Phoolchandra Rajak Tag: मुक्तक 100 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Phoolchandra Rajak 14 May 2023 · 1 min read मां के बिन बिन मां के तेरा कोई बाजूद ना था। लेकिन आज भी याद नहीं है तुझे मां कौन थी। एक दिन तू जिस मां का बेटा था, लेकिन आज भूल कर... Poetry Writing Challenge · मुक्तक 125 Share Phoolchandra Rajak 8 May 2022 · 1 min read मां की वंदना हे माता, पिता तुम्हारे चरणों में कोटि कोटि नमन है। अहसान मुझ पर इतना कि, मैं जिंदगी भर लौटा सकता नही। बस, प्रार्थना और वंदन करता ही रहूं यह एक... Hindi · मुक्तक 1 1 157 Share Phoolchandra Rajak 11 Apr 2022 · 1 min read कुछ बातें! कुछ बातें हमेशा शेयर नहीं कर सकते हैं। गोपनीयता को हम हमेशा बरकरार रखते हैं। जिंदगी दिल्लगी नही हो सकती है। तुमसे प्यार बहुत करते हैं,पर कह नहीं सकते हैं।... Hindi · मुक्तक 136 Share Phoolchandra Rajak 7 Apr 2022 · 1 min read वक्त कभी रुकता नहीं? वक़्त कभी रुकता नहीं है,चाहे कैसा भी गुजर रहा हो। हवा कभी रुकती नहीं, चाहें मौसम बदल रहा हो। सूरज कभी रुकता नही, चाहें तूफान चल रहा हो। धरती कभी... Hindi · मुक्तक 1 1 129 Share Phoolchandra Rajak 21 Mar 2022 · 1 min read कविता दिवस! करुणा से कविता, और कविता से करुणा से दोनों ही घायल होते हैं। दोनों हंसते भी साथ, साथ और साथ, साथ ही रोते हैं। कविता सहृदय में बसती है। लयो,... Hindi · मुक्तक 2 267 Share Phoolchandra Rajak 16 Mar 2022 · 1 min read माता-पिता का अहसान। जीवन में माता-पिता का अहसान हमेशा रहेगा। तू माने ना माने , तेरे साथ चलेगा। कर्ज कभी भी नही तू, नहीं उतार सकेंगा। तुझे पाल पोष कर इतना बड़ा किया।... Hindi · मुक्तक 1 1 190 Share Phoolchandra Rajak 6 Mar 2022 · 1 min read पेड़ की संवेदना। मैं प्राणवायु तुम्हें, देता हूं। तुमसे कब? कुछ मांगता। फिर भी तुम मुझे, काटते रहते हो! मैं तुम्हारे लिए सब कुछ सहता रहता हूं। तुम्हें मीठे, मीठे फल खिलाता रहता... Hindi · मुक्तक 3 2 235 Share Phoolchandra Rajak 20 Feb 2022 · 1 min read मानव जीवन का सार। समझले ,समझले, समझकर मानव जीवन का सार। नहीं हो जायेगा सब कुछ बेकार।आया था इस तन में, तलाश ले मोक्ष द्वार। पछताओगे बाद में,जब निकल जायेगा इतवार। हमेशा रत रहता... Hindi · मुक्तक 2 1 359 Share Phoolchandra Rajak 19 Feb 2022 · 1 min read अपने विचार! अलग हो सकते हैं, अपने अपने विचार।-------------------पर!अलग नहीं हो सकता है, जीवन का सार।----------------+-----+---शब्द खत्म नहीं सकते हैं, फिर बन जाता है ज्ञान -विज्ञान।------------------------------यंत्र,तंत्र, और मंत्र से ये दुनिया चलती... Hindi · मुक्तक 2 1 213 Share Phoolchandra Rajak 14 Feb 2022 · 1 min read प्रेम दिवस? यह प्रेम दिवस नहीं,प्रेम विवश है!----------एक मात्र इजहार करने का बस है।---------पशिचमी देशों का चलन है, और मन का पागन पन है। संस्कृति का हनन है।