Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jun 2016 · 1 min read

अब न्याय के शरण में…..

?
अब न्याय की शरण में……………….
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
अब न्याय की शरण में
आकर ही सब मिलेगा ।
अन्याय इस जगत से
निश्चय ही अब मिटेगा ।।

यह छल-कपट की दुनिया
अब सांस गिन रही है।
अब प्रेम और सच की
जागीर बन रही है ।
शोषण दमन यहां से
निश्चय ही अब हटेगा ।
अब न्याय की शरण में…………………..

अति और भ्रष्ट सारे
आचार व्यर्थ होंगे ।
संसार के सफ़र में
हर पग समर्थ होंगे।
अब दास शब्द का भी
अस्तित्व तक मिटेगा ।
अब न्याय की शरण में…………………

यह सत्य सर्वसुख का
अब बीजमंत्र होगा ।
यह न्याय ही जगत का
अब मूलतंत्र होगा ।
अब प्रेम का जगत में
झरना पुनः बहेगा ।
अब न्याय की शरण में………………..

?
सामरिक अरुण
मिडिल कार्यकारिणी
NDS हरिद्वार
10/05/2016
www.nyayadharmsabha.org

Language: Hindi
Tag: गीत
417 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
छोटे गाँव का लड़का था मैं
छोटे गाँव का लड़का था मैं
The_dk_poetry
बिहार क्षेत्र के प्रगतिशील कवियों में विगलित दलित व आदिवासी चेतना
बिहार क्षेत्र के प्रगतिशील कवियों में विगलित दलित व आदिवासी चेतना
Dr MusafiR BaithA
समस्या का समाधान
समस्या का समाधान
Paras Nath Jha
आइना अपने दिल का साफ़ किया
आइना अपने दिल का साफ़ किया
Anis Shah
सारी रोशनी को अपना बना कर बैठ गए
सारी रोशनी को अपना बना कर बैठ गए
कवि दीपक बवेजा
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – तपोभूमि की यात्रा – 06
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – तपोभूमि की यात्रा – 06
Kirti Aphale
* सुनो- सुनो गाथा अग्रोहा अग्रसेन महाराज की (गीत)*
* सुनो- सुनो गाथा अग्रोहा अग्रसेन महाराज की (गीत)*
Ravi Prakash
(((((((((((((तुम्हारी गजल))))))
(((((((((((((तुम्हारी गजल))))))
Rituraj shivem verma
“दुमका दर्पण” (संस्मरण -प्राइमेरी स्कूल-1958)
“दुमका दर्पण” (संस्मरण -प्राइमेरी स्कूल-1958)
DrLakshman Jha Parimal
सच की पेशी
सच की पेशी
Suryakant Dwivedi
झर-झर बरसे नयन हमारे ज्यूँ झर-झर बदरा बरसे रे
झर-झर बरसे नयन हमारे ज्यूँ झर-झर बदरा बरसे रे
हरवंश हृदय
I want to collaborate with my  lost pen,
I want to collaborate with my lost pen,
Sakshi Tripathi
■ सनातन पर्वों के ख़िलाफ़ हमारे अपने झूठे संगठन।
■ सनातन पर्वों के ख़िलाफ़ हमारे अपने झूठे संगठन।
*Author प्रणय प्रभात*
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
“I will keep you ‘because I prayed for you.”
“I will keep you ‘because I prayed for you.”
पूर्वार्थ
प्यार लिक्खे खतों की इबारत हो तुम।
प्यार लिक्खे खतों की इबारत हो तुम।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
गांव की बात निराली
गांव की बात निराली
जगदीश लववंशी
उनकी आंखो मे बात अलग है
उनकी आंखो मे बात अलग है
Vansh Agarwal
बेवजह किसी पे मरता कौन है
बेवजह किसी पे मरता कौन है
Kumar lalit
दुनियां की लिहाज़ में हर सपना टूट के बिखर जाता है
दुनियां की लिहाज़ में हर सपना टूट के बिखर जाता है
'अशांत' शेखर
खुशी पाने की जद्दोजहद
खुशी पाने की जद्दोजहद
डॉ० रोहित कौशिक
करारा नोट
करारा नोट
Punam Pande
एक जिद्दी जुनूनी और स्वाभिमानी पुरुष को कभी ईनाम और सम्मान क
एक जिद्दी जुनूनी और स्वाभिमानी पुरुष को कभी ईनाम और सम्मान क
Rj Anand Prajapati
बाल कविता: तोता
बाल कविता: तोता
Rajesh Kumar Arjun
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
satish rathore
* ऋतुराज *
* ऋतुराज *
surenderpal vaidya
खुद पर यकीन करके
खुद पर यकीन करके
Dr fauzia Naseem shad
2298.पूर्णिका
2298.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मीडिया पर व्यंग्य
मीडिया पर व्यंग्य
Mahender Singh
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
Loading...