Rashmi Sanjay Tag: ग़ज़ल/गीतिका 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rashmi Sanjay 22 Nov 2024 · 1 min read 'बस! वो पल' याद तुम्हारी आने का पल ख़ुद से ऑंख चुराने का पल! रिश्तों के ठुकराने का पल बस दृगबिन्दु छुपाने का पल! बिसरा दो टूटन की बातें ढूॅंढों हास सजाने का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 36 Share Rashmi Sanjay 17 Nov 2024 · 1 min read ग़ज़ल ये बादल के चाँद-सितारे नानी के किस्सों से हारे। धूप कड़ी है मत झुलसो तुम वृद्ध वृक्ष की छांव पुकारे! जारी सफ़र सदा ही रखना चींखें ना ये घाव तुम्हारे!... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 31 Share Rashmi Sanjay 16 Nov 2024 · 1 min read 'न पूछो' मुश्किल था वो दौर न पूछो। उलझन का बस ठौर न पूछो।। हाले -दिल तो पूछ रहे हो पूछो पर इस तौर न पूछो। क्या-क्या गुजर रही है हम पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 30 Share Rashmi Sanjay 16 Nov 2024 · 1 min read सजल माथ ढूॅंढता चंदन लिख ! करे तिरंगा वंदन लिख !! पगडंडी की सिसकी पढ़! बाट जोहती विरहन लिख !! प्रेम अपरिमित अनगढ़ है! कृष्ण-राधिका बंधन लिख!! जीवन-नेत्र छलकते हैं! मत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 36 Share Rashmi Sanjay 16 Nov 2024 · 1 min read गीतिका गीत निजता के तनिक मुझको भी रचने दीजिए। मूर्ति सपनों की अधूरी जो, वो गढ़ने दीजिए।। ठेल कर आगे निकलना,आ ही जाएगा मुझे, भीड़ का हिस्सा मुझे इक बार बनने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 31 Share Rashmi Sanjay 25 May 2022 · 1 min read आज फिर रात को देकर चले हैं, चंद सपने आज फिर। कुछ महकते याद आये, मुझको अपने आज फिर। मैं अकेले क्या चलूँगी, रुक गई इक मोड़ पर। लौट कर आओ कहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 302 Share Rashmi Sanjay 26 Mar 2022 · 1 min read बहुत सूनी ये होली है प्रिये इस बार आ जाओ, बहुत सूनी ये होली है बनो रंग मुझपे छा जाओ, बहुत सूनी ये होली है। सुधि बनकर वधू बैठी सजी सपनों की डोली में समेटा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 164 Share Rashmi Sanjay 26 Mar 2022 · 1 min read 'ऑंखें छलक रही हैं' ऑंखें छलक रही हैं, सपनों की जान लेकर तुमको भी क्या मिला है ये इम्तेहान लेकर किस आग ने किया है इस चांदनी को पीला अब चाँद भी दुःखी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 147 Share Rashmi Sanjay 6 Feb 2022 · 1 min read क्षितिज भर व्यथा ना दिल में गम, न बेताबी, ये कैसी है सजा देखो । हंसाती भी, रूलाती भी, मुहब्बत की अदा देखो ॥ था ये इसरार ख्वाबों का, मिलन की रात को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 291 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read 'मीठी साँझ जगाये रखना' खुद पर आँख लगाए रखना अपनी बात बचाए रखना दौर बुतों संग जीने का है हर पल शीश झुकाए रखना बाँटों लंगर जी भर-भरके थाली एक सजाये रखना चेहरा गीला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 251 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read 'छूना कुछ नज़ाकत से' अगर शब्दों से भी छूना तो छूना कुछ नज़ाकत से बड़ी बारीक यादें है मिली दिल को विरासत में नहीं हैं डर प्रलय का भी मोहब्बत हो गई जब से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 409 Share Rashmi Sanjay 29 Dec 2021 · 1 min read चुप्पियां छोड़ दो.. वो भी कहते रहे चुप्पियाॅं छोड़ दो शर्त मेरी भी थी तल्खियाॅं छोड़ दो ग़ैर वाजिब भी तुम दाम लेते रहो बात ये मान लो अर्थियाॅं छोड़ दो ठंड में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 230 Share Rashmi Sanjay 24 Dec 2021 · 1 min read 'अब चाँद भी दुःखी है' ऑंखें छलक रही हैं, सपनों की जान लेकर तुमको भी क्या मिला है ये इम्तेहान लेकर किस आग ने किया है इस चांदनी को पीला अब चाँद भी दुःखी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 493 Share Rashmi Sanjay 9 Dec 2021 · 1 min read मन की बात हर दिन ऐसा होता ही है ख्वाब अधूरा सोता ही है बचता चाॅंद अधूरा चिटका.. फूट-फूट कर रोता ही है कौन कहानी अब कहता है.. शिशु परियों बिन सोता ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 301 Share Rashmi Sanjay 21 Nov 2021 · 1 min read थी वो एक दुनिया वो बेरोजगारी के ख्वाबों की दुनिया लरजते सिसकते इरादों की दुनिया वो सांसे थी अंतिम ये जीवन शुरू था धुएं से भरी थी बुरादों की दुनिया ना पुछो कि किससे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 400 Share Rashmi Sanjay 24 Aug 2021 · 1 min read 'उफ' रहती नहीं जवानी देख नदी भी मांगे पानी देख उम्र गुजरती चुपके-चुपके रहती एक निशानी देख पुतले दो मिट्टी के मिलके गढ़ते नई कहानी देख झिड़की तल्खी तोड़ रही मरता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 441 Share