डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 486 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read पिता की छांव दूर क्षितिज के पार है,सपनों का इक गांव। चंद्र किरण देती वहां,नयना को इक छांव। बचपन की अठखेलियां ,घोड़े कुर्सी दौड़। पिता संग थे खेलते, खुशियां की थी ठांव ।... Poetry Writing Challenge 149 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read बरसात बरसात, झूम झूम के मेघा बरसे, आयी अब बरसात हो। सावन में दिल ऐसे झूमे, माँई! दिल सरसात हो। जैसे हथिनी सूंढ़ उठा के, पानी भरभर फेंक दे। पिया बिना... Poetry Writing Challenge 224 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read नमन मां गंगे नमन मां गंग ! पावन, शिव जटा से अवतरण करती। नमन मंदाकिनी! अविरल ,सदा हित वैतरण करती। यहां भागीरथी मां श्राप धोती सगर पूतों का। सरित देवी !बहो निर्मल धरा... Poetry Writing Challenge · मुक्तक 68 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read जिंदगी राम से है बड़ी ,राम की बंदगी। फिर फटेहाल क्यों ,आम ये जिंदगी।1। बाढ़ में बह गया, है जुनुं प्यार का मुफलिसी में कटी , नाम है जिन्दगी।2। रोटियां जो... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 61 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 Apr 2023 · 1 min read पुंछ सेक्टर के शहीदों की याद में शहीदों की चिताओं की , मनौती आज हम लें लें। अदावत की तपन से जो ,पनौती आज हम लें लें। विरोधी स्वर हमारे हैं ,गरजते आज सीमा पर। चिताओं की... Hindi 94 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Apr 2023 · 1 min read राम अवतार कुंडलियां मित्रों एक नए कांसेप्ट ने इस रचना में जन्म लिया है करने रक्षा धर्म हित, लिया मूर्ति अवतार। कलयुग में श्री राम ने, किया धर्म संचार। किया धर्म संचार,... Hindi · कुण्डलिया 248 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Apr 2023 · 1 min read संचारी रोग दस्तक अभियान संचारी जो रोग पर, दस्तक है अभियान। एप्रिल से ही हो शुरू, करो स्वच्छ जलपान। करो स्वच्छ जलपान, दस्त-उल्टी जो रोके। ओआरएस का घोल, पिला संजीवन हो के। कहें 'प्रेम'... Hindi · कुण्डलिया 1 213 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Mar 2023 · 1 min read जीजा साली जीजा साली कर रहे, हँसी ठिठोली आज। रंगों की बौछार में,खोलो दिल के राज। खोलो दिल के राज, नहीं करना बरजोरी। रंगों की सौगंध, करो मत सीनाजोरी। कहें प्रेम कविराय,आज... Hindi · कुण्डलिया 150 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Mar 2023 · 1 min read रंगो की होली रंगों की होली खेलो होली रंग से ,रगड़ो खूब गुलाल। रंगों के अभिसार से, करते नहीं मलाल। करते नहीं मलाल, मजहबी भेद मिटाओ। मातृभूमि है एक, संग मिल नाचो गाओ।... Hindi 1 164 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Mar 2023 · 1 min read होलिका दहन होलिका दहन फागुन पूनम चांदनी, दहन होलिका साथ। जीवित बच प्रहलाद हैं, विष्णु चूमते माथ। विष्णु चूमते माथ, अबीर गुलाल लगाओ। नाचो गाओ संग, संग मिल फगुआ गाओ। कहें प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 153 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Mar 2023 · 1 min read होलीकोत्सव होलिकोत्सव पूनम फागुन मास में ,दहन होलिका रात। मिलें गले सब मीत जन, बने बात से बात। बने बात से बात,मीत मिल नाचो गाओ। लगे अबीर गुलाल, संग में गुझिया... Hindi · कुण्डलिया 173 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Mar 2023 · 1 min read मकर संक्रांति पर्व मकर संक्रांति पर्व सिहरन को अनुभव करें, राजा रंक फकीर। शीत लहर जो चल रही, नारी शक्ति अधीर। नारी शक्ति अधीर, अलाव जलाकर तापो। ऊनी कपड़े पहन, रजाई से तन... Hindi · कुण्डलिया 1 132 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Mar 2023 · 1 min read शादी शादी शादी बंधन प्रेम का, नहि कोई अनुबंध। सप्तपदी को जो निभा, जन्म सात तक बंध। जन्म सात तक बंध,दहेज कलंक