preeti tiwari Tag: कविता 23 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid preeti tiwari 14 Nov 2016 · 1 min read पत्थर ही पत्थर पत्थर पर बैठी एक औरत पत्थर को ही तोड रही है तोड तोड कर पत्थर को घर का तिनका तिनका जोड रही है पास ही उसका बीमार आदमी पत्थर को... Hindi · कविता 1 2 861 Share preeti tiwari 11 Nov 2016 · 1 min read नारी औरत ने जन्म दिया मर्द को,कभी किया न अभिमान मर्द ने जाने कब जन्मा ,मर्द होने का भान जन्मा,सींचा रक्त से अपने,दिखाया ये संसार उसी को मसला, कुचला और बना... Hindi · कविता 520 Share preeti tiwari 11 Nov 2016 · 1 min read बनावट बनावट की है दुनिया,यहां बस तमाशा कीजिए अच्छे इंसा नही तो क्या, अदाकारी अच्छी कीजिए लगाकर सजीला मुखौटा,बदरंग चेहरा छुपा लीजिए सच से नही सरोकार,जितना जी चाहे झूठ बोल लीजिए... Hindi · कविता 624 Share preeti tiwari 5 Nov 2016 · 1 min read औरत निकलती है ज्यों ही औरत कमाने को आ जाते है सभी,हाथ आजमाने को कभी मित्रता, कभी मदद के बहाने खोजते है रास्ते उसे बहकाने को कभी तंज,कभी अश्लील टिप्पणियो से... Hindi · कविता 1 680 Share preeti tiwari 27 Oct 2016 · 1 min read दिवाली दिलवाली आओ कुछ अलग सी मनाये दिवाली ना शोर, न धमक, न धमाके वाली कुछ सुकून ढूंढे, कुछ दे आये इस बार हो दिवाली थोडी दिलवाली जिन मुंडेरो पर रोशनी का... Hindi · कविता 739 Share preeti tiwari 27 Oct 2016 · 1 min read बूढी दिवाली इक दूजे से पूछे दो बूढी नजरे सवाली आयेगा बेटा क्या ,चंद रोज मे है दिवाली आऊंगा इस दफा हर बार यही कह देता है यही कहकर हर दफा बात... Hindi · कविता 1 2 475 Share preeti tiwari 11 Oct 2016 · 1 min read मेरा रावण मित्र आज हमारे एक लेख पर कियामित्र ने प्रश्न क्यों इतना गंभीर लेख ये दशहरे का है जश्न हमने कहा कौन रोकता,जश्न तुम मनाओ दशहरे का पर्व है रावण को मार... Hindi · कविता 338 Share preeti tiwari 10 Oct 2016 · 1 min read अहम की पोटली सुनो अहम की जो पोटली है तुम्हारे पास फिरते हो जिसे लिये दिन रात आज उसे खोल दो ढूंढो कुछ एहसास होगें दबे इसमे मिल जाये कुछ शब्द भी शायद... Hindi · कविता 634 Share preeti tiwari 10 Oct 2016 · 1 min read आकर राधे देख लो आकर राधे देख लो तुम कलयुगी संसार नारी का मान करे नही वो कैसे करेगा प्यार तुम्हारे समर्पण पर कान्हा ने खोला ह्रदय द्दार पर नहीं किसी को अब समर्पण... Hindi · कविता 632 Share preeti tiwari 9 Oct 2016 · 1 min read एहराम वो कोई और नाम लिख रहा था मेरे नाम पर परदा डाल दिया मेरे वजूद के एहराम पर बडी शिद्दत से जी रही थी जिन पलो को मै कालिख ही... Hindi · कविता 372 Share preeti tiwari 7 Oct 2016 · 1 min read बीमार कलम कोई नहीं जानता पर मै जानती हूं बहुत अच्छा नहीं पर मै लिखती हूं आज फिर कुछ सुन्दर विचारो के साथ मै लिखने बैठ गयी दिल मे धडकन, हाथो मे... Hindi · कविता 