Arun Kumar Language: Hindi 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read शायद मैं ना जागूँ एक दिन शायद मैं ना जागूँ एक दिन..... ----------------------------------------------------------- शायद मैं ना जागूं एक दिन, साँसें जब ये रुक जाए । लहू की तीव्र गति रुक जाए धड़कन दिल की थम जाए... Hindi · कविता 384 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read काफिला आई जेहन में... काफिला आया जेहन में............ ≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈ वाकयातों का नया एक काफिला आया जेहन में । बाहयातों की कई चेहरे निखर आया जहाँ में । वाकयातों का नया................ बेशरम दोपांच ही ने... Hindi · गीत 476 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read अब कैसे दिन आएंगे??? ? अब कैसे दिन आएंगे 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 एक महानुभाव ने आकर के पूछा ये आँख मिलकर के । अच्छे दिन तो हुए पुराने अब कैसे दिन आएंगे ?? मैं मुस्काया,आदत है... Hindi · कविता 497 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read जीत तय हुआ जीत तय हुआ ..... ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ प्रातः विहग चहक सुन सुन कर जग जीवन संगीत मय हुआ । सामष्टिक नूतनता लेकर नव जीवन का गीत तय हुआ ।। मंद सुगन्धित पवन... Hindi · कविता 321 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read ऐ सामरिक कब आएगा ऐ सामरिक कब आएगा............ _________________________________ किस सृजन में है लगा ऐ सामरिक कब आएगा । सज्जनें हैं व्यग्र जग में सत्य कब फैलाएगा ।। किस सृजन में............................. वक्त है कम... Hindi · कविता 523 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read धरा स्वर्ग सम बन जायेंगे ? धरा स्वर्ग सम बन जाएंगे 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 धरा स्वर्ग सम बन जाएगा जिस दिन सब सुशिक्षित होंगे । प्रेम न्याय ही धर्म बनेगा जिस दिन सब सतदीक्षित होंगे ।। न्याय... Hindi · गीत 450 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read बुद्धों की इस देवधरा पर... बुद्धों की इस देवधरा पर........ __________________________________ कोई भी त्यौहार देश में तबतक रास ना आएगा । बुद्धों की इस देवधरा पर जबतक न्याय ना आएगा ।। जबतक चेतन सुप्त रहेगा... Hindi · कविता 254 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read नव विहान नव विहान 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 नव विहान नव ऊर्जा लेकर, जगत पटल रोशन करता है । व्यग्र-तृप्त, हर्षित-विशाद पर मानस नित दोलन करता है ।। पंछी गण नव कलरव लेकर गीत विहंगम... Hindi · कविता 1 693 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read अद्भुत संगम अद्भुत संगम 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 है दुखों का अगम पयोधि हृदय गर्त अश्कों से भरा है । किस दुविधा में फँसा अकिंचन दुनिया ये कितना गहरा है ।। जब से देव रूप... Hindi · कविता 619 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read चल पड़ा है सामरिक चल पड़ा है सामारिक.....???????? ------------------------------------------- चल पड़ा परचम लिए मैं, हर गली और गाँव को । है जहाँ सम्पूर्ण भारत, वर्ष के उत्थान को ।। है निहित सत्ज्ञान पथ ,... Hindi · कविता 260 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read अब न्याय के शरण में..... ? अब न्याय की शरण में................... 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 अब न्याय की शरण में आकर ही सब मिलेगा । अन्याय इस जगत से निश्चय ही अब मिटेगा ।। यह छल-कपट की दुनिया... Hindi · गीत 500 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read मेरे सपनो के भारत में... ??मेरे सपनो का भारत?? –-–-–-–-–-–-–-–-–-–-–-–-–-–-–-–- मेरे सपनो के भारत में , भारत ये विश्वगुरु होगा । सभी अधूरे स्वप्न धरा का, निश्चय ही आज शुरू होगा ।। करवट लेकर ऊब... Hindi · कविता 252 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read मैं अभियंता... ? मैं अभियंता 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 मैं अभियंता मातृभूमि को तन मन अर्पित करता हूँ । भाव भरा अनुभूति और ये जीवन अर्पित करता हूँ ।। मैं अभियंता मातृभूमि को............ स्व की... Hindi · कविता 632 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read कुछ तो कर गुजरने का..... ? कुछ तो कर गुजरने का 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 कुछ तो कर गुजरने का हवा पैगाम लाया है । सच की हर हया की अम्न का तहजीब लाया है ।। है छा... Hindi · गीत 333 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read सत्य की सरिता ? सत्य की सरिता 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 चल चलें उस ओर कि सतन्याय सबको मिल सके । सत्य की सरिता में जन अधिकार सबको मिल सके ।। नित्य नूतन देशना से मन... Hindi · गीत 619 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read मैं चलता रहा हूँ..... ? मैं चलता रहा हूँ 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 मैं चलता रहा हूँ मैं चलता रहूँगा सत न्याय को धर्म कहता रहूँगा । अमन हो ना जबतक तड़पता रहूँगा समर के तपिश को... Hindi · गीत 300 Share Arun Kumar 9 Jun 2016 · 1 min read शादी का व्यापार शादी का व्यपार ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ शादी की व्यापार आज कल चरमोत्कर्ष पे काबिज है । चलता फिरता है दूकान यह कहीं भी आज मुनासिब है ।। लड़कों की नीलामी होती सरे... Hindi · कविता 620 Share Arun Kumar 9 Jun 2016 · 1 min read जाग्रति ? जागृति ×××××××××××××××××××××××××××× डर दफ़न कर दे कहीं पर ख़ौफ़ को कर दे विदा । अब नहीं रहना तुझे भी जिंदगी से गुमसुदा ।। अब तो है प्रत्यक्ष मंजिल रास्ते... Hindi · कविता 557 Share