समाना। अबलाएं जल रहीं , नहीं न्यायोचित माना। कहें... Hindi · कुण्डलिया 165 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 20 Jan 2023 · 1 min read चित्र गुप्त पूजा पूजा कलम दवात की,यम दुतिया के साथ। चित्रगुप्त महाराज की, जय जयकार सनाथ। जय जयकार सनाथ, शुरू शुचि लेखा जोखा। कर्मों की गति मान,करें मत सबसे धोखा। कहें प्रेम कवि... Hindi · कुण्डलिया 2 215 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Jan 2023 · 1 min read चाय आदत हो जब चाय की, पीते रहिये चाय। आदर मिलता है जहां ,करते रहिये आय। करते रहिए आय,चाय का अद्भुत वादा। पीलो जितनी चाय ,आय उतनी हो ज्यादा। कहें प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 1 1 141 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Jan 2023 · 1 min read मकर संक्रांति शुभ मकर संक्रांति पर्व मेला में जमघट लगा, दे कर प्रभु को अर्ध्य। उत्तरायण प्रभु भास्कर ,पुण्य कर्म अब सध्य। पुण्य कर्म अब सध्य, नौग्रह भाव के स्वामी। सब कुछ... Hindi · कुण्डलिया 1 206 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Jan 2023 · 1 min read पूनम का चांद पूनम का चांद पूनम की है चांदनी ,पूनम का है चांद । सुंदरता अद्भुत निरख, पगडण्डी को फांद। पगडण्डी को फांद, हृदय कुलांचे मारे। प्रिय प्रियतम की भाँति,प्रिये तुमको पुकारे।... Hindi · कुण्डलिया 1 214 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Jan 2023 · 1 min read भोली बाला भोली बाला भोली बाला ले चली, कर पूजा का थाल। सुंदर श्यामल तन लिये, नागिन जैसे बाल । नागिन जैसे बाल, कोकिला जैसी बोली। प्रिये ,दन्तिका धवल,नासिका है हमजोली। कहें... Hindi · कुण्डलिया 182 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read गणतंत्र दिवस पावन छब्बिस जनवरी ,उन्निस सौ पाचास। संविधान लागू हुआ, सबकी पूरण आस। सब की पूरण आस,शुचि गणतंत्र को मानो। नहि लिंग- जाति भेद ,बराबर सबको ंजानो।ं सबका है सम्मान, हमेशा... Hindi · कुण्डलिया 1 208 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read कोरोना लेना दूभर हो गया, कोरोना से श्वास। मास्क जरूरी है हुआ ,छोड़ें जब प्रश्वास। छोड़ें जब प्रश्वास, फैलता है कोरोना। दम घोटूं यह रोग, यही जग का है रोना। कहें... Hindi · कुण्डलिया 144 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read गुरुवर गुरुवर के निर्मल चरण, करते ह्रदय प्रकाश । श्रुतियों की वाणी सुना, करते विमल विकास। करते विमल विकास, नयन कमलों को खोलें। गुरुवर भानु समान,शारदा माता बोलें। कहें प्रेम कविराय,... Hindi · कुण्डलिया 146 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read संगीत तन मन झंकृत हो गया, सुन करके संगीत। गीतों का संगम हुआ,संग मनोहर मीत। संग मनोहर मीत, जगत जीवन संचारे। भाव अनोखे गूंज, गगन गूँजे गुंजारे। कहे प्रेम कविराय, मगन... Hindi · कुण्डलिया 97 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read बसंत ऋतु शोभित हैं ऋतुराज के, बासंती परिधान। ऋतुओं के सरताज हैं,ऋषियों में सम्मान। ऋषियों में सम्मान,आम राजा बौराया। कोकिल की सुन कूक, पुष्प टेसू हरषाया। कहें प्रेम कविराय, भ्रमर उपवन में... Hindi · कुण्डलिया 405 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read वर्षा ऋतु वर्षा ऋतु रिमझिम वर्षा हो रही ,नूतन किसलय चूम। हरित तृणों की नोक पर ,बारिश बूंदे झूम। बारिश बूंदे झूम, मेघ गरजे घनघोरा। नर्तन करें मयूर,मोरनी का चितचोरा। कहें प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 184 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read शीत ऋतु आया मौसम शीत का ,गर्मी दूर भगाय। जाड़े से बचना सभी, जब मौसम अति भाय। जब मौसम अति भाय,कटे रातें सब प्यारी। पहनें हों परिधान ,धूप की महिमा न्यारी। कहें... Hindi · कुण्डलिया 246 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read नारी नारी की जो गोद है, ममता का ही रूप। माँ की ममता के लिए, महिला का प्रारूप। महिला का प्रारूप, ऋचा की अद्भुत रचना। शोभित मोहित भाव , मातु अद्भुत... Hindi · कुण्डलिया 263 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 24 Oct 2022 · 1 min read जिंदगी राम से है बड़ी ,राम की बंदगी। फिर फटेहाल क्यों ,आम ये जिंदगी।