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कविवर शिव कुमार चंदन
Ravi Prakash
*चढ़ती मॉं की पीठ पर, बच्ची खेले खेल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
राजीव प्रखर (कुंडलिया)
Ravi Prakash
धवल दीक्षित (मुक्तक)
Ravi Prakash
पंकज दर्पण अग्रवाल
Ravi Prakash
छोटे भाई को चालीस साल बाद भी कुंडलियां कंठस्थ रहीं
Ravi Prakash
*डॉ अर्चना गुप्ता जी* , मुरादाबाद(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*मैंने तो मधु-विश्वासों की, कथा निरंतर बॉंची है (गीत)*
Ravi Prakash
*छूकर मुझको प्रभो पतित में, पावनता को भर दो (गीत)*
Ravi Prakash
*जाऍं यात्रा में कभी, रखें न्यूनतम पास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*रोटी उतनी लीजिए, थाली में श्रीमान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*डॉंटा जाता शिष्य जो, बन जाता विद्वान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*भूल गए अध्यात्म सनातन, जातिवाद बस याद किया (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*नजर के चश्मे के साथ ऑंखों का गठबंधन (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
*मिलती है नवनिधि कभी, मिलती रोटी-दाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*खारे पानी से भरा, सागर मिला विशाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*अपनी-अपनी जाति को, देते जाकर वोट (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*जातिवाद ने किया देश का, पूरा बंटाधार (गीत)*
Ravi Prakash
* बॅंटे जाति में क्षुद्र, क्षमा मोदी जी करना (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*मतदाता ने दे दिया, टूटा जन-आदेश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*गाड़ी निर्धन की कहो, साईकिल है नाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*जूते चोरी होने का दुख (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
*ध्यान लगाते सिद्ध जन, जाते तन के पार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*दान: छह दोहे*
Ravi Prakash
*ऑंखों के तुम निजी सचिव-से, चश्मा तुम्हें प्रणाम (गीत)*
Ravi Prakash
*हीरे की कीमत लगी, सिर्फ जौहरी पास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*बाबा लक्ष्मण दास जी की स्तुति (गीत)*
Ravi Prakash
*खाना तंबाकू नहीं, कर लो प्रण यह आज (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*दादा जी ने पहना चश्मा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
*जेठ तपो तुम चाहे जितना, दो वृक्षों की छॉंव (गीत)*
Ravi Prakash
*गरमी का मौसम बुरा, खाना तनिक न धूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*नई दुकान कहॉं चलती है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*आओ पौधा एक लगाऍं (बाल कविता)*
Ravi Prakash
*लिखी डायरी है जो मैंने, कभी नहीं छपवाना (गीत)*
Ravi Prakash
*जिन-जिन से संबंध जुड़े जो, प्रभु जी मधुर बनाना (गीत)*
Ravi Prakash
*राधेश्याम जी की अंटे वाली लेमन*
Ravi Prakash
*मिठाई का मतलब (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
*चलता रहता है समय, ढलते दृश्य तमाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*छोटे होने में मजा, छोटे घास समान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*मरण सुनिश्चित सच है सबका, कैसा शोक मनाना (गीत)*
Ravi Prakash
*मिलता जीवन में वही, जैसा भाग्य-प्रधान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*दो दिन का जीवन रहा, दो दिन का संयोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*साप्ताहिक अखबार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*हेमा मालिनी (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*पीते-खाते शौक से, सभी समोसा-चाय (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*टूटी मेज (बाल कविता)*
Ravi Prakash
*किसी कार्य में हाथ लगाना (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
*कविवर शिव कुमार चंदन* *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
*करिए गर्मी में सदा, गन्ने का रस-पान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash