Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 76 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 7 Feb 2018 · 1 min read चुप रह कर सहते है देखी चुप रह कर सहते है देखी, तटबंधों की पीर. सहमी आँखों में है देखी, सम्बंधों की पीर. झूठा-सच्चा जब-जब देखा, मौन रहे मन मार, घर की दीवारों में देखी, प्रतिबंधों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 390 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 22 Mar 2018 · 1 min read मान रख आना पड़ा मुझको तेरी मनुहार पर. छंद- गीतिका मापनी- 2122 2122 2122 212 समांत- आर पदांत- पर मान रख आना पड़ा मुझको ते’री मनुहार पर. हैं समर्पित गीतिका मेरी ते’रे शृंगार पर. शोभते मणिबंध, कंकण, उर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 340 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 5 Sep 2016 · 1 min read मन की अभिलाषा हिन्दी बने विश्व की भाषा। स्वाभिमान की है परिभाषा। गंगा जमनी जहाँँ सभ्यता, पल कर बड़ी हुई है भाषा। संस्कृति जहाँँ वसुधैवकुटुम्बकम्, हिन्दी संस्कृत कुल की भाषा। बाहर के देशों... Hindi · कविता 1 2 1k Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read शिक्षक जो शिक्षित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते हैं। जो दीक्षित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते है। दिशा दिखाये दे दृष्टांत, आगाह करे, अपनाए, प्रतिरक्षित करता हम उसको, शिक्षक... Hindi · गीत 1 338 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 22 Oct 2017 · 1 min read ज्योत से ज्योत जली, हुए तम दूर घने. आधार छन्द- मंगलवत्थु [मापनी मुक्त] शिल्प विधान- 22 मात्रायें(11, 11) यति के पूर्व व बाद में त्रिकल, अंत 2 गुरुओं से (वाचिक) पदांत- दूर घने समांत- अम ज्योत से ज्योत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 282 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 7 Feb 2018 · 1 min read सरहद पर ख़ुशियाँ उतरें अब डोली में भर दो खुशियाँ इक गरीब की झोली में. खेलो कभी-कभी बच्चों की टोली में, छोटी-छोटी खुशी मिलेगी तुमको ज्यों, ढूँढ़ें बच्चे खुशियाँ आँख-मिचोली में. किसको मिली खुशी है झगड़ों-टंटों से,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 486 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 21 Mar 2018 · 1 min read छोटी छोटी खुशियाँ ले कर आएगी कविता (आज विश्व कविता दिवस की सभी साहित्यकार बंधुओं को शुभकामनायें) छंद- विष्णुपद (सम मात्रिक) शिल्प विधान- 16,10 अंत गुरु से. पदांत- कविता समांत- आएगी छोटी-छोटी खुशियाँ ले कर, आएगी कविता.... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 287 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 27 Jan 2017 · 1 min read वतन फूले फले हरिगीतिका छंद गीत मापनी 221 2221 2221 2221 2 जो पर्वतों की तरह रह कर अटल सरहद पर चले. उन को डिगा सकते नहीं तूफान हों या जलजले. रखते जिगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 372 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 17 Apr 2017 · 1 min read मौन रहेंगे विधा - गीतिका छंद- रोला (सम मात्रिक) मापनी 11 // 13 चरणांत में गुरु/वाचिक 443 या 3323 // 32332 या 3244 पदांत- मौन रहेंगे समांत- एँगे जीवन है विषकूट, पियेंगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 411 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 17 Apr 2017 · 1 min read नारी का मत कर अपमान (गीतिका) छंद- आल्ह [विधान - चौपाई अर्धाली (16) + चौपई (15) मात्रा संयोजन- 16 // 15] नारी ***** घर की यह आधारशिला है, नारी का मत कर अपमान. इससे घर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 602 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 1 Feb 2017 · 1 min read भारत माता (कुकुभ छंद) पदांत- धरती है भारत माता, समांत- आनों की। अर्द्ध मात्रिक छंद 2222 2222 // 2222 222 (16-14) (अंत में दो लघु के बाद दो गुरु अनिवार्य, अंतरा विधा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 374 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 1 Feb 2017 · 1 min read बसंत पदांत- हुआ वसंती समांत- अन जाने को है शरद, माघ का सावन हुआ वसंती रुत बसंत की भोर, आज मनभावन हुआ वसंती बौर खिले पेड़ों