1। बाढ़ में बह गया, है जुनुं प्यार का मुफलिसी में कटी ,यार ये जिन्दगी।2। रोटियां जो मिली,... Hindi · ग़ज़ल 3 1 209 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Oct 2022 · 1 min read शुभ करवा चौथ आँख मिचौली खेलता ,व्योम चौथ का चाँद। चंद्र चाँदनी संग दिखे, करवा लेकर चाँँ द। अर्ध्य चंद्र को दे रहीं, चंद्र मुखी पति आज। व्रत से विह्वल आज है,द्युति यामिनी... Hindi · मुक्तक 195 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Oct 2022 · 1 min read विश्व मानसिक दिवस वर्ल्ड मेंटल हेल्थ का, शुरू हुआ अभियान। खुशियाँ जो भी बाँटता, खुश है आठों याम। घर घर मानस रोग है, दुःख का है सैलाब। मानस रोगी अब कहे,कब होगा कल्याण।... Hindi · मुक्तक 1 1 219 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Oct 2022 · 1 min read विरासत विरासत लूट खसोटी और गुलामी ,अब- जब मिली विरासत में। खूनखराबा व बंटवारा ,तब- तब मिला सियासत में। भ्रष्टाचारी नीति बनाकर, जाँति- पाँति में बाँट दिया। राजनीति में चाटुकार को,प्रश्रय... Hindi · गीत 1 165 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Oct 2022 · 1 min read बेटियां गर्भ में पल रही, एक नन्ही कली, पुष्प शतदल रही, एक नन्ही कली, मोह छूटे नहीं,लोभ टूटे नहीं, गोद में छल रही, एक नन्ही कली। हर्ष से तुम पलो,खुश रहो,खुश... Hindi · मुक्तक 3 162 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Sep 2022 · 1 min read राम लला दर्शन अद्भुत दर्शन राम का,कलयुग में हो आज। रामलला मन में बसे,करते पूरन काज। अनुपम छवि प्रभु राम की,हिय में बसती आय। भव्य दिव्य मंदिर सुखद,राम ट्रस्ट सम साज। डा.प्रवीण कुमार... Hindi · मुक्तक 1 180 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Sep 2022 · 1 min read ट्विन टावर ट्विन टावर को ध्वस्त किया है, धूल गुबार उड़ाकर। उल्टी गिनती भ्रष्टाचारी ,जों अब उन्हें सिखाकर लोभ त्याग राजस्व व कर का ,शुरू किया शुभ खेला। लालच के ठेकेदारों को,विस्फोटक... Hindi · Poem 1 141 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 26 Aug 2022 · 1 min read सावन की शुचि तरुणाई का,सुंदर दृश्य दिखा है। सावन की शुचि तरुणाई का , सुंदर दृश्य दिखा है। घर-आंगन की अँगड़ाई पर, सुंदर गीत लिखा है। यौवन दहका,बारिश चहकी,बूंद बूंद है महकी। तन्हाई में अब तरुणी ज्यों ,... Hindi · मुक्तक 1 420 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Aug 2022 · 1 min read स्थानांतरण परिवर्तन कर स्थान में ,नीति न समझे लोग। चले संघ धीमी गति ,मंजिल का यह जोग। महिमा मंडित लोग हैं, धन वर्षा है खूब। लक्ष्मी का दर्शन करें, सुबह शाम... Hindi · मुक्तक 211 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 17 Aug 2022 · 1 min read स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता दिवस पावन स्वतन्त्रता दिवस, पावन है वर्षगांठ। देश तिरंगा मय हुआ, आजादी का पाठ। दृढ़ निश्चय करके रहें,अपना अवगुण छोड़। शासन जब हो सात्विक ,सबकी अपनी ठाठ। डा.प्रवीण कुमार... Hindi · मुक्तक 155 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 6 Aug 2022 · 1 min read नया चिकित्सक हरे भरे मोहक लगे, हमें ग्राम संदेश नये डाक्टर चाहते, नित्य नया परिवेश। बने नये जो डाक्टर, मोहक सपने साथ। मिले सभी का साथ जो,सिद्धहस्त हो हाथ। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव,... Hindi · दोहा 1 205 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 6 Aug 2022 · 1 min read सरकारी चिकित्सक गाँव चिकित्सा हम करें, घर आँगन को छोड़। पब्लिक ताना मारती, साहब जी रणछोड़।1। जनता खाये रेवड़ी,करती रोज विकास। डाक्टर रिश्ते जोड़ कर,रहा मिटाता प्यास। 2। