाम है दोस्तों वरना सीखो सबक धोखों से Hindi · मुक्तक 1 397 Share Santosh Shrivastava 29 May 2019 · 1 min read जीवन का ध्येय दिनांक 29/5/19 पिरामिड वर्ण प्रतियोगिता 1 ले हर मानव ये संकल्प शुद्ध रखेंगे जल जमी वायु स्वच्छ सारी दुनियाँ 2 है जग सुन्दर आंखे द्वार प्रेम लज्जा की हो सुरक्षित... Hindi · मुक्तक 482 Share Santosh Shrivastava 24 May 2019 · 1 min read चुनौती जिन्दगी की दिनांक 24/5/19 विधा - तांका 1 राहे कठिन पगडंडी कांटो की लक्ष्य मंजिल बढते चलो आगे जूझते चुनौती से 2 होती परीक्षा मुश्किल जीवन में परिश्रम से डरती है चुनौती... Hindi · मुक्तक 311 Share Santosh Shrivastava 10 May 2019 · 1 min read समृद्ध लोकतन्त्र ( पिरामिड वर्ण) दिनांक 10/5/19 1 दो काम हाथों को परिणाम तो मिले खाना होगे खुशहाल समृद्ध देशवासी 2 दो मत चुनाव लोकतंत्र हो मजबूत देश खुशहाल हो विकास सृमथ्दि स्वलिखित लेखक संतोष... Hindi · मुक्तक 237 Share Santosh Shrivastava 10 May 2019 · 1 min read बेवफ़ा वो (क्षणिका लेखन) दिनांक 10/5/19 कल वो साथ थे आज कहाँ , पता नहीं गुमनाम जिन्दगी मेरी बेवफ़ा वो या किस्मत मेरी 2 कंटीली राहें है जीवन संघर्षमय है साथ जब ईश है... Hindi · मुक्तक 220 Share Santosh Shrivastava 8 May 2019 · 1 min read पीछा मौत का कहा मौत ने मुझ से :" भाग ले जितना भाग सके , पीछा नहीं छोडूंगी " मैने कहा : हँस कर " वक्त मेरे साथ है, पकड़ सके, तो पकड़... Hindi · मुक्तक 211 Share Santosh Shrivastava 6 May 2019 · 1 min read मेरा जनाजा बड़ा मजा आया जब कंधों पर चढ़ा जनाजा मेरा अब तलक मैं ढो रहा था रिश्तों से , अब वो ढो रहे हैं मजबूरी से Hindi · मुक्तक 426 Share Santosh Shrivastava 4 May 2019 · 1 min read क़ैद न जाने कैसे अहसास हो गया उन्हें हमारे दर्द का हमने तो सांसे रोक कर दर्द को ही कैद कर लिया था स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 1 402 Share Santosh Shrivastava 4 May 2019 · 1 min read खंजर पंछी भी कितने नादां होते हैं जहाँ खंजर होता है फिर भी वहीं भागे चले आते हैं स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 245 Share Santosh Shrivastava 4 May 2019 · 1 min read साजिश न जाने कैसी साज़िश रची बादलों ने, जिनके घर कच्चे थे वहीँ घनघोर बरसात हुई Hindi · मुक्तक 1 221 Share Santosh Shrivastava 4 May 2019 · 1 min read देश के नायक दिनांक 4/5/19 विधा - पिरामिड वर्ण 1 है वह नायक देशभक्ति के हों जज्बात शहीद हो जाते मातृ भूमि के लिए 2 दें हमें खुशियाँ दें सुरक्षा स्वाभिमान से सिर... Hindi · मुक्तक 367 Share Santosh Shrivastava 30 Apr 2019 · 1 min read गर्मी और जल 1 लू गर्मी संकट में इन्सान सूखता जल भटकते लोग अब न चेते कब 2 लू डरे वो नहीं कर्मठता मेहनत से कमाए दो रोटी एसी कूलर छोड़े स्वलिखित लेखक... Hindi · मुक्तक 243 Share Santosh Shrivastava 29 Apr 2019 · 1 min read जीवन है तो संघर्ष है (पिरामिड वर्ण) दिनांक 29/4/19 1 है लक्ष्य संघर्ष निरंतर करते स्पर्धा पाओ सफलता ऊँचे पायदान के 2 है लक्ष्य मुश्किल करो स्पर्धा बढते चलो करो संघर्ष जीवन सुखी पाओ सफलता छुओगे बुलंदियाँ... Hindi · मुक्तक 404 Share Santosh Shrivastava 26 Apr 2019 · 1 min read निर्मल मन दिनांक 26/4/19 पिरामिड 1 है जल निर्मल प्रदुषित नहीं हो यह करें संरक्षण जलस्तोत्रों का हम 2 ये मन निर्मल करे रोज ईश वंदना रखे सब पर कृपा परमेश्वर स्वलिखित... Hindi · मुक्तक 191 Share Santosh Shrivastava 25 Apr 2019 · 1 min read जीवन में सृजन (विधा - हाइकु) दिनांक 25/4/19 होता सृजन प्रकृति है मोहक सब सुन्दर देश विदेश बढते है कदम सृजन सतत् बने कर्मठ हो जीवन सफल करें सृजन स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल मंजिल पास Hindi · मुक्तक 188 Share Santosh Shrivastava 24 Apr 2019 · 1 min read माँ तेरा आँचल (पिरामिड विधा) दिनांक 24/4/19 1 माँ तेरा आँचल आशीर्वाद दे खुशहाली फलते फूलते बच्चे शरण तेरे 2 ऐ माता भारत हैं कुर्बान माँ तुझ पर आँचल है छाया खुशहाल हो सब स्वलिखित... Hindi · मुक्तक 261 Share Santosh Shrivastava 23 Apr 2019 · 1 min read रूप धूप के दिनांक 23/4/19 धूप विधा - पिरामिड 1 है धूप गजब सुख दुख दे साथ साथ गर्मी और सर्दी में हैं रूप अलग 2 दे धूप सुकून जगत को है जन... Hindi · मुक्तक 193 Share Page 1 Next