सागर यादव 'जख्मी' Tag: मुक्तक 32 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सागर यादव 'जख्मी' 20 Mar 2017 · 1 min read कभी भला तो कभी बुरा लगता है कभी भला तो कभी बुरा लगता है वो सारी दुनिया से जुदा लगता है मुद्दत हुई उसका फोन आया न कोई खत आया मेरा महबूब मुझसे खफा लगता है Hindi · मुक्तक 493 Share सागर यादव 'जख्मी' 20 Mar 2017 · 1 min read टूटकर बिखरने का हौसला नहीँ है मुझे आपसे कोई गिला नहीँ है मेरी किस्मत मेँ ही वफा नहीँ है टूटने को तो मै सौ बार टूटा हूँ टूटकर बिखरने का हौसला नहीँ है Hindi · मुक्तक 349 Share सागर यादव 'जख्मी' 20 Mar 2017 · 1 min read पागल रात -दिन मेरे जीने की दुआ करती है वो लड़की अपना फर्ज अदा करती है आपसे ये किसने कहा कि मै शायर हूँ मेरी माँ तो मुझे पागल कहा करती... Hindi · मुक्तक 1 321 Share सागर यादव 'जख्मी' 18 Mar 2017 · 1 min read हमारे गंदे कर्मोँ की समीक्षा अब नहीँ होती हमारे गंदे कर्मोँ की समीक्षा अब नहीँ होती कि पहले की तरह मेरी परीक्षा अब नहीँ होती तुम्हारे जिस्म की खुशबू हमेँ मदहोश करती है मेरी बाहोँ मेँ आओ तुम... Hindi · मुक्तक 488 Share सागर यादव 'जख्मी' 18 Mar 2017 · 1 min read न शरमाएँगे दुनिया से न शरमाएँगे दुनिया से सुबह को शाम कह देँगे जो नफरत के पुजारी हैँ वो दिन को रात कह देँगे किसी की लाश पर तुम फूल भी रखना तो चुपके... Hindi · मुक्तक 2 382 Share सागर यादव 'जख्मी' 18 Mar 2017 · 1 min read वफा का नाम सुनकर भी हमारा खून जलता है कभी पंजाब जलता है कभी रंगून जलता है सियासी आग मेँ देखो ये देह्रादून जलता है मेरे दर से चले जाओ मुहब्बत बाँटने वालोँ वफा का नाम सुनकर भी हमारा... Hindi · मुक्तक 297 Share सागर यादव 'जख्मी' 2 Mar 2017 · 1 min read मुस्कुराने वालोँ से सब प्यार करते हैँ जले दिल को जलाने की तमन्ना हम नहीँ रखते किसी को आजमाने की तमन्ना हम नहीँ रखते सुना है मुस्कुराने वालोँ से सब प्यार करते हैँ नहीँ तो मुस्कुराने की... Hindi · मुक्तक 217 Share सागर यादव 'जख्मी' 2 Mar 2017 · 1 min read मुस्कुराने वालोँ से सब प्यार करते हैँ जले दिल को जलाने की तमन्ना हम नहीँ रखते किसी को आजमाने की तमन्ना हम नहीँ रखते सुना है मुस्कुराने वालोँ से सब प्यार करते हैँ नहीँ तो मुस्कुराने की... Hindi · मुक्तक 193 Share सागर यादव 'जख्मी' 2 Mar 2017 · 1 min read पढ़ा जो खत 'सुनैना' का जिसे अपना समझता हूँ वही दुश्मन हमारा है तेरी दुनिया का मेरे रब बड़ा दिलकश नजारा है पढ़ा जो खत 'सुनैना' का रुआँसा हो गया मै भी "बुआ और दादी... Hindi · मुक्तक 426 Share सागर यादव 'जख्मी' 2 Mar 2017 · 1 min read मेरी इतनी सी ख्वाहिश है किसी का घर बसा देना किसी घर को जला देना हमेँ आता नहीँ यारोँ मुहब्बत मेँ दगा देना मेरा दिल तोड़ने वाले मेरी इतनी सी ख्वाहिश है हमारी लाश जब... Hindi · मुक्तक 299 Share सागर यादव 'जख्मी' 6 Feb 2017 · 1 min read खाली हाँथ आया था खाली हाँथ आया था खाली चला गया गुलशन से मायूस होकर माली चला गया कदमोँ मेँ जिसके डाल दी सारे जहाँ की नेमतेँ वही आज मुझको देकर गाली चला गया Hindi · मुक्तक 312 Share सागर यादव 'जख्मी' 5 Feb 2017 · 1 min read मुझे तुमसे मुहब्बत है मेरे घर के रस्ते से जब कभी भी आप जाते हैँ मेरे घर के सोए भाग्य सच मेँ जाग जाते हैँ मुझे तुमसे मुहब्बत है तुम्हेँ मुझसे मुहब्बत है चलो... Hindi · मुक्तक 190 Share सागर यादव 'जख्मी' 19 Jan 2017 · 1 min read जिसकी बीवी बेवफा हो जाए खुदा आदमी से खफा हो जाए मै नहीँ चाहता आदमी खुदा हो जाए उस बंदे पे क्या गुजरेगी 'सागर' जिसकी बीवी बेवफा हो जाए Hindi · मुक्तक 273 Share सागर यादव 'जख्मी' 19 Jan 2017 · 1 min read क्या सच बोलना भी जुर्म है इस जमाने मेँ ? शामो सहर रहता था वीराने मेँ बस यही खासियत थी उस दीवाने मेँ मै सच बोलता हूँ तो लोग मुझसे रूठ जाते हैँ क्या सच बोलना भी जुर्म है इस... Hindi · मुक्तक 1 314 Share सागर यादव 'जख्मी' 19 Jan 2017 · 1 min read शायद कभी हम जलाने के काम आए गीत, गजल, कविता सुनाने के काम आए जब तक रहे 'काका' हँसाने के काम आए लकड़ी समझकर हमको रख दो चूल्हे के पास शायदी कभी हम जलाने के काम आए Hindi · मुक्तक 179 Share सागर यादव 'जख्मी' 17 Jan 2017 · 1 min read गजल कहो नजरोँ से नजर मिलाकर गजल कहो सारे शिकवे गिले भुलाकर गजल कहो चेहरे पे हो मायूसी तो अच्छा नहीँ लगता मेरी बात मानो मुस्कुराकर गजल कहो Hindi · मुक्तक 272 Share सागर यादव 'जख्मी' 14 Jan 2017 · 1 min read धूप मेँ भी चाँद का दीदार होना चाहिए धूप मेँ भी चाँद का दीदार होना चाहिए आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए माँ- बहन , भाई को माना प्यार है तुमसे बहुत हाँ मगर कुछ मेरा भी... Hindi · मुक्तक 490 Share सागर यादव 'जख्मी' 14 Jan 2017 · 1 min read किसी दिल को मिले जब गम तो कोई बात होती है किसी दिल को मिले जब गम तो कोई बात होती है किसी गम से मिले जब हम तो कोई बात होती है बिछड़ कर तुमसे मै एक पल भी 'सागर'... Hindi · मुक्तक 198 Share सागर यादव 'जख्मी' 14 Jan 2017 · 1 min read मै शायर हूँ मेरे प्रेमी हजारो हैँ चमकते चाँद को बीमार मत समझो सँपोलोँ को किसी का यार मत समझो मै शायर हूँ मेरे प्रेमी हजारोँ हैँ मुझे तुम एक गले का हार मत समझो Hindi · मुक्तक 312 Share सागर यादव 'जख्मी' 14 Jan 2017 · 1 min read कमाओ ढेर सारा धन मगर इतनी खबर रखना किसी के इश्क मेँ तुम जिंदगी अपनी कभी बर्बाद मत करना कि अपने स्वर्ग से घर को कभी वीरान मत करना कमाओ ढेर सारा धन मगर इतनी खबर रखना कभी... Hindi · मुक्तक 241 Share सागर यादव 'जख्मी' 14 Jan 2017 · 1 min read जिस भाई के खातिर मैने अपनी किडनी बेची थी गली सब देख डाली पर शहर पूरा नहीँ देखा मुहब्बत के मुसाफिर ने कभी सहरा नहीँ देखा कि जिस भाई के खातिर मैने अपनी किडनी बेची थी वही भाई कई... Hindi · मुक्तक 221 Share सागर