Tag: ग़ज़ल/गीतिका
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जो अपने है उनको पराया ना कर
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
राह में कुछ लोग अब भी मुस्कराते चल रहे
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
मेरे सवाल पास में उनके पड़े हुए
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
मतलबी इंसान से तू प्यार मत कर
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
उनसे हमारी ये जो मुलाकात हो गई
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
फिर से आँखें हुई सजल शायद
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
प्रभु मन में उम्मीद जगा दो
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
मुझे उनके आने का पैगाम देना
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
ज़िन्दगी सबकी बदलती जा रही है
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
हमको फ़र्ज निभाना होगा
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
इक उजाले का नयन में आस होना चाहिए
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
बदला-बदला शहर हो गया
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
बहरी क्यों सरकार आज है
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
झूठ देख इंकार न कर
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
पानी पर चलता है क्यों
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
उपवन फूल खिलाना होगा
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
मिलकर देश उठाओ ना
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
छोड़ो झूठी बात बनाना
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
आलू का तो हाल न पूछो
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
जनप्रतिनिधि इंसान करो
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
अच्छा होगा संवाद करो
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
हक दुश्मन से मांग रहा है
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
उम्मीदों का दीप जलायें
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'