Ruchika Rai 88 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ruchika Rai 30 May 2024 · 1 min read आदमी ये देखो क्या से क्या हो रहा, संस्कार अपने सारे खो रहा, दिखावे की होड़ में गुम हो, बोझ गलतियों की ढो रहा। आपस में बेवज़ह की रार है, दिमाग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 85 Share Ruchika Rai 30 May 2024 · 1 min read यकीन मुझे यक़ीन है, ईश्वर की बनाई इस सृष्टि में उनके द्वारा तय की गई परीक्षाओं की सार्थकता पर जब भी परीक्षाएं आती हैं कुछ न कुछ सिखाकर मुझे जाती हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 102 Share Ruchika Rai 29 May 2024 · 1 min read तुम खूबसूरत हो तुम खूबसूरत हो काश,किसी ने यह कहते हुए नही देखा हो वह गोरी है या काली है या फिर साँवली। नही किसी ने अपलक नैनों की आकार मन में मापा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 78 Share Ruchika Rai 27 May 2024 · 1 min read संवेदना मेरी संवेदनाओं का ग्लेशियर धीरे-धीरे पिघलने लगता है जब बेवज़ह की डाह की ताप में जलने लगता है कोई मन मेरे वजूद से। चाहती हूँ कि मेरी संवेदनाएं चिरस्थायी रहें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 99 Share Ruchika Rai 27 May 2024 · 1 min read आलिंगन गोधूलि बेला मद्धम होती रोशनी, सूर्य का पश्चिम दिशा में जाते -जाते, धीरे-धीरे आसमां में खो जाना, जैसे धरा और गगन करते आलिंगन। पहाड़ों से झरते झरने झर-झर कर, मधुर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 77 Share Ruchika Rai 26 May 2024 · 1 min read रिश्ते कभी कभी मैं सोचती हूँ और सोचती रह जाती हूँ। क्यों रिश्तों की दीवारें इतनी कमजोर होती की कोई आकर उनमें सेंधमारी कर जाता। क्यों छोटी छोटी बातों का मसला... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 79 Share Ruchika Rai 25 May 2024 · 1 min read शाम जिंदगी की शाम में कर्मों का बहीखाता खोल जब हिस्सा लगाया। तब पता चला कितने ही कार्य करने बाकी रह गए। कितने ही कार्यों में बेवज़ह समय को गँवाया। अफ़सोस... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 92 Share Ruchika Rai 23 May 2024 · 1 min read आँगन याद आता है बहुत वह गाँव का आँगन, जिसमें किस्से चलते थे खूब मनभावन, दादी चाची अम्मा की चटपटी सारी बातें कहानियों से लगते थे बड़े ही लुभावन। उसी आँगन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 85 Share Ruchika Rai 21 May 2024 · 1 min read पहली चाय माँ जैसा ही हुनर हो इसकी शुरूआत हुई रसोई से और रसोई में घुसते सबने कहा जरा चाय बनाना। चाय का रेसिपी तब यही समझा एक कप दूध ,एक कप... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 80 Share Ruchika Rai 21 May 2024 · 1 min read चाय जिंदगी की उलझनें सुलझाते -सुलझाते जब थक जाता है ये वजूद अब और नही यही आता है ख़्याल तब एक कप कड़क चाय बदल देती है जीने का अंदाज। घूँट... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 53 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read मन भारी है बाहर के शोर पर मेरे मन का शोर भारी है, इसको शांत करने की नही कोई तैयारी है। जमाने की हर आँच मन पर जमी हुई गहरी, उस आँच से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 53 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read प्रेम रोको,टोको,चाहे मन पर बाँध लगाओ चाहे मन को सीमाओं में बाँधे जाओ, जाने अनजाने ह्रदय में प्रस्फुटित, प्रेम रूपी बीज का मन में अंकुरण पाओ। कभी ताकत बन सारे मुश्किल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 