संजीव शुक्ल 'सचिन' Tag: ग़ज़ल/गीतिका 82 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jul 2018 · 1 min read नाजुक डोर रिश्तों की नाजुक डोर रिश्तों की ********************* कुछ रिश्ते साख बचा देते। कुछ खुद को ही सजा देते। पलते साँप जो आस्तीन में- रिश्तों में दाग लगा देते। कुछ जां देकर भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 273 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2018 · 1 min read गजल/गीतिका फिलबदीह काफिया अता रदिढ ....कौन है वो कुड़ा बीनें देखता कौन है बालपन में यहाँ खेलता कौन है वो रहता यहाँ हर घड़ी शोक में बोल दो ऐसे दुख झेलता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 547 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2018 · 1 min read वतन के सपूत वतन के सपूत ************** वतन के राह में कुर्बान यहीं शबाब है। कि तुमको बारंबार यार मेरे आदाब है। सलामत है वतन तुमसे तुम्ही तो शान हो। कभी हम बन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 390 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2018 · 1 min read सताने लगे हैं सताने लगे हैं ************* मुझे वो गले अब लगाने लगे हैं। कि अपना मुझे अब बताने लगे हैं। लगता समझ प्यारा मेरा गये वो। कि मुझसे वो नजरे चुराने लगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 529 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2018 · 1 min read वीर जवानों को सलाम वीर जवानों को सलाम ******************** वतन पे जां अपना लुटाने लगे हैं। कि दुश्मन की हस्ती मिटाने लगे हैं। नया गीत फिर से लिखेगा जमाना। भगत, राजगुरु देखो आने लगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 182 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2018 · 1 min read उधारी से बचिए उधारी से बचिए *************** वजह बेवजह की उधारी से भी बचिए। झगड़े मोल लेने की बीमारी से भी बचिए। गर जान मुश्किल फसी हो जो यारा। वजह बेवजह लेनदारी से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 230 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2018 · 1 min read धन और प्यार ? ?गुणीजनों के समीक्षार्थ ?? ********************************* मुझे प्यार उनका पुकारता रहा है। बुला पास दृग से उतारता रहा है। निर्धन था माना मैं जन्मों से लेकिन। मगर हाल मेरा वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 440 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2018 · 1 min read अच्छाइयाँ रख जा अच्छाईयाँ रख जा **************** वक्त बेवक्त ही सही यहाँ अच्छाईया रख जा वफा के राह चलना सीख तू सच्चाईयां रख जा ******* चलना राह अच्छे का भला होगा यहीं तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 274 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2018 · 1 min read पता नहीं क्या बदा है फ़िलबदीह *************************** मेरे पास अब अपना क्या है। वो ही नहीं खुदा बचा क्या है। वो छोड़ गये मुझे तनहाँ- बताया ही नहीं खता क्या है। या तो मुआफ कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2018 · 1 min read धर्म या धंधा धर्म या धंधा ************* धर्म के नाम ये लड़ाई आखिर मजा क्या है। मानवता करें शर्मसार बोलो सजा क्या है। मत पूछ बुरा हाल इस इस जमाने का। खुद को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 491 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Jun 2018 · 1 min read उधारी से बचिए ❆ काफ़िया (तुकान्त) - आरी ❆ रदीफ़ (सामन्त) - से भी बचिए उधारी से बचिए *************** वजह बेवजह की उधारी से भी बचिए। झगड़े मोल लेने की बीमारीसे भी बचिए।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 478 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 May 2018 · 1 min read अच्छाईयाँ रख जा अच्छाईयाँ रख जा **************** वक्त बेवक्त ही सही यहाँ अच्छाईया रख जा वफा के राह चलना सीख तू सच्चाईयां रख जा ******* चलना राह अच्छे का भला होगा यहीं तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 548 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 16 May 2018 · 1 min read गजल/गीतिका #काफ़िया_मिलाओ - 5************************* मुहब्बत खुदा है वह जानता नहीं है। मुहब्बत की ताकत पहचानता नहीं है। मिटाने चला इस जहां से मुहब्बत मुहब्बत खुदा है वह मानता नहीं है आतंकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 228 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 May 2018 · 1 min read मजबूर बालपन काफिया --अता रदीफ़ ....कौन है वो कुड़ा बीनें देखता कौन है बालपन में यहाँ खेलता कौन है वो रहता यहाँ हर घड़ी शोक में बोल दो ऐसे दुख झेलता कौन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 260 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 May 2018 · 1 min read वतन के सपूत वतन के सपूत ************** वतन के राह में कुर्बान यहीं शबाब है। कि तुमको बारंबार यार मेरे आदाब है। सलामत है वतन तुमसे तुम्ही तो शान हो। कभी हम बन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 425 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 May 2018 · 1 min read सताने लगे हैं सताने लगे हैं ************* मुझे वो गले अब लगाने लगे हैं। कि अपना मुझे अब बताने लगे हैं। लगता समझ प्यारा मेरा गये वो। कि मुझसे वो नजरे चुराने लगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 209 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 May 2018 · 1 min read वीर जवानों को सलाम वीर जवानों को सलाम ******************** वतन