Rajiv Vishal (Rohtasi) 53 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajiv Vishal (Rohtasi) 12 Jun 2023 · 1 min read दुनियावाले तन गोरे मन काले हैं इन्हे समझना मुश्किल है अज़ीब ये दुनियावाले हैं मीठी-मीठी बातें करते रखते बगल में भाले हैं इन्हे समझना मुश्किल है अज़ीब ये दुनियावाले हैं. दिल... Poetry Writing Challenge 304 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 11 Jun 2023 · 1 min read पाक के नापाक इरादे. पल में प्रलय मचा देंगे दुश्मन को धूल चटा देंगे हम भारत के वीर हैं ऐसे हमारे तरकश में तीर हैं ऐसे. ऐ पाक तेरा नापाक इरादा है तो सुन... Poetry Writing Challenge 2 329 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 11 Jun 2023 · 1 min read वंदे मातरम् देश के दुश्मनों का करेंगे खात्मा हमने ली है ये कसम वंदे मातरम् वन्दे मातरम् वन्दे मातरम् वन्दे मातरम् हमे झुका दे हमे मिटा दे कौन है ओ जो हमे... Poetry Writing Challenge 1 214 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 10 Jun 2023 · 1 min read युग बदला तुम बदलो नारी उठो नींद से जग लो नारी युग बदला तुम बदलो नारी अस्मिता तुम्हारी लूट न पाए दम तुम्हारा कभी घुट न पाए चण्डी रूप तुम धर लो नारी युग बदला... Poetry Writing Challenge 252 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 10 Jun 2023 · 1 min read आज़ादी आज़ादी हम लेकर रहेंगे दिल में ये ठाने चले देश के लिए जान गंवाने पानी की तरह लहू बहाने ओ लोग थे ऐसे दीवाने. अटल-अडिग थे उनके इरादे नामुमकिन को... Poetry Writing Challenge 1 294 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 10 Jun 2023 · 1 min read गाँधी के इस देश में. दिन-ब-दिन सच्चाई हार रही फरेबी के केस में क्या-क्या हो रहा है अब गाँधी के इस देश में. मिलते हैं चोर यहाँ अक्सर साधु के वेश में क्या-क्या हो रहा... Poetry Writing Challenge 216 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 9 Jun 2023 · 1 min read पानी सिर से गुजर गया. ढूंढती है नज़र दर-बदर न जाने ओ किधर गया आँखों में खून उतर गया पानी सिर से गुजर गया. मानवता का साथ निभाने को संग उसके जाने को वक़्त भी... Poetry Writing Challenge 391 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 8 Jun 2023 · 1 min read बचपन छल ना कपट ना मैला मन ना किसी को किसी से थी जलन कितना प्यारा था बचपन. इर्ष्या, द्वेष, बैर-भाव न था जीवन में कोई तनाव न था ना दिल... Poetry Writing Challenge 296 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 7 Jun 2023 · 1 min read नदी और नारी दोनों दूसरे के लिए कुर्बान करती अपनी ज़िंदगानी है नदी और नारी की एक सी- कहानी है. एक जीवन देती एक जीवन संवार देती प्रेम और समर्पण जिनकी निशानी है... Poetry Writing Challenge 2 299 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 5 Jun 2023 · 1 min read कुछ भी नहीं मुकम्मल है ये बातें नहीं अनर्गल है आज तेरा तो मेरा कल है आनी-जानी दुनिया में कुछ भी नहीं मुकम्मल है. कभी शह तो कभी मात मंजर बदलता पल-पल है आनी-जानी दुनिया... Poetry Writing Challenge 248 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 5 Jun 2023 · 1 min read युद्ध या शांति जाना पड़ेगा तुझे जान से सदियों से रखी म्यान से निकल पड़ी है आज तलवार युद्ध चाहिए या शांति कर लो आज विचार. ये कारवाँ जिस ओर चलेगा तबाही का... Poetry Writing Challenge 153 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 1 Jun 2023 · 1 min read सच्ची यारी आजकल करता नहीं कोई