73 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read इजाजत है तुझे भी इजाजत अपने सपनों को जीने का, खुशियों के चंद लम्हें में गम को अपने पीने का, अपनी भावनाओं को प्रकट करना चाहे तो कर, रिश्तों के उधड़ते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 33 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read इश्क अंजाम ए इश्क़ कहाँ कौन समझ पाया है, इश्क़ का नशा जिसके रूह में समाया है। ख़्वाबों ख्यालों में एक चेहरा होता अक्सर, जिसके लिए दिल में जज्बात गहराया है।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 44 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read कल्पना कल्पना के विस्तृत नभ में भागती फिरूँ मैं इधर उधर नही चाहती खो जाऊँ मैं अपने जीवन की हर सुहानी डगर। कल्पना की गहराई हो सदा ही, सागर से भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 47 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read जज्बात ये मेरे जज्बात मुझसे ही दगा कर जाते हैं, चाहती नही बयां हो फिर भी आँखों मे उतर आते हैं। न कोई सिलसिला न कोई वादा न कोई गिला, फिर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 42 Share Ruchika Rai 17 May 2024 · 1 min read तू जो कह दे तू जो कहे लिख दूँ अपने सारे जज्बात, कह दूँ अपने मन में दबी हुई सारी बात, अपने एहसासों को शब्दों का जामा पहनाऊँ, तू जो कहे लिख दूँ तुझसे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 47 Share Ruchika Rai 12 May 2024 · 1 min read दिल टूटा दर्द,तकलीफ,बेचैनी,उलझन और कश्मकश, टूटता रहा दिल नही कोई आहट, शिकवा,शिकायत, गिला किससे करें हम, ऐसा लगा मेरी नही कही भी जरूरत। प्यार,वफ़ा,दोस्ती,अपनापन ये जीने के बहाने, जिसके रहे हम सदा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 48 Share Ruchika Rai 12 May 2024 · 1 min read टूटता दिल चंद ख़्वाब, चंद हक़ीकत मुट्ठी भर धूप की थी जरूरत, चंद बोल प्यार के संग, और नही थी मन में कोई हसरत। तिनका-तिनका था सहेजा, टूट न जाए प्यार का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 59 Share Ruchika Rai 10 May 2024 · 1 min read जीवन कड़ी धूप में भी खिली खिली सी रहना, मुस्कुराते हुए जिंदगी के हर ताप सहना, आसान नही जीवन का ये रंग यारों, मगर खूबसूरत है ये हँसी का सुंदर गहना।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 59 Share Ruchika Rai 9 May 2024 · 1 min read कारण नित नई परीक्षाओं से गुजरी ये जिंदगी, फिर भी नही कभी यूँ ठहरी ये जिंदगी, हर परीक्षाओं में हल करने को प्रश्न, बड़े संयम और धैर्य से प्रयत्न करें जिंदगी।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 49 Share Ruchika Rai 9 May 2024 · 1 min read शिकायत ज़िंदगी के धूप छाँव के संग में बढ़े, मुश्किल हालातों में नही पीछे हटे, दुख सुख दोनों को स्वीकारें सदा, फिर बेवज़ह मन में ईर्ष्या क्यों पले। अपनेपन की देख... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 51 Share Ruchika Rai 5 May 2024 · 1 min read जिंदगी जी लो वक़्त के थपेड़ों को सह-सहकर आजिज हुए इस मन को जब उम्मीद का कोई प्रसुन नजर नही आता है। गाहे बगाहे आए हुए झंझावतों से जीवन पतझड़ सा बन जाता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 33 Share Ruchika Rai 4 May 2024 · 1 min read किरदार समय के साथ-साथ बदलते हैं किरदार, किसी ने दिया धोखा कोई बना वफादार। विपदा भी आती रही हमारे हिस्से में, किसी ने साथ निभाया कोई छोड़े मंझधार। हम भटकते रहे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 75 Share Ruchika Rai 4 May 2024 · 1 min read किरदार मेरे क़िरदार पर सवाल हो ये मंजूर नही, सवाल के डर से चुप रहूँ मैं मजबूर नहीं। जीवन की कहानी में निभाते हैं किरदार, वाहवाही हो सबकी इतने मशहूर नहीं।