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम... Hindi · दोहा 177 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 4 Aug 2022 · 2 min read मुंशी प्रेमचंद, एक प्रेरणा स्त्रोत मुंशी प्रेम चंद, प्रेरणा स्त्रोत। हिंदी लेखन के अद्वितीय सूर्य, कलम के धनी , कहानी सम्राट प्रेमचंद जी अद्भुत प्रतिभा के धनी थे ।भाव प्रवण लेखनी ,आदर्शवाद ,यथार्थवाद और प्रगतिशील... Hindi · लेख 272 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 4 Aug 2022 · 1 min read प्रियतम सीप नयन हैं अधखुले, श्याम वर्ण सम गात। खोये स्वप्नों मेंं सजन, मधुर मधुर मुस्कात। प्रिय की ऐसी प्रेरणा, आलिंगन की चाह। हँस कर बोले प्रियतमा, मधुर मिलन की बात।... Hindi · मुक्तक 1 316 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 4 Aug 2022 · 1 min read पानी बरसे मेघ से पानी बरसे मेघ से,बिजली चमके पार । जल प्लावन सब ओर है,त्राहि त्राहि करतार। त्राहि त्राहि करतार, झमाझम पानी बरसे। जन मानस हो त्रस्त,जल व विद्युत को तरसे। पर्यावरण स्वदोष,... Hindi · कुण्डलिया 1 326 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2022 · 1 min read बरसात बरसात, झूम झूम के मेघा बरसे, आयी अब बरसात हो। सावन में दिल ऐसे झूमे, माँई! दिल सरसात हो। जैसे हथिनी सूंढ़ उठा के, पानी भरभर फेंक दे। पिया बिना... Hindi · मुक्तक 1 304 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 7 Jul 2022 · 1 min read यशोधरा के प्रश्न गौतम बुद्ध से यशोधरा के नयनों को, क्या गौतम पढ़ पायेगें। अश्रु पूरित व्यथा- कथा को,बुद्ध कभी गढ़ पायेगें। गौतम भामिनि होकर तुमने ,क्या पाया पति को खोकर। हुये तथागत वो गौतम से,तुमने... Hindi · गीत 1 2 396 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2022 · 1 min read करके शठ शठता चले मित्रों, सादर समर्पित है कुण्डलिया विषय-विश्वेश्वर महादेव करके शठता शठ चले, जैसे कोई भूल। महाकाल के सामने, सत्य वचन ही मूल। सत्य वचन ही मूल, सत्य ही बोलो मौला। छल... Hindi · कुण्डलिया 294 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2022 · 1 min read नन्हा और अतीत सच नन्हे की भूख को, कौन मिटाता यार। नन्हा भूखा ही रहा,कलम कर गयी वार। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम मित्रों समर्पित है दोहा राहों पर मिलता नहीं , सोया हुआ... Hindi · दोहा 1 259 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2022 · 1 min read कवि का कवि से ' कवि का कवि से सम्मान होना चाहिए। सुकवि का हृदय से आह्वान होना चाहिए। तरन्नुम में पढें या ठेठ हिन्दी में, काव्य का संविधान होना चाहिये। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव,... Hindi · मुक्तक 2 667 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2022 · 1 min read हरियाली और बंजर विश्व पर्यावरण दिवस पर मित्रों सादर समर्पित है गीत। हरियाली औ बंजर कोसे हरियाली बंजर को,क्यों विकास इतना करती। फलस्वरूप बंजर धरती को,कंक्रीट है क्यों भरती?। क्यों मानवता हरित धरा... Hindi · गीत 307 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2022 · 1 min read अनुपम माँ का स्नेह अनुपम मां का स्नेह है , अनुभव का नहि तोड़। शतजीवी हों कामना,माँ अपनी बेजोड़। माँ अपनी बेजोड़ ,समस्या सब हर लेती। ममता की है छाँव,ठाँव है सबको देती कहें... Hindi 306 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2022 · 5 min read जर,जोरू और जमीन वर्तमान राजनीतिक परिवेश में ग्रामीणों की उपेक्षा नहीं की जा सकती है। ग्राम और ग्रामीण राजनीतिक संस्कारों के संरक्षक ,पालक- पोषक हैं। धरती से जुड़ा हुआ राजनेता ही सबसे सफल... Hindi · कहानी 1 782 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Jun 2022 · 1 min read महाराणा प्रताप मित्रों, सादर समर्पित है आल्हा(वीर छंद) विषय-महाराणा प्रताप चेतक को साथ लिये राणा,रण मेंं मुगलों को ललकार। भीषण युद्ध किया अकबर से, प्रकटे महाकाल के यार। सिहों जैसे दमके राणा,चम... Hindi · लोकगीत 1 2 386 Share Previous Page 2 Next