डॉ मनीष सिंह राजवंशी Language: Hindi 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ मनीष सिंह राजवंशी 25 Jan 2023 · 1 min read शायरी यूं अधूरा सा हर ख्वाब, हर फसाना लगे। उनसे बिछड़े हुए अब तो, एक जमाना लगे।। न दिल में है कोई ख्वाहिश, ना कोई तमन्ना। किसी जलते हुए घर में,अपना... Hindi 203 Share डॉ मनीष सिंह राजवंशी 23 Dec 2020 · 1 min read "मेरा रिश्ता" मेरा बस आप सबसे तो बना है प्यार का रिश्ता। कभी बातों की गपशप का कभी सुख दुख का रिश्ता। रहूँ मैं चाहता अब तो दिलों में आप सबके मैं।... Hindi · मुक्तक 8 6 394 Share डॉ मनीष सिंह राजवंशी 22 Dec 2020 · 1 min read "जय माता दी" जय माता दी बोल रे भक्तों, जय माता दी बोल के।-२ जय माता दी बोल के भक्तों, अपनी किस्मत खोल ले। जय माता दी बोल रे भक्तों, जय माता दी... Hindi · गीत 7 383 Share डॉ मनीष सिंह राजवंशी 22 Dec 2020 · 1 min read "मैं शिक्षक हूँ" मैं शिक्षक हूँ अपनी जिम्मेदारी समझता हूँ। सामाजिक उत्थान में हिस्सेदारी समझता हूं।। अग्रसर हो राष्ट्र निरंतर उन्नति के पथ पर। इस कर्तव्य में अपनी भागीदारी समझता हूँ।। क्या कुछ... Hindi · मुक्तक 8 7 386 Share डॉ मनीष सिंह राजवंशी 22 Dec 2020 · 1 min read "इंसान को सीख" खुद को खुद ही सही कहने वाले ये तो समझ। इंसान को गलत होने का एहसास नहीं होता।। मिट जाती है अहिस्ता अहिस्ता हस्ती उसकी। जिसे औरो से ज्यादा खुद... Hindi · कविता 8 8 357 Share डॉ मनीष सिंह राजवंशी 22 Dec 2020 · 1 min read मुक्तक हमने बहते हुए दरिया को रुकते हुए देखा है। उसे समंदर की लहरों में घुटते हुए देखा है।। ऐ नादान शक्स तेरी विसात ही क्या है यहाँ। हमने सिकंदर को... Hindi · मुक्तक 6 1 366 Share डॉ मनीष सिंह राजवंशी 21 Dec 2020 · 1 min read "एक दिन मेरे क्लास में" एक दिन मेरे क्लास में- एक दिन आ बैठी इक तितली मेरे ही क्लास मेंI देख लिया था मैने उसको पहले ही प्रयास मेंI कुछ अलसुलझी सी कुछ घबरायी कुछ... Hindi · कविता 7 3 507 Share डॉ मनीष सिंह राजवंशी 21 Dec 2020 · 1 min read "हमरे घरवा के दीपक बुझा गइल हो" तोहरे मथवा के बिंदिया छुड़ा गईल हो। हमरे घरवा के दीपक बुझा गइल हो-२ चार दिन भइल उनके गवना के अइले। छूटल नाही मेहदी उनके हथवा के पहिले। सन्देशवा सीमा... Hindi · गीत 8 3 300 Share डॉ मनीष सिंह राजवंशी 21 Dec 2020 · 1 min read "अटल जी को श्रद्धांजलि" गम है दिल मे नम है आंखें,एक सितारा टूट गया। दर्द है अब तो एक अटल जी,साथ तुम्हारा छूट गया। कौन बताएगा हमको अब,राजनीति की मर्यादा। कौन सिखाएगा सबको अब,जीना... Hindi · कविता 4 1 290 Share डॉ मनीष सिंह राजवंशी 21 Dec 2020 · 1 min read "शोर" हो गया अंधेर अब इसका ही शोर है। चोर खुद बना रहा ईमानदार को चोर है। सत्य ना झुका है ना हुआ कभी पराजित। लगा ले बाजुओ में तूं अब... Hindi · कविता 4 1 561 Share डॉ मनीष सिंह राजवंशी 21 Dec 2020 · 1 min read शायरी कैसा सैलाब खुद में समाए रक्खा। क्यो दर्द को दिल में यूं दबाए रक्खा। कभी कुछ कह सुन लिया होता तुमने। क्यो तुमने ये साथ लंबा ना बनाये रक्खा। वक्त... Hindi · शेर 4 488 Share डॉ मनीष सिंह राजवंशी 21 Dec 2020 · 1 min read शायरी ना उदासियां हो तुम्हे न गम फसाना हो। इस मुस्कुराहट का हर कोई दीवाना हो। यू सजाते रहना औरो के चेहरों पर खुशी। तुम्हारी दोस्ती को तरसता जमाना हो। @सर्वाधिकार... Hindi · शेर 3 454 Share डॉ मनीष सिंह राजवंशी 21 Dec 2020 · 1 min read "कभी कमजोर का कोई सहारा नहीं बनता" कभी कमजोर का कोई सहारा नहीं बनता। बिना बहाव की नदियों का किनारा नहीं बनता। जिंदगी से हारते है वो जो बुजदिल होते है। यूँ बिखरने वाला अपनों का प्यारा... Hindi · मुक्तक 6 438 Share डॉ मनीष सिंह राजवंशी 21 Dec 2020 · 1 min read "चलो अच्छा है" यह वक्त यूँ ही गुजर जाए तो भी चलो अच्छा है। कुछ हस्ती अपनी बिखर जाए तो भी चलो अच्छा है। जीता रहता हूँ हर वक्त इस नई उम्मीद के... Hindi · कविता 8 2 374 Share डॉ मनीष सिंह राजवंशी 21 Dec 2020 · 1 min read "शहर में बादल" " मेरे शहर में आज बादल ये बरस आये है।" मेरे शहर में आज बादल ये बरस आये है। ऐसा लगता है आवारा बहक आये है। मेरे शहर में आज... Hindi · कविता 5 484 Share डॉ मनीष सिंह राजवंशी 21 Dec 2020 · 1 min read "मैं चमकता सूरज हूँ" मैं चमकता सूरज हूँ। खो गया हूँ धुंध में,कुछ पल के लिए आज कल। मत समझना डूब गया,दुख की घनेरी रात में। मैं साथ हूँ विस्वास हूँ अपनों की जरुरत... Hindi · कविता 6 4 609 Share डॉ मनीष सिंह राजवंशी 21 Dec 2020 · 1 min read "कोरोना में जिंदगी की मुश्किल" अजीब दर्द है,उलझन है, तन्हाई है। जिंदगी मुश्किलों में उतर आई है। एक आस से नजरे देखती है उधर। जिधर से यादों की झलक आई है। सोचता हूँ क्या खत्म... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 18 41 1k Share