--------प्रेम दिवस नही ,प्रेम विवश... Hindi · मुक्तक 2 421 Share Phoolchandra Rajak 10 Feb 2022 · 1 min read कैसे ये नारा लिखूं? प्रार्थना लिखूं,या शिकायत लिखूं।-------+मुझे बता मेरे दोस्त अब!क्या लिखूं?-----चारो तरफ दीपकों की भरमार है।---------ले किन दिखाई कुछ दे नही रहा।----+-+-उजाला लिखूं या अंधेरा लिखूं।---------+अब मुझे बता मेरे दोस्त क्या लिखूं।------हंसने... Hindi · मुक्तक 2 2 195 Share Phoolchandra Rajak 7 Feb 2022 · 1 min read दूसरों को भी जगाइये । लिखिये और पढ़िए,पर! दूसरों का गुलाम न बनिये। शिक्षा का महत्व समझिये। अपनी ऊर्जा का दोहन करिये।------+-------कभी पिछलग्गू मत बनिये। अपनी बुद्धि का इस्तेमाल भी करिये। पैसा हां पैसा मत... Hindi · मुक्तक 1 1 230 Share Phoolchandra Rajak 6 Feb 2022 · 1 min read स्वर कोकिला लता जी। स्वर कोकिला मरी नही,अमर हो गई है।----------अब! केवल दूसरे जगत में ट्रांसफर हो गई है।--------------------------+-+--+-स्वरो से भर दी सब की झोली।रही न कोई खाली।आप चलीं सब छोड़,अमरतत्व में विलीन हो... Hindi · मुक्तक 1 201 Share Phoolchandra Rajak 19 Jan 2022 · 1 min read प्रभू जी से प्रार्थना। प्रभू जी करो जीवों का उद्धार।--------+---विकल है सारे प्रानी,यह कैसी रचना तुम्हार।--प्रभू करौ जीवों का उद्धार।--------भूल,प्यास, सर्दी, गर्मी,सहते दुख अपार ।शरण नही देता है ,मानव जाये किसके द्वार।।प्रभू-------------------------------------सुख में नही... Hindi · मुक्तक 1 1 337 Share Phoolchandra Rajak 15 Jan 2022 · 1 min read तुमसे एक सवाल? क्यो नही आ रहा ,खून में उबाल। जिंदा किसलिए है ,यह मलाल।-----------------क्या गया!भूल जो कर आया था वादे!------लेकर जन्म मनुष्य का , और करता जीव हलाल?--------------------------तुमसे एक सवाल? सत्य धर्म... Hindi · मुक्तक 369 Share Phoolchandra Rajak 12 Jan 2022 · 1 min read युवा दिवस पर विशेष। आज का युवा,बन गया नकल निधान ।---न बचा बल और बना न बुद्धि मान।--------युवा राष्ट्र निर्माण की इकाई है, पर नही पहचान।----गलत आदतों का होता,हर दम शिकार------*----------------------------नही चिंता करता है,... Hindi · मुक्तक 1 3 174 Share Phoolchandra Rajak 11 Jan 2022 · 1 min read ज्ञानवान मानव। ज्ञानवान मानव हमेशा दूसरों के लिए जीतें रहते हैं।------------परहित अपना धर्म समझकर करते रहते हैं।--------------------नही किसी से भय खाते,न भयभीत रहते हैं। हमेशा सत्य के मार्ग पर चलते रहते हैं।... Hindi · मुक्तक 2 339 Share Phoolchandra Rajak 10 Jan 2022 · 1 min read धन्यवाद आपका! धन्यवाद में छुपी शक्ति को पहचानना तुम। कृतज्ञता प्रकट कर, मुश्किलों से बचना तुम।--------------------------------नही दोष देखना किसी के, शिकायत से बचना तुम।------कितनी भी मुश्किल आ जाये,जरा न घबराना तुम।-----------------जिदंगी के... Hindi · मुक्तक 4 4 284 Share Phoolchandra Rajak 8 Jan 2022 · 1 min read आओ हम सब मिलकर। आओ हम सब मिलकर के संघर्ष करें।---गरीब, और गोमाता का दुखड़ा हरे।