कवि रमेशराज Tag: तेवरी 40 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि रमेशराज 21 Feb 2022 · 3 min read रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ *रति वर्णवृत्त में तेवरी-1 ********** खल हैं सखी मल हैं सखी। जन से करें छल हैं सखी। सब विष-भरे फल हैं सखी। सुख के कहाँ पल हैं सखी। नयना हुए... Hindi · तेवरी 569 Share कवि रमेशराज 12 Sep 2021 · 1 min read रमेशराज की 3 तेवरियाँ 1. ***** नारे थे यहाँ स्वदेशी के हम बने विदेशी माल ,हर साल ! अपने हैं ढोल नगाड़े पर ये मढ़े चीन की खाल , हर साल ! हम गदगद... Hindi · तेवरी 365 Share कवि रमेशराज 12 Sep 2021 · 3 min read रमेशराज की 11 तेवरियाँ 1. दोनों ही कान्हा के प्रिय हैं मीरा हो या रसखान। नादान।। जो निर्बल का बल बनता है उसके वश में भगवान। नादान।। तुझको विश्वास मुखौटों पे सच्चाई कुछ तो... Hindi · तेवरी 1 1 352 Share कवि रमेशराज 3 Jun 2017 · 1 min read |नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी हम चोर लुटेरों ने घेरे हर सू है चीख-पुकार | इस बार || हम घने अंधेरों ने घेरे दिखती न रौशनी यार | इस बार || हम सेठ-कुबेरों ने घेरे... Hindi · तेवरी 496 Share कवि रमेशराज 3 Jun 2017 · 1 min read नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी कोई तो किस्सा पावन हो, वृन्दावन हो अब चैन मिले मन को कुछ तो | तहखानों बीच न जीवन हो, घर-आँगन हो सुख के पायें साधन कुछ तो | अपमान... Hindi · तेवरी 630 Share कवि रमेशराज 3 Jun 2017 · 1 min read रमेशराज की एक तेवरी दारू से कुल्ला बम भोले अब खुल्लमखुल्ला बम भोले | ईमान बेचकर इस युग में खुश पण्डित-मुल्ला बम भोले | हर रोज सियासत मार रही चाँदों पे टुल्ला बम भोले... Hindi · तेवरी 428 Share कवि रमेशराज 3 Jun 2017 · 1 min read तीन मुक्तकों से संरचित रमेशराज की एक तेवरी जनता पर वार उसी के हैं चैनल-अख़बार उसी के हैं | इसलिए उधर ही रंगत है सारे त्योहार उसी के हैं | सब अत्याचार उसी के हैं अब थानेदार उसी... Hindi · तेवरी 498 Share कवि रमेशराज 3 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक-विन्यास में रमेशराज की तेवरी पीयें ठर्रा-रम बम भोले हम सबसे उत्तम बम भोले | जनता से नाता तोड़ लिखें सत्ता के कॉलम बम भोले | + हम पै कट्टे-बम बम भोले हम यम के... Hindi · तेवरी 346 Share कवि रमेशराज 3 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक-विन्यास में एक तेवरी मैं तो हूँ पावन बोल रहा अब पापी का मन बोल रहा | नित नारी को सम्मान मिले हँसकर दुर्योधन बोल रहा | सूखा को सावन बोल रहा अंधों का... Hindi · तेवरी 721 Share कवि रमेशराज 18 May 2017 · 1 min read तेवरी हिंसा से भरा हुआ नारा अब बोले धर्म बचाना है हर ओर धधकता अंगारा अब बोले धर्म बचाना है | जो कभी सहारा नहीं बना अपने बूढ़े माँ-बापों का ऐसा... Hindi · तेवरी 628 Share कवि रमेशराज 18 May 2017 · 1 min read तेवरी जिनको देना जल कहाँ गये सत्ता के बादल