344 Share preeti tiwari 7 Oct 2016 · 1 min read मेरा आंचल आंचल गर बेरंग हो तो उम्मीद रहती है गर हो जाये बदरंग तो क्या कीजे जो गुनाह किया नही,उसकी सजा पाई है अब खता कर लूं, फिर सजा कडी दीजे... Hindi · कविता 296 Share preeti tiwari 7 Oct 2016 · 1 min read रिश्ता दर्द का गैरो से कहकर वो ,दर्द मे सुकून पाते है रिश्ता हमसे है दर्द का ,गैरो से निभाते है चलो इसमें भी कोई एेतराज नहीं तरीके वही अपनाओगे ,जो तुम्हें अाते... Hindi · कविता 499 Share preeti tiwari 5 Oct 2016 · 1 min read विचारो की गंगा कब से मेरी रगो मे तू घूमती रही प्रतिकूलता के कारण बाहर न आ सकी ऐ मेरे विचारो ,जज्बातो की गंगा! तू जगह जगह पहुंची पर संगम से न मिल... Hindi · कविता 325 Share preeti tiwari 4 Oct 2016 · 1 min read जरूरत कौन है इस दुनिया में जो दूध का धुला हो जिसके स्वभाव मे ...धरती जैसी सहनशीलता हो और मन आकाश सा खुला हो हर किसी मे होती है तमाम सारी... Hindi · कविता 1 563 Share preeti tiwari 3 Oct 2016 · 1 min read स्वप्नलोक महज स्वपनलोक की सैर से उत्पन्न कविता सदियों से एक सपना है... कहो पूरा करोगे तुम ? भूल जाओ मेरे सिवा सब कुछ .... कहो ऐसा करोगे तुम...? नही कुछ... Hindi · कविता 1 1 639 Share preeti tiwari 3 Oct 2016 · 1 min read झरोखा जिन्दगी के हर पहलू मे मैने तुझको मुडकर देखा जैसे किसी बन्द कमरे मे रोशनी का एक झरोखा सब करते है इन्तजार आये तारो से सजी रात फैले चांदनी ,बहे... Hindi · कविता 1 924 Share preeti tiwari 1 Oct 2016 · 1 min read जिन्दगी जिन्दगी ये जिन्दगी अक्सर हमे ऐसे मोड पर लाती है.. जहां कुछ नहीं,पर सब कुछ की आशा जहां अन्धकार, पर नही निराशा जहां उम्मीद किसी के आने की जहां चाह... Hindi · कविता 380 Share preeti tiwari 30 Sep 2016 · 1 min read घडी भर घडी की सुइंया हर रोज उस घडी मिलती है ......जिस घडी हम मिला करते थे ..घडी भर के लिए Hindi · कविता 1 445 Share preeti tiwari 30 Sep 2016 · 1 min read टूटना टूटकर बिखर जाना,.......समेटना आसान है... यूं दरारो में जिन्दगी नही जी जाती........ Hindi · कविता 1 504 Share preeti tiwari 30 Sep 2016 · 1 min read मुखौटा नोंच लेती गर मुखौटा चेहरे पे होता उसने पूरी शख्सियत पे पर्दा किया था भारीभरकम शब्दो मे झूठ भांप मै लेती पर उसने खामोशी से इजहार किया था हर जख्म... Hindi · कविता 836 Share preeti tiwari 28 Sep 2016 · 1 min read प्रतिध्वनि कहते है हर शब्द की प्रतिध्वनि सुनाई देती है मैने तो नित प्रेम कहा, क्यों फिर घृणा सुनाई देती है इक पौधा रोपा मैने,खारे जल से सींच गये तुम फूल... Hindi · कविता 1 2 529 Share preeti tiwari 27 Sep 2016 · 1 min read मेरा प्रेम शब्दो के जोड तोड से गणित की तरह जो हल किया जाये नही है वो प्रेम उतार सकता है जो खुदा के चेहरे से नकाब वो मजबूत हाथ है प्रेम... Hindi · कविता 1 461 Share