पे जां अपना लुटाने लगे हैं। कि दुश्मन की हस्ती मिटाने लगे हैं। नया गीत फिर से लिखेगा जमाना। भगत, राजगुरु देखो आने लगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 297 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 27 Apr 2018 · 1 min read हे राम तुम्हें अब आना होगा ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ राम तुम्हें अब आना होगा ====///====///====///==== राम तुम्हें अब आना होगा। आकर पाप मिटाना होगा। ?? दुराचार से व्याकुल वसुधा। उसका बोझ घटाना होगा। ?? राम लखन सा भ्रातृ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 226 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 10 Apr 2018 · 1 min read बनायें प्यार का जहां गजल/गीतिका *काफिया ~ ओं रदिफ ~ से यहाँ ************************* क्या मिला अब तलक नफरतों से यहाँ!! जो भी चाहो मिले हौसलों से यहाँ!! हम न उलझें कभी बात बे बात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 496 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Apr 2018 · 1 min read गजल/गीतिका ख़याल से ये रिश्ता पुराना लगता है माहौल यहाँ का बहुत सुहाना लगता है यहाँ मदद को रहते हैं तैयार सभी यहाँ का अपनापन ही अपना लगता है साथ सभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 217 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Apr 2018 · 1 min read गजल/गीतिका देख रही मुझको निशाना लगता है मुझे फँसाने का बहाना लगता है गलियों में मेरे तेरा आना जाना बिन पानी तेरा दाल गलाना लगता है बिन बातों का तेरा मेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 265 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Apr 2018 · 1 min read पनघट विधा:-गज़ल काफिया.. पर रदिफ... अट बोली:--हिन्दी मिश्रित ठेठ भोजपुरी #पनघट ××××××××××××××××× रंग रंगीली छैल छबीली चली है कनीया* पनघट पर हाथ आढाई* ताने घूंघटा* नजर है सबकी घूंघट पर!!१!! देखे*... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 379 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 18 Mar 2018 · 1 min read आशिक-ए-इजहार गजल ............................. देखकर जिसने जहाँ में प्यार को इंनकार की, कद्र क्या समझेगा जालिम आज अपने यार की ....... इस जहां से उस जहां तक प्यार हीं ईमान था लेके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 289 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 18 Mar 2018 · 1 min read अपनों से दूरी अपनों से दूरी ************ देख दुनिया को रुआंसा हो गया आज अपनो से जुदा सा हो गया फासले बढते रहे ् परिवार से साथ अपनो का दुआ सा हो गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 238 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Feb 2018 · 1 min read मित्र [बने कोई मित्र सुदामा सा जग में नाम हो जाये, धरा क्या स्वर्ग में भी मित्र का सम्मान हो जाये। भुलादो द्वेष, ईर्ष्या, वैर आपस में रहो मिल कर, मिटे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 553 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Feb 2018 · 1 min read मैं शराबी हुआ मैं शराबी हुआ ...................... जाम पे जाम छलकाने पीने लगा" लोग कहते यहीं तो खराबी हुआ! जाम पीने की ऐसी लगी मुझको लत, सब ये कहते मुझे मैं शराबी हुआ!!... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 392 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Feb 2018 · 1 min read प्यार हो जाता...! प्यार हो जाता ..................... काश तूं यार मेरा नसीब हो जाता, मैं भी सनम खुशनसीब हो जाता! प्यारा करता तुम्हें मैं दिलोजान से प्यार में यारा तेरे अमीर हो जाता!... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 439 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Feb 2018 · 1 min read बिकाऊ*सत्य (गजल/गीतिका) ---------------------------------------------- सत्य बीक रहा यारो व्यापार हो गया है, सारा ही जमाना खरीददार हो गया है!! कहने को अब यहाँ सब देते हैं भरोसा, किन्तु इमाने इंसा दागदार हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 416 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 11 Jan 2018 · 1 min read भक्त की पुकार ----------------------- मईया द्वारे तेरे हम खड़े हैं अभी अश्रु आंखों से मेरे निकल जायेंगे आज मुझको मिली जो ना भक्ति तेरी सच ये मानों यही पे हीं मर जायेंगे।।१।। कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 777 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 11 Jan 2018 · 1 min read हम दिवाने हैं ....... .......... इश्क में हम तेरे तो सवर जायेंगे गर मिली ना मुझे तो बीखर जायेंगे जाम पीने की आदत भी लग जायेगी हम दिवाने हैं ऐसे तो मर जायेंगें।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 308 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Nov 2017 · 1 min read सत्य के साहूकार सत्य के साहूकार............. ...... ........ ....... नाम वो सत्य का बेचें खुला ब्यापार करते है उचित जो मूल्य पाजाये कहा इनकार करते है यही तो काम है इनका यहीं हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 427 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 29 Sep 2017 · 1 min read भक्ति दर्शन माँ की भक्ति......... ........................................ एक नशा भक्ति का मुझपे छाने लगा। माँ के सजदे में सर मैं झुकाने लगा।। तेरे सजदे में देखा नही रात दिन। भक्त बनता गया मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 444 Share Previous Page 2