कहाँ गये ? कड़वापन कौन परोस गया मीठे-मीठे फल कहाँ गये ? जनता थामे प्रश्नावलियां सब सरकारी हल कहाँ गये ? जो... Hindi · तेवरी 554 Share कवि रमेशराज 18 May 2017 · 1 min read तेवरी गुलशन पै बहस नहीं करता मधुवन पै बहस नहीं करता । जो भी मरुथल में अब बदला सावन पै बहस नहीं करता | कहते हैं इसे न्यूज़-चैनल ये जन पै... Hindi · तेवरी 306 Share कवि रमेशराज 10 May 2017 · 1 min read || तेवरी || सूखा का कोई हल देगा मत सोचो बादल जल देगा | जो बृक्ष सियासत ने रोपा ये नहीं किसी को फल देगा | बस यही सोचते अब रहिए वो सबको... Hindi · तेवरी 304 Share कवि रमेशराज 6 May 2017 · 1 min read तेवरी उसकी बातों में जाल नये होने हैं खड़े बवाल नये | बागों को उसकी नज़र लगी अब फूल न देगी डाल नये | छलना है उसको और अभी लेकर पूजा... Hindi · तेवरी 498 Share कवि रमेशराज 6 May 2017 · 1 min read तेवरी खुशियों के मंजर छीनेगा रोजी-रोटी-घर छीनेगा | है लालच का ये दौर नया पंछी तक के पर छीनेगा | हम जीयें सिर्फ सवालों में इस खातिर उत्तर छीनेगा | वो... Hindi · तेवरी 1 528 Share कवि रमेशराज 4 May 2017 · 1 min read तेवरी मैं भी अगर भाट बन जाता गुण्डों को सेवक बतलाता | कोयल के बदले कौवों को सच्चा स्वर-सम्राट सुझाता | सारे के सारे खलनायक मेरे होते भाग्य-विधाता | ज़हर घोलता... Hindi · तेवरी 357 Share कवि रमेशराज 3 May 2017 · 3 min read रमेशराज की पद जैसी शैली में तेवरियाँ रमेशराज की पद जैसी शैली में तेवरी....1. ----------------------------------------------- कैसे भये डिजीटल ऊधौ पहले थे हम सोने जैसे, अब हैं पीतल ऊधौ | अब हर बात तुम्हारी लगती है छल ही... Hindi · तेवरी 338 Share कवि रमेशराज 3 May 2017 · 1 min read किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी- सरकारी कारण लुटौ खूब कृषक कौ धान रह गयौ बिना रुपैया, धान कौ हाय बुवैया | दरवाजे पे कृषक के ठाडौ साहूकार ब्याज के बदले भैया, खोलि लै जावै गैया... Hindi · तेवरी 804 Share कवि रमेशराज 3 May 2017 · 1 min read लोकशैली में तेवरी नारे थे यहाँ स्वदेशी के हम बने विदेशी माल , सुन लाल ! अपने हैं ढोल नगाड़े पर ये मढ़े चीन की खाल , सुन लाल ! हम गदगद अपने... Hindi · तेवरी 284 Share कवि रमेशराज 3 May 2017 · 1 min read वर्णिक छंद में तेवरी गण- [राजभा राजभा राजभा राजभा ] छंद से मिलती जुलती बहर –फ़ायलुन फ़ायलुन फ़ायलुन फ़ायलुन ................................................................... आपने नूर की क्या नदी लूट ली गीत के नैन की रोशनी लूट ली... Hindi · तेवरी 356 Share कवि रमेशराज 3 May 2017 · 1 min read लोकशैली में तेवरी सडकों पै मारपिटाई करते बर्बर आतताई होते सरेआम उत्पात दरोगा ठाड़ो देखै | हाथों में छुरी तमंचे जन को लूट रहे नित गुंडे गोदें चाहे जिसका गात दरोगा ठाड़ो देखै... Hindi · तेवरी 335 Share कवि रमेशराज 3 May 2017 · 1 min read रमेशराज की तेवरी जनता की थाली बम भोले अब खाली-खाली बम भोले | श्रम