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 47 Share Ruchika Rai 15 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत मुश्किलों में भी जो मुस्कुराने की मेरी फ़ितरत है, वही तो मेरी हर मुश्किलों से पार पाने की हिम्मत है, जो तुम मेरी मुस्कुराहट को समझ सको दिल को फिर... Hindi 310 Share Ruchika Rai 15 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत वक़्त के साथ बदलती फितरत, बदलती फितरत संग बदलती नीयत, बदलती नीयत बदले मिजाज और बदले मिजाज को नही फर्क कभी सही और गलत से और नही रहे इसकी उसे... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 5 322 Share Ruchika Rai 18 Jun 2023 · 1 min read पिता आसमान माँ मेरी जमीन तो पिता आसमान है, उनका होना लगे ईश्वर मेहरबान है, मुश्किलों में ढाल बनकर खड़े रहते, उनसे ही मेरी बनी एक पहचान है। जिम्मेदारियों के प्रति सजग... Hindi · कविता 1 1 223 Share Ruchika Rai 4 Jun 2023 · 1 min read साइकिल घर के पिछवाड़े स्टोर रूम में रखी हुई है एक पुरानी साइकिल धूल से पटी हुई, उपेक्षित और तिरस्कृत सी बता रही है समय के हिसाब से ही रहती है... Poetry Writing Challenge · कविता 206 Share Ruchika Rai 4 Jun 2023 · 1 min read सुकून की चाहत दुनिया की रंगीनियां उदास मन को कहाँ लुभाती है। यंत्रवत मुस्कान,यंत्रवत बातें ,यंत्रवत खिलखिलाहटें दिल की वीरानगी हर शै पर भारी पड़ जाती है। अमावस सी कालिमा मन के भीतर,... Poetry Writing Challenge · कविता 274 Share Ruchika Rai 2 Jun 2023 · 1 min read प्रेम प्रेम में न लाँघी गयी दहलीज, ना तोड़े गए कानून, ना पार की गयीं कोई सीमा, ना होठों ने कुछ कहा, ना ही स्पर्श की अनुभूति कोई रही, उस प्रेम... Poetry Writing Challenge · कविता 2 193 Share Ruchika Rai 2 Jun 2023 · 1 min read शब्द मेरे लिए वह ही शब्द मायने रखते मैंने उन्हीं शब्दो को ताउम्र याद रखा जो मेरे टूटते वक्त में संबल बने थे। मैंने दुआओं को ताउम्र याद रखा, शुभकामनाओं को... Poetry Writing Challenge · कविता 1 307 Share Ruchika Rai 2 Jun 2023 · 1 min read सुनो न सुनो न,, जब कभी तुम मुझसे मिलना, शायद मैं मौन ही मिलूँ, मेरे मौन को पढ़ मेरी बेकरारी को समझना। सुनो न... मेरी आँखों की चमक जो दिल की खुशी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 486 Share Ruchika Rai 1 Jun 2023 · 1 min read पितृसत्तात्मक समाज महीने का आखिरी सप्ताह, पॉकेट में चंद दस के नोट, और बच्चे को है बुखार। डॉक्टर की महंगी फीस और दवाइयों के आसमान छूते दाम, जोड़ घटाव के जद्दोजहद में... Poetry Writing Challenge · कविता 1 393 Share Ruchika Rai 31 May 2023 · 1 min read नदी के किनारे नदी के दो किनारे की तरह थे हम दोनों साथ साथ चलते हुए भी मिलन की कोई आस नही थी, न स्पर्श का कोई आभास, न पाने की कोई जिद,... Poetry Writing Challenge · कविता 348 Share Ruchika Rai 31 May 2023 · 1 min read इश्क हँसते हुए चेहरे के पीछे का दर्द, कौतूहल भरी आँखों की पीड़ा, मुस्कान की सच्चाई और सब ठीक है कहने की सार्थकता जो पढ़ सकें समझ लेना उसे इश्क है।... Poetry Writing Challenge · कविता 296 Share Ruchika Rai 30 May 2023 · 1 min read अखबार ये जिंदगी मेरी क्यों अखबार हो गयी है, छोटी छोटी बातों का प्रचार हो गयी है, सब नजर रखते हैं हर पल मुझ पर, लगता है जैसे कोई इश्तिहार हो... Poetry Writing