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अभी और भी सवाल पूछे जायेंगे।
जब हम दो हजार तीस तक जायेंगे।
दुनिया के ये सारे बंधन झूठे हैं।
पिता के लिए सारे रिश्ते रूखे हैं।।
ये परिवार, दुनियादारी बेकार है।
बीबी, बेटी, बेटा मतलब के यार है।।
माँ-बाप पर और होने अत्याचार हैं।
कलयुग के यही जायज व्यवहार है।

Nitu Sah Author
7 Aug 2022 10:26 AM

बहुत-बहत आभार जी,जी सत्य कहां आपने

कड़वा सच,, बधाई ।

Nitu Sah Author
5 Jun 2022 07:01 AM

शुक्रिया जी

Nitu Sah Author
3 Jun 2022 04:11 AM

धन्यवाद जी

बहुत सुन्दर रचना , कृपया मेरी रचना पर भी अपना मत जरूर दे, धन्यवाद

Nitu Sah Author
15 May 2022 02:46 PM

जी जरूर, शुक्रिया

10 May 2022 08:44 PM

सत्य कहा है आपने

Nitu Sah Author
11 May 2022 10:00 AM

बहुत-बहुत आभार आपका

बहुत सुन्दर रचना

Nitu Sah Author
9 May 2022 12:31 PM

शुक्रिया जी

सत्य वचन

Nitu Sah Author
7 May 2022 05:42 PM

शुक्रिया जी

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