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बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद आपका जी
“क्यों ना दुनिया पत्थर पूजे, जब सब जग पत्थर हो रहा है” अच्छी संवेदनापूर्ण कविता-शुभकामनाएं.
बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद आपका जी