जिसके खून-पसीने में उसको ही गाली बम भोले | इस युग के सब गाँधीवादी कर लिए दुनाली बम भोले... Hindi · तेवरी 618 Share कवि रमेशराज 31 Oct 2016 · 6 min read रमेशराज की जनकछन्द में तेवरियाँ || जनकछन्द में तेवरी || ---1. ……………………………………………………… हर अनीति से युद्ध लड़ क्रान्ति-राह पर यार बढ़, बैठ न मन को मार कर। खल का नशा उतार दे शब्दों को तलवार... Hindi · तेवरी 291 Share कवि रमेशराज 17 Oct 2016 · 5 min read ‘ सर्पकुण्डली राज छंद ‘ में 14 तेवरियाँ +रमेशराज ‘ सर्पकुण्डली राज छंद ‘ में तेवरी....1. ------------------------------------------ हर पल असुर करेंगे बस वन्दना खलों की बस वन्दना खलों की , नित अर्चना खलों की | नित अर्चना खलों की... Hindi · तेवरी 254 Share कवि रमेशराज 2 Oct 2016 · 2 min read गयी ब्याज में गाय || लम्बी तेवरी-तेवर पच्चीसी || -रमेशराज चीनी है पैंतीस तौ दो सौ तक है दाल अब है महँगाई कौ दौर, करैगौ कैसे लाँगुरिया । 1 और बढ़ै सिर पर चढ़ै बड़ी निगौडी भूख जाकौ सुरसा जैसौ... Hindi · तेवरी 359 Share कवि रमेशराज 2 Oct 2016 · 2 min read “तभी बिखेरे बाती नूर” {लम्बी तेवरी-तेवर पच्चीसी } +रमेशराज छुपे नहीं तेरी पहचान, इतना मान चाहे रूप बदल प्यारे । 1 तुझमें बढ़ा घृणा का भाव, भारी ताव अंगारों में जल प्यारे । 2 सज्जन को करता गुमराह, भरकर... Hindi · तेवरी 260 Share कवि रमेशराज 2 Oct 2016 · 2 min read और भरो हुंकार [ लम्बी तेवरी-तेवर चालीसा ] +रमेशराज जनता लायी है अंगार आज यही चर्चा है प्यारे अधराधर। 1 मिलकर मेटें भ्रष्टाचार नयी क्रान्ति के जागेंगे अब फिर से स्वर। 2 भीषण करके धनु-टंकार एक महाभारत मानेंगे हम... Hindi · तेवरी 437 Share कवि रमेशराज 2 Oct 2016 · 2 min read रावणों के राज में [ वर्णिक छंद में लम्बी तेवरी/तेवर चालीसा ] +रमेशराज पागलों के साथ है मानो आज राजनीति दानवों के साथ है। 1 आज मत पूछिए भीम जैसा दल-बल कौरवों के साथ है। 2 तम-भरी रात में हादसा-सा रोज एक दीपकों... Hindi · तेवरी 256 Share कवि रमेशराज 1 Oct 2016 · 4 min read मन ईलू-ईलू बोले [ लम्बी तेवरी-तेवर चालीसा ] +रमेशराज घोटाले मंत्री को प्यारे, लिपट पेड़ से बेल निहाल छिनरे सुन्दर नारि ताकते खडे़ हुए हैं बम भोले। 1 अज्ञानी को मद भाता है, भला लगे मछली को ताल गुड़... Hindi · तेवरी 334 Share कवि रमेशराज 26 Sep 2016 · 3 min read कायर मरते पीठ दिखाकर [ लम्बी तेवरी-तेवर चालीसा ] -रमेशराज ‘मीरा’ जैसा धर्म निभाकर तीखे विष का प्याला पाकर, मरा न कोई, अमर हुआ। 1 बन प्रहलाद देख ले प्यारे अग्नि-कुण्ड के बीच नहाकर, मरा न कोई, अमर हुआ। 2... Hindi · तेवरी 301 Share कवि रमेशराज 23 Sep 2016 · 7 min read ‘ रावण-कुल के लोग ‘ (लम्बी तेवरी-तेवर-शतक) +रमेशराज बिना पूँछ बिन सींग के पशु का अब सम्मान मंच-मंच पर ब्रह्मराक्षस चहुँदिश छायें भइया रे! 