Comments (6)
16 Jun 2022 04:45 PM
पितृ यथार्थ की सुंदर प्रस्तुति !
धन्यवाद !
16 Jun 2022 12:07 PM
बेहतरीन कविता, नीतू जी।
यदि समय मिले तो कृपया मेरी रचना ” पिता का साया” का भी अवलोकन करने का कष्ट कीजिएगा।
साभार।
पिता शब्द,हर शब्दों से उत्तम हैं। बहुत ही सुंदर प्रस्तुति ।
बहुत-बहुत आभार जी