यादव 'जख्मी' 14 Jan 2017 · 1 min read मेरी माँ की महिमा मिली जो भी खबर मुझको तुम्हेँ बतला रहा हूँ मै यकीँ मानो उसी विधवा से मिलकर आ रहा हूँ मै न देवोँ की कृपा मुझ पर न तेरा ही सहारा... Hindi · मुक्तक 1 353 Share सागर यादव 'जख्मी' 14 Jan 2017 · 1 min read हकीकत मानने से मै भला इनकार क्योँ करता ? हकीकत मानने से मै भला इनकार क्योँ करता तुम्हारे प्यार के खातिर किसी से प्यार क्योँ करता निवाला मुँह का देकर जिसने मेरी परवरिश की थी जरा सी बात पर... Hindi · मुक्तक 190 Share सागर यादव 'जख्मी' 14 Jan 2017 · 1 min read वो लड़की याद आती है सफर करते हुए नभ की,ये धरती याद आती है लुटेरोँ को अभी भी मेरी बस्ती याद आती है हमेँ मालूम है 'सागर' इसी को प्यार कहते हैँ मै जब भी... Hindi · मुक्तक 332 Share सागर यादव 'जख्मी' 14 Jan 2017 · 1 min read हंगामा कोई जब जिस्म का सौदा लगाते हैँ तो हंगामा हया सब छोड़ के पैसा कमाते हैँ तो हंगामा वफा की राह पे हमको कोई चलने नहीँ देता कलम को छोड़कर... Hindi · मुक्तक 405 Share सागर यादव 'जख्मी' 14 Jan 2017 · 1 min read मेरी गजलेँ मेरे मुक्तक उसी माँ को समर्पित हैँ मेरे कदमोँ की आहट को सदा पहचान जाती है वो गहरी नीँद मेँ होती भी है तो जाग जाती है मेरी गजलेँ मेरे मुक्तक उसी माँ को समर्पित हैँ कि... Hindi · मुक्तक 417 Share सागर यादव 'जख्मी' 14 Jan 2017 · 1 min read तू मुझे चूम ले प्रेम के गीत पर आ जरा झूम लेँ अपने लब के लिए एक हँसी ढूढ़ लेँ चाँदनी रात है राह सुनसान है तू मुझे चूम ले हम तुम्हेँ चूम ले Hindi · मुक्तक 343 Share सागर यादव 'जख्मी' 14 Jan 2017 · 1 min read अब भाभी अलग चूल्हा जलाती है न बच्चे शोर करते हैँ न मम्मी मुस्कुराती है मै जब वर्दी मेँ होता हूँ तो दादी सिर झुकाती है यही घर था जहाँ हरपल खुशी के फूल खिलते थे... Hindi · मुक्तक 567 Share सागर यादव 'जख्मी' 14 Jan 2017 · 1 min read किसी मजनूँ को जब लैला से थोड़ा प्यार होता है कभी मंगल कभी शुक्कर कभी इतवार होता है कलेँडर के सभी पृष्ठोँ पे कोई वार होता है पिता -माता , बहन- भाई सभी को भूल जाता है किसी मजनूँ को... Hindi · मुक्तक 349 Share सागर यादव 'जख्मी' 14 Jan 2017 · 1 min read तू मेरी हो नहीँ सकती किसी के खून से मै हाथ अपने धो नहीँ सकता मै अपनी राह मेँ काँटे कभी भी बो नहीँ सकता तू मुझसे प्यार करती है मगर सच बात तो ये... Hindi · मुक्तक 495 Share सागर यादव 'जख्मी' 14 Jan 2017 · 1 min read मुहब्बत मेँ मजे कम कोई मजबूर कहता है कोई जाहिल समझता है मगर वो अपने भाई को सदा लक्ष्मण समझता है मुहब्बत मेँ मजे कम और खतरे ढेर सारे हैँ इसे बस तू समझती... Hindi · मुक्तक 236 Share सागर यादव 'जख्मी' 7 Jan 2017 · 1 min read हृदय की पीर कहीँ पे राँझा बिकता है कहीँ पे हीर बिकती है कि पैसे के लिए नारी की अक्सर चीर बिकती है ये कुदरत का करिश्मा है या वेश्या की अदाकारी सुना... Hindi · मुक्तक 594 Share