Language: Hindi
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हर मोड़ पे उन का हमारा सामना होने लगा - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
देखूँ तो वो सामने बैठा हुआ है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
आंख हो बंद तो वो अपना है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
बहते पानी पे एक दरिया ने - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
ग़म-ख़ुशी सब परख के चुप था वो- संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
दो दिलों में तनातनी क्यों है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
दरिया की लहरें खुल के - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
प्यार में लेकिन मैं पागल भी नहीं हूं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
दरिया की तह में ठिकाना चाहती है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
झूठ है सब ज़हीन धोका है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
जाम सिगरेट कश और बस - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
आंख से मत कुरेद तस्वीरें - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
छोड़ तो आये गांव इक दम सब-संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
इबारत जो उदासी ने लिखी है-संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
ख़ुद से अपना हाथ छुड़ा कर - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
पहने कपड़े सुनहरे चमकती हुई
Sandeep Thakur
आ जा अब तो शाम का मंज़र भी धुँधला हो गया
Sandeep Thakur
तेरे जाने के बाद बस यादें -संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मुझ से दो दिन अलग रही है तू
Sandeep Thakur
झाग गुमसुम लहर के आंँसू हैं
Sandeep Thakur
बिन तिरे इक कमी रही बरसों - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
शेर-शायरी
Sandeep Thakur
सड़ रही है उदासी तनहाई-संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
इश्क़ से अपने कुछ चुने लम्हें
Sandeep Thakur
शायरी
Sandeep Thakur
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
शायरी - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
पहले वो दीवार पर नक़्शा लगाए - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
ओ मेरी सोलमेट जन्मों से - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
चांद चेहरा मुझे क़ुबूल नहीं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
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शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
रिश्ते से बाहर निकले हैं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
ख़्बाब आंखों में बंद कर लेते - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
रिश्तों की गहराई लिख - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
हैं सितारे डरे-डरे फिर से - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
इस नदी की जवानी गिरवी है
Sandeep Thakur
ख़यालों में रहते हैं जो साथ मेरे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
क्या सितारों को तका है - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
तू मेरी हीर बन गई होती - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
ग़ज़ल - ज़िंदगी इक फ़िल्म है -संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur