Comments (14)
3 Jun 2022 05:23 PM
कड़वा सच,, बधाई ।
2 Jun 2022 06:19 PM
बहुत सुंदर कविता
10 May 2022 08:44 PM
सत्य कहा है आपने
7 May 2022 05:06 PM
सत्य वचन
कड़वा सच,, बधाई ।
बहुत सुंदर कविता
सत्य कहा है आपने
सत्य वचन
अभी और भी सवाल पूछे जायेंगे।
जब हम दो हजार तीस तक जायेंगे।
दुनिया के ये सारे बंधन झूठे हैं।
पिता के लिए सारे रिश्ते रूखे हैं।।
ये परिवार, दुनियादारी बेकार है।
बीबी, बेटी, बेटा मतलब के यार है।।
माँ-बाप पर और होने अत्याचार हैं।
कलयुग के यही जायज व्यवहार है।
बहुत-बहत आभार जी,जी सत्य कहां आपने