---------मानव तन में आकर कुछ तो पुण्य करें।---तुम भूल चुके हो अपनी करनी और कथनी।--कुछ धर्म का मार्ग बना... Hindi · मुक्तक 2 2 427 Share Phoolchandra Rajak 6 Jan 2022 · 1 min read सुविचार। जीवन तथ्यों और घटनाओं पर आधारित नहीं है।यह व्यक्ति के दिलों में उठने वाले विचारों के तूफान पर आधारित होता है।---जीतो ऐसे, जैसे कि तुम्हें इसकी आदत हो।हारो जैसे कि,... Hindi · मुक्तक 1 185 Share Phoolchandra Rajak 3 Jan 2022 · 1 min read मेरी आस्था। मैं जहां भी देखता हूं, वहां तुम्हें ही पाता हूं।समस्त जीवों में प्रभू के दर्शन करता हूं। कभी नहीं निहारता पत्थर को, मैं अपनी आस्था को मानवता से जोड़ता हूं।... Hindi · मुक्तक 1 1 239 Share Phoolchandra Rajak 28 Dec 2021 · 1 min read जीतें तो सभी! जीतें तो सभी है,पर!लक्ष्य विहीन होते हैं।मानव की देह में रहकर,हम राक्षस की तरह जीते हैं।अमृत को छोड़कर , सभी जहर का प्याला पीते हैं।भूरी भूरी प्रसंशा के दिवाने होते... Hindi · मुक्तक 2 181 Share Phoolchandra Rajak 17 Dec 2021 · 1 min read मोबाइल कैसा? मोबाइल बच्चों के लिए ,खेल का मैदान बन गया है! उपयोग अगर समझदारी से करो, तो ज्ञान बन गया है। कालेज में पढ़ने वाले बच्चों के लिए, शैतान बन गया... Hindi · मुक्तक 1 1 195 Share Phoolchandra Rajak 16 Dec 2021 · 1 min read लानत है जिंदगानी! हम ज्यादातर दोहराते, हैं इतिहास।---------उसकी को नया रूप देकर, बनाते हैं खासमखास।----------++++++++++++जरुरत है कुछ नया करने की, और तुम ढर्रे उछाल रहें हो।------अरे तुम्हारी कब समझ में आयेगी, तुम खाक... Hindi · मुक्तक 2 4 406 Share Phoolchandra Rajak 14 Dec 2021 · 1 min read चमत्कार को नमस्कार! चमत्कार को नमस्कार है। यही जमाने का आधार है। बन गया है, यही मानव का व्यवहार है। सीधे साधे को दुनिया क्या पहचाने।वह दुष्ट और दुराचारी ,को ही सन्माने।कीमत नही... Hindi · मुक्तक 1 1 175 Share Phoolchandra Rajak 12 Dec 2021 · 1 min read इसे रोको! रोक सकते हो तो इसे रोको? ये भीड़ कहां जा रही हैं?क्षण भंगुर सुख की प्राप्ति हेतु सारा सर्वस्व न्यौछावर किये जा रही है।रोक सकते हो तो रोको इसे, असत्य... Hindi · मुक्तक 1 1 149 Share Phoolchandra Rajak 12 Dec 2021 · 1 min read मेरी वीरता! मेरी वीरता पुकार रही है। दुष्टों से जंग करने के लिए कह रही है। दुष्टों से जंग करने के लिए हथियार चाहिए। दुष्टों से जंग करने के लिए लक्ष्मण जैसा... Hindi · मुक्तक 2 2 176 Share Phoolchandra Rajak 3 Dec 2021 · 1 min read सांठ-- गांठ सांठ -गांठ के खेल से मिल जाता है,पुस्तकार।बजने लगती है, तालियां मच जाता हा- हा-कार। कुछ यहां की और कुछ वहां की, चोरी कर लाता है। बिना कुछ किए ही... Hindi · मुक्तक 2 2 250 Share Phoolchandra Rajak 24 Nov 2021 · 1 min read किसान! किसान भारत की शान। लेकिन हमको नही पहचान।आज नही बन सका महान। पर ! दुनिया का इसके बिना नही चलता खान,पान।दिन रात मेहनत करता है, करता श्रमदान। फिर भी हमेशा... Hindi · मुक्तक 2 2 283 Share Phoolchandra Rajak 22 Nov 2021 · 1 min read हीरे की पहचान! हीरे को कौन पसंद करता है।