Nitu Sah Tag: कविता 38 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Nitu Sah 19 Jul 2023 · 1 min read शामे मेरी जिन खिड़कियों से झांका मैं उसके नीचे खड़ी थी गमे मेरी जब ये आवाज मेरी ना हैं तो कौन गा रहा है नगमे मेरी ।। लहरों को ये यकीन हो... Hindi · कविता 4 113 Share Nitu Sah 6 Jul 2023 · 1 min read सवाल एक बच्चा-बच्चा बूढ़-जवान सबका है बस एक सवाल कब होगी शादी तुम्हारी कब आएगा घर बारात कब बाटोगी शादी की लड्डू कब खाएंगे भोज-भात कब दुल्हन सी सजोंगी तुम कब खुशियों... Hindi · कविता 2 109 Share Nitu Sah 30 May 2023 · 1 min read समय की धार चेहरा वही बस जीस्म ढल रहा है तारिखे वहीं बस दिन घट रहा है फिर भी गुमान तो देखों इसकी मिट्टी का है खुद को रब समझ रहा है।। नितु... Hindi · कविता 1 100 Share Nitu Sah 30 Apr 2023 · 1 min read ये कौन ये कौन ले रहा है जायजा मेरे कहानी किसने दोहराई है हमने तो बगावत ना की फिर किसने उसे उकसाइ हैं।। ये दौर क्यों इतना अजीब है चारों तरफ़ हम... Hindi · कविता 1 489 Share Nitu Sah 24 Jul 2022 · 1 min read उम्र की उम्र की हैं ये कैसी पहेली दिन-पे-दिन बढ़ती जाएं कहती हैं,हूं मैं तेरी सहेली और मुझको ही छल्ती जाएं।। एक-एक क़दम रखूं मैं जहां दौड़ती हुई तूं आ जाएं वहां... Hindi · कविता 4 2 259 Share Nitu Sah 22 Jul 2022 · 1 min read पानी, पानी बारिश पानी, पानी बारिश के पानी झम,झम गिरे, जैसे चलें बरखा रानी धरती प्यासी,प्यास बुझावें अंबर छंट के नहा के आवें सावन के झूले पे गोरी बैंठकर तेरी राह निहारे ।।... Hindi · कविता 3 4 236 Share Nitu Sah 5 Jul 2022 · 1 min read झूठ की परिक्षा अगर झूठ की परिक्षा लीं जाती तों भी कई दिलों में संसय हो सकता था इसलिए सदा से सत्यं की परिक्षा लीं जाती ताकि किसी के मन में सत्यं के... Hindi · कविता 4 4 258 Share Nitu Sah 5 Jul 2022 · 1 min read आखिर क्या... दुनिया को आखिर क्या हो गया है इस दुनिया (इंसानों) को कभी हिन्दू तो कभी मुस्लिम,बस यहीं रह गया हैं अब लड़ने को कहीं धर्म मर रहा हैं तो कहीं जातियों के... Hindi · कविता 4 4 310 Share Nitu Sah 23 Jun 2022 · 1 min read थोड़ी मेहनत और कर लो काम तुम भी करते हो हर मुश्किल से लड़ते हो फिर भी बनता नहीं काम तुम्हारा तो थोड़ी मेहनत और कर लो।। तोड़ दों हार-जीत की लड़ियां देखो ना चाहत... Hindi · कविता 2 2 243 Share Nitu Sah 21 Jun 2022 · 1 min read कोई ना रहे अकेला चलों एक मुहिम चलाएं ज्ञान का एक ऐसा दीप जलाएं अंधेरे कमरे भी हो जाएं रौशन जीत का ऐसा जश्न मनाएं।। कोई ना रहे अकेला किसी का दामन ना हो... Hindi · कविता 3 6 269 Share Nitu Sah 16 Jun 2022 · 1 min read हर रिश्तों से बड़ा, पिता हर रिश्तों से बड़ा ,हर वादों से उपर जो बंधन हैं ,जो करवा हैं, इंसानों की उन सब में 'पिता' का नाता अनुपम हैं पिता शब्द,हर शब्दों से उत्तम हैं... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 6 187 Share Nitu Sah 15 Jun 2022 · 1 min read एक बात... पापा, करप्शन.. लेना ये विनती है या प्यार,पापा आप समझ लेना। किसी को कुछ दें नहीं सकते,तो दिल में ये ग़म मत लेना। पापा कभी करप्शन मत लेना। हमें ना चाहिए कोई ऐसा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 6 465 Share Nitu Sah 13 May 2022 · 1 min read तुम्हारे पापा ने जब ब्याह कर के आई,घर तुम्हारे बेटी सा प्यार दिए तुम्हारे पापा ने। लोगों के नज़र में तो बहू बन के आई,घर तुम्हारे मगर बेटी का सम्मान दिए तुम्हारे पापा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 13 221 Share Nitu Sah 13 May 2022 · 1 min read पिता दर्पण आपके पिताजी कैसे थें। मत पूछो मेरे मुन्ने मेरे पिताजी कैसे थें। अगर मैं करने लगूं उनका गुणगान,कम पड़ जाएगा ये पब्लिस पेज़। सच, झूठ को लेते पकड़,चाहे लिया हो... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 8 275 Share Nitu Sah 5 May 2022 · 1 min read जब बेटा पिता पे सवाल उठाता हैं पिता को भी दर्द होता हैं जब बेटा अपने कर्तव्य से मुकरता हैं जिन आंखों का था कभी पिता हिरों आज बेटा उसी से पूछता हैं कि किया क्या हैं... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 7 14 653 Share Nitu Sah 5 May 2022 · 1 min read पिता का दर्द एक बात बताओ ऐ खुदा पूछ रहा है एक पिता ये कैसा युग आया हैं जो एक कुआं सबको पिलाता था आज ओ दो मिठीं बोल के लिए तरस जाता... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 6 9 415 Share Nitu Sah 29 Apr 2022 · 1 min read पापा समुद्र से मोती, आसमां से तारें। ढुंढ के ला दो चांद सितारे।। ओ मेरे पापा ओ मेरे पापा देख रहीं हु राह तुम्हारे। अब आ भी जाओ पापा हमारे।। ओ... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 2 658 Share Nitu Sah 28 Apr 2022 · 1 min read ये दूरियां मिटा दो ना ये नाराजगी ,ये दूरियां पापा मिटा दो ना। सबको माफ करके ये फासला मिटा दो ना। तुम्हारे बिना जीना भला क्या जीना है । हमें गलें लगाकर ये दूरियां मिटा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 2 386 Share Nitu Sah 28 Apr 2022 · 1 min read पिता अम्बर हैं इस धारा का पिता अम्बर हैं इस धारा का मैं हूं उनकी नन्ही परी पिता जादूगर हैं मेरी दुनिया की मैं हूं उनकी जादू की छड़ी पिता अरमां है मेरे सपने के मैं... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 8 6 549 Share Nitu Sah 28 Apr 2022 · 1 min read प्यारे पापा मैं तेरी बेटी प्यारी तु मेरा पापा प्यारा। जिवन के हर एक डगर पे है तुमने मुझको सम्हाला।। कंधे पर बिठा के मुझकोे तुमने सैर कराया था। तोतली भाषा में... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 2 225 Share Nitu Sah 27 Apr 2022 · 1 min read पापा सपने ख्वाब में देखें पुरा किया मेरे पापा ने। पकड़ के उंगली चलना सिखाया मेरे पापा ने।। कंधे पर बिठा के दुनिया की सैर कराया मेरे पापा ने। जरा-सा मैं... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 3 286 Share Nitu Sah 19 Apr 2022 · 1 min read बाबूजी हमार, हिन्दी के हउवं पापा बाबूजी हमार , हउवं सत्य के किताब हमरा से अच्छा करेलें हिसाब तनको जे केहू चिऊं कसेले सबके अकल उहों टाईट कसेले मगर दिल के हउवं अच्छा बात करेले सदा... Bhojpuri · कविता 1 127 Share Nitu Sah 19 Apr 2022 · 1 min read पापा हमारे पापा हमारे सबसे प्यारे जीवन के हैं हमारे रखवाले खुद ही मुश्किल में रहकर देते हैं दुनिया के सुख सारे उनके आगे जग हैं मिथ्या उन्हीं से हैं मेरी दुनिया... Hindi · कविता 112 Share Nitu Sah 6 Apr 2022 · 1 min read गलती सब से होती हैं गलती सब से होती है माना हमसे थोड़ा ज्यादा होती हैं अंदाज ग़लत नहीं होते मेरा बस लिखने में गलती होती हैं।। खुद को सुधारते है, सुधारते रहेंगे जब तक... Hindi · कविता 160 Share Nitu Sah 6 Apr 2022 · 1 min read होता ना शरीर राख सदियों से देख रहा है