सच्ची यारी है हर तरफ बस धोख़ा, छल और मक्कारी है. सौ-सौ ईमानदारों पर आज एक बेईमान भारी है हर तरफ बस, धोख़ा छल और मक्कारी... Poetry Writing Challenge 1 256 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 31 May 2023 · 1 min read ठोकर मुश्किल हालातों से हम गुजर रहे हैं ठोकर खाकर हम निखर रहे है. दिल तोड़ने वाले बिखर रहे हैं ठोकर खाकर हम निखर रहे हैं. माना हम भटक दर-बदर रहे... Poetry Writing Challenge 1 265 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 31 May 2023 · 1 min read वीर नारी वतन की राह में हम कुर्बान हो चले याद हमे करना पर याद में हमारी रोना ना वीर पुरुष की वीर नारी तुम धीरज कभी भी खोना ना. जिन आँखों... Poetry Writing Challenge 1 385 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 31 May 2023 · 1 min read प्रहार दुश्मन पर न कभी उपकार करो न कोई सोच-विचार करो जब भी मिले मौका अगर प्रखर प्रचंड प्रहार करो. चिंगारी का जवाब दो शोला से बरूदों की तुम बौछार करो... Poetry Writing Challenge 1 2 306 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 29 May 2023 · 1 min read वतनपरस्ती हँसते-हँसते डूबा दी जिन्होंने जिंदगी की कश्ती थी ये उनकी वतनपरस्ती थी. ओ शूली पर थे चढ़ रहे और आ रही उनको मस्ती थी ये उनकी वतनपरस्ती थी. दूसरों की... Poetry Writing Challenge 377 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 29 May 2023 · 1 min read पर्बत धरती का ताज़ है. वातावरण में सुंदरता इनसे ही आज है पर्वत धरती का ताज़ है. इसे बर्बाद करने को पीछे पड़ा समाज है. पर्वत धरती का ताज़ है. देश की सुरक्षा का होता... Poetry Writing Challenge 270 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 28 May 2023 · 1 min read सब समय- समय की बात है कभी सुहानी धूप खिली है कभी होती बरसात है सब समय-समय की बात है. कभी जुदाई का मौसम है कभी मिलन की रात है सब समय-समय की बात है. कभी... Poetry Writing Challenge 173 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 27 May 2023 · 1 min read वर्षा को बुलाते पेड़. गुलशन को महकाते पेड़ वातावरण को स्वच्छ बनाते पेड़ वर्षा को बुलाते पेड़. धूप में भी ठंडी छाँव कर जाते पेड़ सबके मन को भाते पेड़ वर्षा को बुलाते पेड़.... Poetry Writing Challenge 141 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 27 May 2023 · 1 min read चंचल शोख़ हवाएँ कभी बारिश की सोंधी खूशबू लाये कभी वतावरण को फूलों की खूशबू से भर जाए ये चंचल शोख़ हवाएँ. कभी पहाड़ों से टकराये लौट के कभी ये वापस आये ये... Poetry Writing Challenge 65 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 27 May 2023 · 1 min read पेड़ प्रकृति का वरदान. करते जन-जन का कल्याण भरते जीवन में मुस्कान पेड़ प्रकृति का वरदान. फल, फूल जड़ी- बूटी देते हैं बदले में कुछ नहीं लेते हैं सब करें इनका सम्मान पेड़ प्रकृति... Poetry Writing Challenge 201 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 26 May 2023 · 1 min read बिन पानी ज़िंदगानी क्या? बचपन क्या जवानी क्या? राजा बिन रानी क्या? बिन पानी ज़िंदगानी क्या? पेड़ नहीं पौधे नहीं आसमान में उड़ते परिंदे नहीं फिर इनके किस्से और कहानी क्या? बिन पानी ज़िंदगानी... Poetry Writing Challenge 1 104 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 26 May 2023 · 1 min read झूठ का बोलबाला है. घोटालों की ये दुनिया हर तरफ़ घोटाला है सच्चाई के मुह पर लगा है ताला झूठ का बोलबाला है. करता है जो काम रात-दिन हाथ में उसके छाला है