Challenge · कविता 139 Share Ruchika Rai 30 May 2023 · 1 min read परदेश रोजी रोटी ख़ातिर बेटा जो परदेश गया, वहाँ जाकर भूल वह स्वदेश को गया, अब तो स्वदेश में उसे कमियाँ बड़ी दिखती, परदेश में जाकर वह वही का हो गया।... Poetry Writing Challenge · कविता 1 189 Share Ruchika Rai 30 May 2023 · 1 min read खत कुछ खत तुम्हारे नाम की मैंने कोरे पन्नों पर सजाई थी। जिसे अपने जज्बातों से शृंगार कर भावनाओं का जेवर पहनाई थी। भेजना चाहती थी तुम्हारे पते पर पर कुछ... Poetry Writing Challenge · अकविता। 1 362 Share Ruchika Rai 30 May 2023 · 1 min read विश्वास मुझे यक़ीन है, ईश्वर की बनाई इस सृष्टि में उनके द्वारा तय की गई परीक्षाओं की सार्थकता पर जब भी परीक्षाएं आती हैं कुछ न कुछ सिखाकर मुझे जाती हैं... Poetry Writing Challenge · कविता 1 133 Share Ruchika Rai 30 May 2023 · 1 min read उलझन बड़ी उलझन जिंदगी में जिंदगी के साथ जो सदा भरमाते हैं। कौन अपना कौन पराया इसी उलझन में उलझे ज़िंदगी बिताते हैं। अपनी भावनाओं को स्वयं से छुपाकर जिंदगी का... Poetry Writing Challenge · कविता 1 280 Share Ruchika Rai 30 May 2023 · 1 min read एहसास रात का मौन गहरा चारों तरफ सन्नाटा, अंतर्मन में शोर कैसा ये उठ रहा था, भीड़ में भी तन्हाई का आलम बसा था, और तन्हाई को किसने अपनी यादों से... Poetry Writing Challenge 1 343 Share Ruchika Rai 28 May 2023 · 1 min read मन के तार मन के तार को चलो एक बार छेड़ा जाये, दिल से दिल को एक बार फिर जोड़ा जाए। गलतफहमियों की हर दीवार ध्वस्त कर, चलो विश्वास की तरफ मन को... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 76 Share Ruchika Rai 28 May 2023 · 1 min read रफ्फू करना मुस्कान से होठों की रोज रफ्फू करती हूँ, जिंदगी के गम को मैं थोड़ा थोड़ा, विश्वास करती हूँ कि जिंदगी मजबूत होगी, इस मुस्कान के संग रोज थोड़ा थोड़ा। गम... Poetry Writing Challenge 75 Share Ruchika Rai 28 May 2023 · 1 min read इश्क उसने कहा बहुत हुई दुनिया समाज की बातें। आज सिर्फ और सिर्फ तुम इश्क पर लिखो। प्रेम के रंग से हर सफ़हे को रंगो। मैं भी सोचती रही कितना कठिन... Poetry Writing Challenge · कविता 2 96 Share Ruchika Rai 26 May 2023 · 1 min read मन का खालीपन कौन समझे मन के ख़ालीपन को किसको हम समझाये। उलझनें बढ़ती ही जाती है मन नहीं कभी सुकून को पाये। ख़्वाहिशों का अंतहीन सिलसिला, बेकली को बढ़ाती जाती है। हर... Poetry Writing Challenge · कविता 107 Share Ruchika Rai 26 May 2023 · 1 min read रिश्ते कभी कभी मैं सोचती हूँ और सोचती रह जाती हूँ। क्यों रिश्तों की दीवारें इतनी कमजोर होती की कोई आकर उनमें सेंधमारी कर जाता। क्यों छोटी छोटी बातों का मसला... Poetry Writing Challenge · कविता 1 163 Share Ruchika Rai 25 May 2023 · 1 min read भावनाएं कहाँ कभी सम्भव हो पाया है भावनाओं पर बाँध लगाना। अहसासों के वेग को रोकना और स्वयं को गलत सही के उलझन से बचा कर सुकून को पाना। यह तो... Poetry Writing Challenge · कविता 1 150 Share Ruchika Rai 23 May 2023 · 1 min read चेहरे की झुर्रियां क्या तुम पढ़ सकोगे चेहरे की झुर्रियों के पीछे की कहानी को। उनके समय की भट्ठी में तपे अनुभव को, और उनके संघर्षों को या फिर समय के साथ तालमेल... Poetry Writing Challenge · कविता 305 Share Ruchika Rai 23 May 2023 · 1 min read ईश्वर कहाँ मिलें हर मंदिर के चौखट पर है शीश झुकाया, हर सांध्य गीत में ढोलक पर थाप लगाई, वेदों ऋचाओं को पढ़ पढ़कर है तलाशा, हर अजान में मन में है एक... Poetry Writing Challenge · कविता 164 Share Page 1 Next