सम सामयिक चिंता जायज है, किन्तु आज युवाओं के लिए न तो सांसारिक सरोकारों से जोड़ने का उपक्रम हो रहा है ना एक अच्छा नागरिक बनाने की कोशिश,बस उसे अंध भक्ति में डूबा कर दिग्भ्रमित करने का दुसप्रयास होता दिख रहा है! ना रोजी-रोटी की चिंता है ना सभ्य आचरण का बोध! सादर अभिवादन सहित।
सम सामयिक चिंता जायज है, किन्तु आज युवाओं के लिए न तो सांसारिक सरोकारों से जोड़ने का उपक्रम हो रहा है ना एक अच्छा नागरिक बनाने की कोशिश,बस उसे अंध भक्ति में डूबा कर दिग्भ्रमित करने का दुसप्रयास होता दिख रहा है! ना रोजी-रोटी की चिंता है ना सभ्य आचरण का बोध! सादर अभिवादन सहित।
बहुत बहुत आभार आपका जी