मुह... Poetry Writing Challenge 174 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 26 May 2023 · 1 min read भ्रष्टाचार की गहरी खाई. भ्रष्टाचार की गहरी खाई इसे पाटने को अन्ना साहब ने जोर लगाई हिंदू- मुस्लिम सीख- इसाई सबने मिलकर साथ निभाई आकर दबाव में सरकार लोकपाल विधेयक संसद में लाई हुआ... Poetry Writing Challenge 233 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 26 May 2023 · 1 min read जल है तो कल है. इसी से खिलता जीवन का कंवल है खुश्बू है सांसों में धडकनों में हलचल है जल है तो कल है. धरा पर हरियाली है हर तरफ छटा निराली है मिलते... Poetry Writing Challenge 1 259 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 7 Nov 2022 · 1 min read शेर आज जब मयस्सर नहीं मयखानों में तब हमे याद आई पैमानों की काश हम पहले ही कद्र करते पैमानों की तो आज ऐसी कैफियत न होती दिवानों की. राजीव रोहतासी... Hindi · शेर 1 183 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 1 Oct 2022 · 1 min read शेर परस्तिश किया कि सलामत रहो हमारी न सही किसी की अमानत तो हो. Hindi 314 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 29 Sep 2022 · 1 min read शेर ख़िज़ाँ तो फ़कत बदनाम है साकी अपना दिल तो फस्ल-ए-बहार में टूटा है. Hindi 3 243 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 29 Sep 2022 · 1 min read शेर फिक्र-ए-वफ़ा सिर्फ हमे ही है साकी उन्हे तो रोज़ नया ज़ख़्म देकर ही सकून आता है. Hindi · शेर 197 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 25 Sep 2022 · 1 min read शेर इतनी जल्दी तेरी आँखों से नहीं गिरेंगे गर आँखों से गिरे तो आब-ए-चश्म बनकर तेरे रुखसार पर चमकेंगे. Hindi · शेर 226 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 24 Jul 2022 · 1 min read शेर ये सच है इब्तिदा-ए-इश्क़ में हमारी सब खताएं माफ है पर दिन-ब-दिन विशाल खताओं का बढ़ रहा ग्राफ है. Hindi 235 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 4 May 2022 · 1 min read पिता पिता प्रकाश है पिता आकाश है पिता आस है आशा और विश्वास है कोई गम नहीं गर पिता पास है जिस घर मैं है पिता उस घर में देवों का... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 3 333 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 4 May 2022 · 1 min read पिता हर गम उठता है फिर भी ओ मुस्कुराता है इस धरती पर देव तुल्य ओ पिता कहलाता है कठीन परिश्रम कर के भी ओ नहीं थकता हरदम बच्चों की राह... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 3 406 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 26 Mar 2022 · 1 min read कुछ भी नहीं मुकम्मल है. ये बातें नहीं अनर्गल है आज तेरा तो मेरा कल है आनी-जानी दुनिया में कुछ भी नहीं मुकम्मल है कभी शह कभी मात मंजर बदलता पल-पल है आनी-जानी दुनिया में... Hindi · नज़्म 237 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 24 Mar 2022 · 1 min read चेहरा किताबी आज खत आया तेरा जवाबी पढ़ लिया मैने तेरा चेहरा किताबी एक तमन्ना थी देखने की वो पंखुड़ी गुलाब की देख लिया मैने तेरे होठ गुलाबी वैसे तो पीना छोड़... Hindi · नज़्म 1 2 275 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 8 Mar 2022 · 1 min read नदी और नारी दोनों दूसरे के लिए कुर्बान करती जिंदगानी है नदी और नारी की एक सी कहानी है एक जीवन देती एक जीवन संवार देती स्नेह और समर्पण जिसकी निशानी है नदी... Hindi · कविता 604 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 11 Feb 2022 · 