Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Oct 2016 · 1 min read

विचारो की गंगा

कब से मेरी रगो मे तू घूमती रही
प्रतिकूलता के कारण बाहर न आ सकी
ऐ मेरे विचारो ,जज्बातो की गंगा!
तू जगह जगह पहुंची पर
संगम से न मिल सकी

गंगोत्री से निकली तू, तो बहुत पवित्र थी
सैकडो मिले तुझसे, मिलकर प्रणाम किया
सैकडो ने सराहा,बहुतो ने तेरे सामने खुद को खाली किया
पर जायें कहां,ढूढें कहां वो विशाल जलराशि
जिसके आगोश मे समाकर लगे
कि गंगा ने संगम ,संगम ने समन्दर पा लिया
मेरी रगो मे दौड कर क्या तू थकती नही
मुझे छोडकर एक पल क्या तू जा सकती नहीं
कुछ देर रहने दे मुझे ,अपने बगैर अकेला
देखूं तो तुम बिन जिन्दगी भाती है या नहीं

Language: Hindi
282 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कांटें हों कैक्टस  के
कांटें हों कैक्टस के
Atul "Krishn"
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
Manju sagar
*काँटा चाहिए साहिब 【मुक्तक】*
*काँटा चाहिए साहिब 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
*****श्राद्ध कर्म*****
*****श्राद्ध कर्म*****
Kavita Chouhan
"शतरंज के मोहरे"
Dr. Kishan tandon kranti
मौन संवाद
मौन संवाद
Ramswaroop Dinkar
तू सहारा बन
तू सहारा बन
Bodhisatva kastooriya
"आज का विचार"
Radhakishan R. Mundhra
जितने श्री राम हमारे हैं उतने श्री राम तुम्हारे हैं।
जितने श्री राम हमारे हैं उतने श्री राम तुम्हारे हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Little Things
Little Things
Dhriti Mishra
जंगल में सर्दी
जंगल में सर्दी
Kanchan Khanna
तुम मुझे भुला ना पाओगे
तुम मुझे भुला ना पाओगे
Ram Krishan Rastogi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सकारात्मक पुष्टि
सकारात्मक पुष्टि
पूर्वार्थ
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
DrLakshman Jha Parimal
तन्हाई के पर्दे पर
तन्हाई के पर्दे पर
Surinder blackpen
2316.पूर्णिका
2316.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
Kumar lalit
If you migrate to search JOBS
If you migrate to search JOBS
Ankita Patel
मुक्तक...छंद पद्मावती
मुक्तक...छंद पद्मावती
डॉ.सीमा अग्रवाल
जियरा जरेला दिन-रैन
जियरा जरेला दिन-रैन
Shekhar Chandra Mitra
गुलदानों में आजकल,
गुलदानों में आजकल,
sushil sarna
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
Rituraj shivem verma
कवि
कवि
Pt. Brajesh Kumar Nayak
‘ विरोधरस ‘ [ शोध-प्रबन्ध ] विचारप्रधान कविता का रसात्मक समाधान +लेखक - रमेशराज
‘ विरोधरस ‘ [ शोध-प्रबन्ध ] विचारप्रधान कविता का रसात्मक समाधान +लेखक - रमेशराज
कवि रमेशराज
कुदरत है बड़ी कारसाज
कुदरत है बड़ी कारसाज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
किसी मे
किसी मे
Dr fauzia Naseem shad
*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
Kshma Urmila
Loading...