पर, लहराई गेहूँ की बाली,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 554 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 28 Jan 2017 · 1 min read गणतंत्र गीतिका ****** पदांत- का गणतंत्र समांत- अत्व आओ मनाएँ स्वतंत्रता-अपनत्व का गणतंत्र. आओ-मनाएँ, सहभागिता-समत्व का गणतंत्र. दिखलाई दे उत्सव, पर्व, त्योहार पर बंधुत्व, आओ मनाएँ कृतज्ञता-सिद्धत्व का गणतंत्र. न हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 380 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 27 Jan 2017 · 3 min read बेटी मैं संतुष्ट हूँ माँ के चलने-उठन-बैठने खाने-पीने, नहाने-धोने यहाँ तक कि सोते समय भी उसे ध्यान रहता है मेरे होने का. मुझे पूरा विश्वास है बाहर की दुनिया में भी... Hindi · कविता 362 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 27 Jan 2017 · 1 min read कर्मनिष्ठ बनना होगा गीतिका (लावणी छंद) कर्म पथिक जो होना है तो, कर्मनिष्ठ बनना होगा। सत्यजीत जो होना है तो, सत्यनिष्ठ बनना होगा। कंटकीर्ण होती हैं राहें, दिखे दूर गंतव्य बहुत, कुछ विशिष्ठ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 378 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 17 Sep 2017 · 1 min read वो जबान है हिंदी (हिंदी पखवाड़े में हिंदी पर रचनायें) छंद सार (मापनी मुक्तमक) मात्रा भार- 16,12 = 28 पदांत- है हिंदी समांत- आन जन जन की है भाग्य विधाता, आन बान है हिंदी.... Hindi · कविता 381 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 27 Jan 2017 · 2 min read हिन्दी 1 हिंदी के अभियान को, इतना दें सहयोग. लोगों से हर दिन कहें, इसका करें प्रयोग. जनता ही है जनार्दन, जनता ही सरकार जन जन से ही बढ़ेगा, हिंदी का... Hindi · मुक्तक 258 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 27 Jan 2017 · 1 min read कहीं तुम खूँ बहाना मत (विधाता छंद) मापनी 1222 1222 1222 1222 पदांत- मत समांत- आना कभी टूटे हुए दरपन, से’ घर को तुम सजाना मत. कभी टूटे हुए तारों, से’ सब को तुम मिलाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 425 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 27 Jan 2017 · 1 min read देख सको तो देखो गीतिका (छंद- ‘सार’) मात्रिक भार - 16-12 पदांत- देख सको तो देखो समांत- अत रुके हुए पानी की हालत, देख सको तो देखो. बेघर बेचारों की आफत, देख सको तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 411 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 27 Jan 2017 · 1 min read बेटी घर का है उजियारा चलो साथियो, मिल के घर-घर, इक अभियान चलाएँँ। बेटी घर का है उजियारा, यह संज्ञान करायें।। माँँ की गोद हरी हो जब बेटी से, सब कहते हैं। लक्ष्मी सुख-समृद्धि लेकर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 740 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 21 Sep 2016 · 2 min read विश्व शांति दिवस, अहिंसा दिवस है आज विश्व शांति दिवस, अहिंसा दिवस है आज। दिल्ली में फिर कैंची से गोद कर एक मासूम युवती की हत्या राजस्थान में लालबत्ती वाली गाड़ी वाले से फिर हिट एंड रन... Hindi · कविता 1k Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 19 Sep 2016 · 1 min read बगल के नासूर हैं कुसूरवार है येे मुँह पर कब तलक ताले रहेंगे नासूर हैं बगल के इन्हें कब तलक पाले रहेंगे। जब भी किया है पीठ पे वार किया है कंधार, मुंबई, संसद... Hindi · कविता 301 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 18 Sep 2016 · 1 min read वर दे, वर दे, वर दे...... (सरस्वती वन्दना) वर दे, वर दे, वर दे..... हे वीणाधारिणी वर दे. हे हंसवाहिनी वर दे . वर दे, वर दे, वर दे..... हे निर्मल बुद्धिप्रदायिनी, सद्बुद्धि सभी को प्रखर... Hindi · गीत 2 502 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 17 Sep 2017 · 1 min read यह चमत्कार दिखलाओ (हिन्दी पखवाड़े में हिंदी पर रचनायें ) छंद- कुकुभ (16//14 अर्द्ध सममात्रिक) विधान- (अंत 2 गुरुओं से अनिवार्य-112 या 211 नहीं) पदांत- नया दिखलाओ समांत- आर हे मात शारदे हिंदी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 444 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 7 Feb 2018 · 1 min read उम्र हाथों से' मेरे फिसलती रही मापनी- 212 212 212 212 रात, दिन, दोपहर, शाम ढलती रही. ज़िंदगी रोज़ करवट बदलती रही. साल दर साल मौसम भी आए गए, उम्र हाथों से' मेरे फिसलती रही. वक्त... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 278 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 17 Sep 2017 · 1 min read शीघ्र फरमान हो (हिन्दी पखवाड़े पर हिंन्दी पर रचनायें) आधार छंद- वाचिक स्त्रग्विणी मापनी--212 212 212 212 पदांत- हो समांत- आन राष्ट्र भाषा बने, राष्ट्र का मान हो. गर्व से सिर तने, विश्व... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 482 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 17 Sep 2017 · 1 min read हिन्दी भाषा की बने, ऐसी अब पहचान (हिंदी पखवाड़े में हिंदी पर रचनायें) आधार छंद- दोहा मात्रिक भार- 13, 11 (24). हिन्दी भाषा की बने, ऐसी अब पहचान। मेहनत से जैसे बने, कोई जब धनवान। हिन्दी को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 270 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 17 Sep 2017 · 1 min read मन की अभिलाषा (हिंदी पखवाड़े में हिंदी पर रचनायें) छंद- चौपाई की अर्द्धाली मात्रा भार- 16 हिन्दी बने विश्व की भाषा स्वाभिमान की है परिभाषा। गंगा जमनी जहाँ सभ्यता, पल कर बड़ी हुई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 348 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 27 Sep 2017 · 1 min read सजे माँ का दरबार नवरात भी छंद-शक्ति मापनी- 122 122 122 12 पदांत- भी समांत- आत सजे माँ का' दरबार नवरात भी. चढ़े माँ का' चोला व बारात भी. करें आरती रोज हो जागरण, सजे फूल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 381 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 30 Sep 2017 · 2 min read रामचरित दोहामुक्तावली 1 राम लला के जन्म से, धन्य हुआ भू लोक. चार सुतों को देख के, दशरथ बने अशोक. क्या ऋषि-मुनि, क्या नागरिक, देवलोक भी धन्य, अवतारी के जन्म से, फैला... Hindi · मुक्तक 268 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 1 Oct 2017 · 1 min read हो राम सीताराम तुम... छंद- हरिगीतिका मापनी- 2212 2212 2212 2212 पदांत- तुम समांत- आम हो राम, सीताराम तुम, हो कृष्ण, राधेश्याम तुम. दशरथ सुनंदन राम तुम, वसुदेव के घनश्याम तुम. अग्रज लखन के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 453 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 2 Oct 2017 · 1 min read बापू की राह अहिंसा की छंद-द्विगुणित पदपादाकुलक (राधेश्यामी) चौपाई विधान- 16,16 आदि गुरु एवं अंत दो गुरु, द्विकल से आरंभ हो तो बाद में दो त्रिकल या दो चौकल हों तो अच्छा. पदांत- हैं समांत-... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 521 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 3 Oct 2017 · 1 min read देवता तो बनो तुम मगर तब बनो छंद- गंगोदक (रगणX8) मापनी- 212 212 212 212, 212 212 212 212 गीत ***** स्थाई/मुखड़ा ========== देवता तो बनो तुम मगर तब बनो, आदमी से तो’ इनसान बन जाइए. मिल... Hindi · गीत 283 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 3 Oct 2017 · 1 min read समंदर अभी तक भी हारा नहीं है छंद- वाचिक भुजंगप्रयात मापनी- 122 122 122 122 पदांत- नहीं है समांत- आरा समंदर अभी तक, भी’ हारा नहीं है. उसे चाँद से कम, गवारा नहीं है. रही उसकी’ चाहत,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 257 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 10 Oct 2017 · 1 min read नारी का अपमान न हो, वो सुहाग बना पदांत- बना समांत- आग जीवन का उत्कर्ष, प्रेम और त्याग बना. सर्वधर्म समभाव सब से, अनुराग बना. मोह, माया, मत्सर से, नहिं हो, तू प्रेरित, जीवन बहु-सुखाय, बहु-हिताय, प्रयाग बना.... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 447 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 21 Oct 2017 · 1 min read अब भाई बहिन न रूठें किसी त्योहार पर 1 कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया है। सर्वकामना पूर्ति का पर्व अद्वितिया है। भाई के प्रति बहिन की स्नेह अभिव्यक्ति का, यम प्रदत्त वर भाई-दूज यम-द्वितीया है।। 