1 min read गैर तूने गैर बसाकर आँखों में ज़हर घोल दी मेरी सांसों में अब कैसे जीऊंगा मैं तन्हा तन्हा रातों में फूलों की तमन्ना में उलझ गया हूँ काँटों में अब कैसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 259 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 2 Feb 2022 · 1 min read दूरियाँ गर प्यार सच्चा है तो दूरियाँ और प्यार बढ़ाती है याद आती है उनकी शाम-ओ-सहर और जान पर बन आती है. Hindi · शेर 196 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 31 Jan 2022 · 1 min read शेर अजनबी शहर है अजनबी लोग हैं दर्द है जाना-पहचाना दिल को लगा वही पुराना रोग है. Hindi · शेर 426 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 9 Jan 2022 · 1 min read शेर खूबसूरत है वो रह-गुजर जो उनकी मंज़िल तक जाती है हजारों फूल खिलते हैं जब वो एकबार मुस्कुराती हैं. Hindi · शेर 243 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 28 Dec 2021 · 1 min read समय बीते पल किसी की याद में पलता रहेगा किसी को ओ पल हमेशा ही खलता रहेगा ये समय है ऐसे ही चलता रहेगा कोई दिल में बसेगा कोई दिल से... Hindi · कविता 3 468 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 24 Dec 2021 · 1 min read अब इश्क़ मोहब्बत रहने दो. दुनिया का तो काम है कहना दुनिया को अब कहने दो अब इश्क़ मोहब्बत रहने दो बहुत जी लिया महफिल में अब तन्हा भी हमे रहने दो अब इश्क़ मोहब्बत... Hindi · कविता 2 377 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 19 Dec 2021 · 1 min read शेर जमीं भी तेरी फलक भी तेरा तूँ सिर्फ मेरी और कुछ नहीं मेरा Hindi · शेर 282 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 19 Dec 2021 · 1 min read क्यों तुम इतने प्यारे हो गए. क्यों तुम इतने प्यारे हो गए अपनों को छोड़कर हमारे हो गए जिन्होंने तुम्हे सब दिया उसके लिए नदी के दो किनारे हो गए कभी जिस आँख के तारे थे... Hindi · कविता 385 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 15 Dec 2021 · 1 min read युग बदला तुम बदलो नारी उठो नींद से जग लो नारी युग बदला तुम बदलो नारी अस्मिता तुम्हारी लूट न पाए दम तुम्हारा कभी घूट न पाए चंड़ी रूप तुम धर लो नारी युग बदला... Hindi · कविता 446 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 15 Dec 2021 · 1 min read आवारा तेरे शहर के बादलों की तरह आवारा हुए जा रहे हैं अपनो को छोड़कर अब तुम्हारा हुए जा रहे हैं. राजीव विशाल (रोहतासी) मो-8899024742 Hindi · शेर 624 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 15 Dec 2021 · 1 min read अश्क अश्क गर आँखों में न होते तो ये आँखें इतनी खूबसूरत न होती फिर झील सी नीली इन आँखों में हमे डूबने की इतनी चाहत न होती. राजीव विशाल(रोहतासी) मो-8899024742 Hindi · शेर 607 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 14 Dec 2021 · 1 min read गाँधी के इस देश में. दिन ब दिन सच्चाई हार रही है फरेबी के केस में क्या क्या हो रहा अब गाँधी के इस देश में मिलते हैं चोर यहाँ अक्सर साधु के वेश में... Hindi · कविता 298 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 14 Dec 2021 · 1 min read शेर हुश्न पर गुरूर उन्हें इस कदर है पर ये जिंदगी तो मुख़्तसर है. राजीव विशाल (रोहतासी) मो-8899024742 Hindi · शेर 287 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 13 Dec 2021 · 1 min read शेर तेरी फुऱकत में सोया नहीं महीनों तो क्या हुआ तुम मिले तो तेरी जुल्फों में सुकून के दो पल गुजार लेंगे. Hindi · शेर 2 349 Share Page 1 Next