Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2019 · 1 min read

जीवन का ध्येय

दिनांक 29/5/19

पिरामिड वर्ण प्रतियोगिता
1
ले
हर
मानव
ये संकल्प
शुद्ध रखेंगे
जल जमी वायु
स्वच्छ सारी दुनियाँ

2
है
जग
सुन्दर
आंखे द्वार
प्रेम लज्जा की
हो सुरक्षित ये
करो संकल्प सब

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
433 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जल से सीखें
जल से सीखें
Saraswati Bajpai
*गली-गली में घूम रहे हैं, यह कुत्ते आवारा (गीत)*
*गली-गली में घूम रहे हैं, यह कुत्ते आवारा (गीत)*
Ravi Prakash
पारो
पारो
Acharya Rama Nand Mandal
बंद आंखें कर ये तेरा देखना।
बंद आंखें कर ये तेरा देखना।
सत्य कुमार प्रेमी
चिड़िया चली गगन आंकने
चिड़िया चली गगन आंकने
AMRESH KUMAR VERMA
अनकहे शब्द बहुत कुछ कह कर जाते हैं।
अनकहे शब्द बहुत कुछ कह कर जाते हैं।
Manisha Manjari
मान देने से मान मिले, अपमान से मिले अपमान।
मान देने से मान मिले, अपमान से मिले अपमान।
पूर्वार्थ
आरजू ओ का कारवां गुजरा।
आरजू ओ का कारवां गुजरा।
Sahil Ahmad
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने हुए श्रेष्ठ 11 दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने हुए श्रेष्ठ 11 दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी
नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
इस राह चला,उस राह चला
इस राह चला,उस राह चला
TARAN VERMA
"पर्दा"
Dr. Kishan tandon kranti
ऐसा इजहार करू
ऐसा इजहार करू
Basant Bhagawan Roy
प्यार करोगे तो तकलीफ मिलेगी
प्यार करोगे तो तकलीफ मिलेगी
Harminder Kaur
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
आर.एस. 'प्रीतम'
दिलबर दिलबर
दिलबर दिलबर
DR ARUN KUMAR SHASTRI
3334.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3334.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
मोबाइल भक्ति
मोबाइल भक्ति
Satish Srijan
सेल्फी या सेल्फिश
सेल्फी या सेल्फिश
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बचपन के वो दिन कितने सुहाने लगते है
बचपन के वो दिन कितने सुहाने लगते है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
अपनी निगाह सौंप दे कुछ देर के लिए
अपनी निगाह सौंप दे कुछ देर के लिए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
रंगरेज कहां है
रंगरेज कहां है
Shiva Awasthi
लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
Shyam Sundar Subramanian
मातु शारदे वंदना
मातु शारदे वंदना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
चांद सी चंचल चेहरा 🙏
चांद सी चंचल चेहरा 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मुस्कुराना चाहता हूं।
मुस्कुराना चाहता हूं।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मेरा दामन भी तार- तार रहा
मेरा दामन भी तार- तार रहा
Dr fauzia Naseem shad
चलो मैं आज अपने बारे में कुछ बताता हूं...
चलो मैं आज अपने बारे में कुछ बताता हूं...
Shubham Pandey (S P)
Loading...