मन राहें अपनी बिछा के नयन ओ एक रोज आएगा मिलने यही देख रहा है रोज सपने खुद का दिल बहलाके एक क्षण ना करता... Hindi · कविता 1 115 Share Nitu Sah 6 Apr 2022 · 1 min read खुदा के रहमत मान के तुम चाहें जितना छुपा लों चाहे तो सबसे नज़र चुरा लों फिर भी तुम्हें चैन कहां मिलेगा बेचैनी की चादर तो तुमने खुद ओढ़ा है तुम्हें लगता हैं कि प्यार... Hindi · कविता 148 Share Nitu Sah 5 Apr 2022 · 1 min read सभे कहेला, प्यार एक रोग है सभे कहेला , प्यार एक रोग हैं कि न जाने कौना जन्म के ई दोष है जेकरा एक बार ऐकर हवा ल जाला ऊ आदमी कम, बल्कि चलता-फिरता रोग के... Bhojpuri · कविता 210 Share Nitu Sah 5 Apr 2022 · 1 min read हम सीवान के लड़के हैं बेइंतहा, बेहिसाब तुमसे प्यार करता हूं मैं लड़का हूं सीवान का खुद पे नाज़ करता हूं।। एक बार अगर तू हां कह दें तो डर नहीं, हमें किसी अंजाम से... Hindi · कविता 1 127 Share Nitu Sah 3 Apr 2022 · 1 min read लिखो तो कोई बात लिखो लिखों तो कोई बात लिखों अपने दिल की बात लिखों ओ बिते कैसे रात था ओ हसी कैसी शाम था जब उसके हाथों में तुम्हारा हाथ था प्रकृति ने उस... Hindi · कविता 1 125 Share Nitu Sah 2 Apr 2022 · 1 min read दिल हार जाता है औरों को समझना आसान है मगर जब खुद पर बन आती हैं तो दिल हार जाता है है ये कैसा एक तरफा प्यार जो अपनों को बेगुनाह और खुद को... Hindi · कविता 1 177 Share Nitu Sah 2 Apr 2022 · 2 min read एक पहल नशा-मुक्ति की ओर धुम्रपान ना करों,ना पियो तुम शराब इससे होता हैं बाबू-भैया जीवन भी ख़राब यही है हम सब की मत ना लगाओ बापू ऐसी-वैसी कोई लत इन सब से होती है... Hindi · कविता 1 281 Share Nitu Sah 2 Apr 2022 · 1 min read ये सभी कहते हैं मुझे औरों से क्या लेना, ये सभी लोग कहते हैं मगर किसी दिन पड़ोसियों के घरों में झगड़ा हों तो सबसे पहले यही लोग झांकते हैं जो कहते हैं ना... Hindi · कविता 1 121 Share Nitu Sah 1 Apr 2022 · 1 min read फ्राक गर्ल ओ आती थीं अक्सर, बाबा के दुकानों पे छोटी थी, चंचल थी थोड़ी तोतली उसकी बोली थी फ्राक को पोटली बनाकर कभी गेहूं-कभी धान कभी मक्का,तो कभी न जाने कैसी-कैसी... Hindi · कविता 2 2 250 Share Nitu Sah 31 Mar 2022 · 1 min read ये ना पूछो हर गम को छुपा लेता हूं हर दुख-दर्द सह लेता हूं कोई ये ना पूछो , ये तकनीक कहां से लाता हूं बस नदी को देखकर उसके आंचल में खेल... Hindi · कविता 1 399 Share Nitu Sah 31 Mar 2022 · 1 min read मां की आंचल की कोर ना खींचों ऐसे रिश्तों की डोर कि टूटकर हम, नदी के हों जाएं दो छोड़। हो सके तो थाम लो मेरी ऐसी बांहे जैसे बचपन में पकड़तें थे हम सभी,... Hindi · कविता 1 216 Share Nitu Sah 31 Mar 2022 · 1 min read नज़र अपने कैसे बचें कोई उन नजरों से जो हर पल कमियां ढुंढते हैं जब भी देखते हैं मुझको बस उसी नजर से देखते हैं।। होंठों को दांतों में दबाकर, आंखों से... Hindi · कविता 1 141 Share Nitu Sah 30 Mar 2022 · 1 min read नारी नारी ही हैं जीवन के आधार। उन्हीं से हैं सौंदर्य भरा ये संसार।। उनकी लगन छू लेता आसमान। देवता गण भी करते हैं उनका सम्मान।। जो ठान लेती कर देती... Hindi · कविता 1 108 Share Nitu Sah 30 Mar 2022 · 1 min read मन-मन को लुभा रही हो मन-मन को लुभा रही हो,किस देश से आई हो। भेष न्या हैं या उसी ,भेष में आई हों।। कितनी मिठी-कितनी सुन्दर, गीत तुम सुनाती हों। अपने रंगों से परे होकर,अपना... Hindi · कविता 2 254 Share