जो पत्थर दिल बन जाता है।हीरा भी एक पत्थर ही होता है।बस! अपनी खास चमक के कारण हीरा कहलाता है।हीरा कौन जानता,पहचानता है।उसका उपयोग चंद... Hindi · मुक्तक 2 2 344 Share Phoolchandra Rajak 14 Nov 2021 · 1 min read वेतन लाख का काम टका का! वेतन लाख रुपए का, काम करता न टका का।पद की गरिमा बहुत भारी।पर न समझे जिम्मेदारी।ये कैसी है लाचारी,देख रहे हैं सब तमाशा, अपनी बारी -बारी ।अब दुनिया भई बेचारी।जरा... Hindi · मुक्तक 2 3 273 Share Phoolchandra Rajak 12 Nov 2021 · 1 min read बजीरे आजम इन चीख- पुकारों से ये नन्हे बच्चों की की हा हा कारों से।पूछो! शहीद सैनिकों की विधवा नारी के मन से। काश्मीर घाटी के उस रुद्र क्रदंन से। प्रतिदिन के... Hindi · मुक्तक 3 3 326 Share Phoolchandra Rajak 11 Nov 2021 · 1 min read क्यों तू पर्दे के पीछे! क्यों तू पर्दे के पीछे रहता है। क्यों अपनी जिंदगी को कठिनतम बनाता है। हमेशा पर्दे के पीछे दौड़ लगाता रहता है। क्यों अपनी जिंदगी को टाइम पास बनाता है।मन... Hindi · मुक्तक 1 1 387 Share Phoolchandra Rajak 8 Nov 2021 · 1 min read हम रहें न रहें पर नाम! हम रहें न रहें पर तेरा नाम रहेगा। अच्छा बुरा काम रहेगा। एक दिन बुझ जायेगी, ये शमा।पर तेरी महफ़िल का नाम रहेगा। अच्छे काम करने वाले इस जग में... Hindi · मुक्तक 2 1 207 Share Phoolchandra Rajak 7 Nov 2021 · 1 min read कहीं कोई परशुराम जन्म! गलत --गलत करते करते,गलत सहते सहते।गलत कहते कहते, अभी तक इस कचरे को हटा नही पाया है। क्योंकि? हमने अपने को नही पहचान पाया है। दुहाई बुद्धिमान की देता चला... Hindi · मुक्तक 1 1 163 Share Phoolchandra Rajak 4 Nov 2021 · 1 min read हम ज्ञान से अंधेरे-----+ हम ज्ञान से अंधेरे की ओर , बढ़ रहे हैं। क्या गजब का पाठ पढ़ रहें हैं।गलत को गलत कहते हैं। हम हमेशा अत्याचार को सहते रहे हैं। सत्य की... Hindi · मुक्तक 179 Share Phoolchandra Rajak 4 Nov 2021 · 1 min read एक दिन पूजते हैं। एक दिन पूजता है! और सारी साल मारता है। कैसे कैसे व्यवहार करता है। क्या? ऐसा मानव कर सकता है। उसे युग परिवर्तन मान लिया करता है।कि हम विज्ञानी ,लक्ष्मी... Hindi · मुक्तक 168 Share Phoolchandra Rajak 2 Nov 2021 · 1 min read आज संवेदन हीन-----हुआ! आज संवेदन हीन-----हुआ इंसान। फिर भी बनता बहुत महान।चलै ठगों के पीछे पीछे।करै नही पहचान।आज संवेदन हीन हुआ इंसान। दुहाई देता फिरें,हम है बुद्धि मान।आज कितना भी सिखाओ, कितना भी... Hindi · मुक्तक 3 182 Share Phoolchandra Rajak 31 Oct 2021 · 1 min read विटामिन वाह, वाह में! एक सबेरा मेरी निगाह में हैं। हां उजाला सभी की चाह में है।हम अंधेरे में जी रहे हैं। दोस्त। और सूरज तुम्हारी राह में है। हंसते रहिए तमाम उम्र भर।एक... Hindi · मुक्तक 2 1 199 Share Phoolchandra Rajak 30 Oct 2021 · 1 min read अगर चैलेंज हो! अगर चैलेंज हो जीवन में। वीरों की भागीदारी,हो शासन में। व्यवस्था में तभी सुधार होगा, लोकतंत्र के आंगन में। अपने को बुद्धि मान समझने बालों। गरीब और अमीर समझने बालों।