1 तुलसिदास ऐसे प्रभुहिं कहा भजें भ्रम त्याग अनाचार को देख न जो तलवार... Hindi · तेवरी 472 Share कवि रमेशराज 21 Sep 2016 · 5 min read ‘पूछ न कबिरा जग का हाल’ [ लम्बी तेवरी , तेवर-शतक ] +रमेशराज खुशी न लेती आज उछाल इस जीवन से अच्छी मौत भइया रे। 1 पूछ न मुझसे मेरा हाल मुझको किश्तों में दी मौत भइया रे। 2 है जीवन फूलों की... Hindi · तेवरी 571 Share कवि रमेशराज 19 Sep 2016 · 4 min read ‘ मेरा हाल सोडियम-सा ’ [ लम्बी तेवरी, तेवर-शतक ] +रमेशराज ......................................................... इस निजाम ने जन कूटा हर मन दुःख से भरा लेखनी । 1 गर्दन भले रखा आरा सच बोलूंगा सदा लेखनी । मैंने हँस-हँस जहर पिया मैं ‘मीरा-सा’ रहा... Hindi · तेवरी 265 Share कवि रमेशराज 16 Sep 2016 · 8 min read “जै कन्हैयालाल की! [ लम्बी तेवरी तेवर-शतक ] +रमेशराज कृष्ण-रूप में कंस जैसे हर शासक के प्रति- “जै कन्हैयालाल की! [ लम्बी तेवरी तेवर-शतक ] +रमेशराज ..................................................... जन को न रोटी-दाल, जै कन्हैयालाल की! नेताजी को तर माल, जै... Hindi · तेवरी 297 Share कवि रमेशराज 12 Sep 2016 · 10 min read ' ककड़ी के चोरों को फाँसी ' [ प्रचलित लोककथनों पर आधारित-लम्बी तेवरी-तेवर-शतक ] +रमेशराज हर तेवर ‘लोकोक्ति’ सुहाये, शब्दों के भीतर तूफान अपने घर को फूंक तमाशा हुए देखने हम तैयार, क्या समझे! दही जमेगा, घी निकलेगा, जब ले लेगा दूध उफान लिये बाल्टी... Hindi · तेवरी 688 Share कवि रमेशराज 8 Sep 2016 · 8 min read घड़ा पाप का भर रहा [लम्बी तेवरी, तेवर-शतक ] +रमेशराज मन की खुशियाँ जागकर मीड़ रही हैं आँख चीर रही जो अंधकार को उसी किरन की मौत न हो। 1 चाहे जो भी नाम दे इस रिश्ते को यार जिस... Hindi · तेवरी 304 Share कवि रमेशराज 5 Sep 2016 · 7 min read ‘धन का मद गदगद करे’ [लम्बी तेवरी -तेवर-शतक] +रमेशराज कितने विश्वामित्र, माया के आगे टिकें इत्र सरीखा दे महक धन -वैभव हर बार । 1 अब मंत्री-पद पाय, मुनिवर नारद खुश बहुत धन का मद गदगद करे सत्य हुआ... Hindi · तेवरी 334 Share कवि रमेशराज 3 Sep 2016 · 7 min read अन्तर आह अनंत अति [ लम्बी तेवरी – तेवर शतक ] +रमेशराज बोलें-‘वंदे मातरम्’ तस्कर, चोर, डकैत छद्मवेश को धारे प्यारे खल-गद्दार बहुत से हैं। 1 तुझे पढ़ाने के लिए नारी-तन-भूगोल मस्तराम के उपन्यास, चैनल-अखबार बहुत से हैं। 2 अन्तर आह अनंत... Hindi · तेवरी 276 Share कवि रमेशराज 2 Sep 2016 · 8 min read 'दे लंका में आग' [ लम्बी तेवरी--तेवर-शतक ] +रमेशराज सिस्टम आदमखोर, जि़न्दगी दूभर है, कविता को हथियार बना तू लाँगुरिया, गाल छर असुरों के। असुरों के आगे विनती में हर स्वर है, क्रान्ति-भरे फिर भाव जगा तू लाँगुरिया, गाल... Hindi · तेवरी 1 509 Share कवि रमेशराज 1 Sep 2016 · 1 min read लोक-शैली ‘रसिया’ पर आधारित रमेशराज की तेवरी लोक-शैली ‘रसिया’ पर आधारित रमेशराज की तेवरी …………………………………………………………………. मीठे सोच हमारे, स्वारथवश कड़वाहट धारे भइया का दुश्मन अब भइया घर के भीतर है। इक कमरे में मातम, भूख गरीबी अश्रुपात... Hindi · तेवरी 3 342 Share