2... Hindi · मुक्तक 262 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 21 Oct 2017 · 1 min read अब भाई बहिन न रूठें किसी त्योहार पर 1 कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया है। सर्वकामना पूर्ति का पर्व अद्वितिया है। भाई के प्रति बहिन की स्नेह अभिव्यक्ति का, यम प्रदत्त वर भाई-दूज यम-द्वितीया है।। 2... Hindi · मुक्तक 255 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 24 Oct 2017 · 1 min read वफ़ा करना, न कर पाओ तो' मत आना छंद- सिंधु मापनी- 1222 1222 1222 चले जाना अभी आए अभी जाना. तुम्हे जी भर के’ भी देखा नहीं जाना*. जरा ढलने तो' दो दिन चाँद उगने दो, ज़माना जान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 589 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 7 Feb 2018 · 1 min read प्यार करना अगर है मापनी- 212 212 212 212 प्यार करना अगर है जिगर चाहिए. पार करना हो' दरिया हुनर चाहिए. हौसले ही न काफ़ी हैं' इस राह में, ज़िंदगी को ख़ुदा की महर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 266 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read माँ माँँ आँँखों से ओझल होती। आँँखे ढूँढ़ा करती रोती। वो आँँखों में स्वप्न सँजोती। हर दम नींद में जगती सोती। वो मेरी आँँखों की ज्योती। मैं उसकी आँँखों का मोती।... Hindi · कविता 1 346 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 7 Sep 2016 · 1 min read कुछ न कुछ बदला जाए चलो आज से कुछ ना कुछ बदला जाए। माँ हर दम कुछ ना कुछ है करती रहती धरती अपनी धुर पर है चलती रहती ऐसे ही अब कुछ खुद को... Hindi · गीत 391 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read लक्ष्य का संधान कर मान कर, सम्मान कर, संकल्प ले, अनुमान कर। कर प्रण अटल, दृढ़ निश्चय कर और लक्ष्य का संधान कर। मत भूत का संज्ञान कर, बस धन्य वर्तमान कर। बढ़ प्रगति... Hindi · कविता 923 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read यह जीवन महावटवृक्ष है यह जीवन महावटवृक्ष है सोलह शृंगारों से संतृप्त सोलह शृंगारों से अभिभूत है देवता भी जिसके लिए लालायित धरा पर यह वह कल्पवृक्ष है। यह जीवन महावटवृक्ष है।। सुख-दु:ख के... Hindi · कविता 1 330 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read पंचतत्व में रे मानव , अब भी सम्हल मौत गूँगी सही बहरी सही अंधी सही पर ! तेरे पास पहुँचने से पहले कितने संदेश तुझे भिजवाये, पर ! तू समझे तब.... बाल... Hindi · कविता 404 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 3 min read झौंपड़ पट्टी महामारी की तरह फैले झोंपडि़यों के मेले हर शहर में इधर-उधर जहाँँ-तहाँँ मैले कुचैले दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती रेलम पेलें पैबन्द सरीखे यहाँँ बढ़ रहे हैं इनके झमेले एक... Hindi · कविता 244 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read मित्र 1. मित्र के सोलह शृंगार **************** धीर, क्षमावान्, संस्कारी सुशील, निष्णात, प्रशान्त। प्रेमी, हँसमुख, सन्तोषी, मृदुभाषी, वीर, सम्भ्रान्त। आतिथेय, ज्ञानी, उदार हो और करे मनुहार। सखा कहावे वही करे जो... Hindi · कविता 257 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read गौरैया नित आओ मेरे घर आँगन में, गौरैया नित आओ।। ढेर परिंडे बाँधे, कई नीड़ बनवाये। विकसित किया सरोवर, कई पेड़ लगवाये। खुशबू से महके घर, मेरा नंदन-कानन, जूही, चंपा, कनेर, हरसिंगार लगाये।... Hindi · गीत 365 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 3 min read अभी धैर्य समाप्त नहीं हुआ है 'नारायण------नारायण ।' ब्रह्मलोक में नारदमुनि के स्वर को सुन कर कमलासन पर ध्यानस्थ ब्रह्माजी ने मुसकराकर उन्हें देखा और कहा- 'आओ नारद, कैसे कष्ट किया?' 'प्रभु, मनुष्य की गुहार ले... Hindi · लघु कथा 228 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read रहो प्रेम से यार अर्थशास्त्र ******* श्रम से मजदूरी मिले, भाड़ा भवन दिलाय। पूँजी दे बस ब्याज ही, साहस भाग्य जगाय। साहस भाग्य जगाय, कर्म फिर भी प्रधान है। साहस बिना न खेल, यही... Hindi · कुण्डलिया 1 468 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 7 Sep 2016 · 1 min read चुपके-चुपके मेरे शहर से दीवाने की मीठी यादें लाती है दिन-रात हवा। चुपके-चुपके मेरे शहर से जाती है दिन-रात हवा। तितली बन कर जुगनू बन कर आती है दिन-रात हवा।। चुपके-चुपके......' सूना पड़ा है... Hindi · गीत 224 Share Page 1 Next