यह... Hindi · मुक्तक 2 4 184 Share Phoolchandra Rajak 29 Oct 2021 · 1 min read यह कहना आसान है। सब कुछ कह देना आसान होता है। मूर्त रुप देना बहुत कठिन होता है। लगता नही कुछ भी कह देने से। बड़ी से बड़ी बात समझाने से।हो जाता है सब... Hindi · मुक्तक 1 204 Share Phoolchandra Rajak 24 Oct 2021 · 1 min read आरती पति देवा की (करवां चौथ पर) आरती पति देवा की,कि निस्वारथ सेवा की।मैं तुम्हारी सेवा दार,तुम मेरे त्यौहार।एक सफर के दो साथी,ऐसी जीवन सेवा की। आरती पति देवा की।कि निस्वारथ सेवा की।ग्रहस्थ जीवन की, पहली कड़ी... Hindi · मुक्तक 1 3 308 Share Phoolchandra Rajak 14 Oct 2021 · 1 min read समझने वाले इशारों को! समझने वाले इशारों को समझ को समझ जाते हैं।न समझने वाले कोशिश नहीं करते हैं। जिनकी मर चुकी हो जिज्ञासा। फिर हाथ लगेगी निराशा।जो कभी अपना दिल साफ न करते... Hindi · मुक्तक 1 1 181 Share Phoolchandra Rajak 8 Oct 2021 · 1 min read तन का सदुपयोग करना। आप कर लो अपने मन का धन। क्योंकि आपको , मिला है मानव का तन। पर!अपने मन और तन का ,गलत उपयोग न करना।यह मौका मिला है बड़ी कठिनाई से।राही... Hindi · मुक्तक 2 1 192 Share Phoolchandra Rajak 6 Oct 2021 · 1 min read लिखने वालों ने! लिखने वालों ने सब कुछ तो,लिख डाला है।बचा ही क्या है,पर! फिर भी काला काला है।शवेत धवल को धर्म बना, फिर भी काली रातों का रखवाला है। लिखने वाले कवियों... Hindi · मुक्तक 2 2 199 Share Phoolchandra Rajak 4 Oct 2021 · 1 min read आज का ज्ञान आज हम पैसे से नौकरी और डिग्री तो खरीद सकते हैं। पर! ज्ञान नही खरीदा जा सकता है।ज्ञान तो गुरु के चरणों में ही मिलेगा।आप को अगर ज्ञान वान बनना... Hindi · मुक्तक 3 3 256 Share Phoolchandra Rajak 4 Oct 2021 · 1 min read प्राकृतिक महिमा आज प्राकृतिक शोभा है न्यारी।आज चारों तरफ छाई है हरियाली।सब के सब खुशी बांट रहे हैं। महिमा अपरंपार है।जय जय कार हो रही है।चारो दिशाओं में। क्योंकि नव रात प्रारंभ... Hindi · मुक्तक 2 2 276 Share Phoolchandra Rajak 20 May 2021 · 1 min read मौसम बरसात का। चांदनी रात हो, प्रेमी से पहली मुलाकात हो। यौवन की जब शुरुआत हो। सावन का पहला मास हो। नौका बिहार हो, बरसात की बौछार हो। चल रही ठंडी-ठंडी ब्यार हो।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 6 6 262 Share Phoolchandra Rajak 14 May 2021 · 1 min read खुद से न मिल सका। खुद से कभी भी मिल न सका। आत्मा से दूर होता चला गया। जीवन सुगम बनाने के लिए। नई नई राहें बनाता चला गया। ईश्वर ने तेरे लिए सब कुछ... Hindi · मुक्तक 2 3 312 Share Phoolchandra Rajak 11 May 2021 · 1 min read इन बातों का ध्यान रखें। भोजन करना माता से ,चाहे उसमें जहर हो। सलाह लेना भाई से ,चाहे बैर हो। रास्ता चलना साफ चाहे उसमें फेर हो। इस तरह से न कमाओ की पाप हो... Hindi · मुक्तक 2 5 360 Share Page 1 Next