डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम Tag: घनाक्षरी 35 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Nov 2024 · 1 min read साल में साल में कई साल बीत गए,दूर-दूर रहते हो , आखिर फंसे हो तुम, किस माया जाल में| जाल में फंसे हो फिर भी दिखाते होअकड़, झुठलाते मुझको ही,चतुर हो चाल... Hindi · घनाक्षरी 1 15 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Oct 2024 · 1 min read मान हो माता मेरी कहती है,शारदे का मोल नहीं, बुद्धि शुद्ध करो अम्ब , सत्य वाला ज्ञान हो | श्वेत वस्त्र धारिणी मां, जय वीणा वादिनी मां, ज्ञान का प्रकाश फैले ,... Hindi · घनाक्षरी 34 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Sep 2024 · 1 min read भाल हो जंजीरा घनाक्षरी देख देख गिने दंत, वीरता प्रचंड कंत. वीर -धीर काल सम, ऐसा वीर बाल हो. बाल होवे वीर व्रती,नाम हो अमर कृति. आन बान शान रीति, ऐसा वीर... Hindi · घनाक्षरी 43 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Sep 2024 · 1 min read चंद्र मौली भाल हो सिंहावलोकन भाल हो चरण शिव, नीलकंठ नटराज. करुणा कृपालु हर,जय महाकाल हो. काल हो बिनत नत, महादेव रुद्रावत. त्रिकालग्य शिव शंभू, जगत की ढाल हो. ढाल हो कैलाश नाथ,आशुतोष भोलेनाथ.... Hindi · घनाक्षरी 57 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Jan 2022 · 1 min read कालिया दह कालिया का गर्व देख, वासुकी का दर्प देख, नाथ , विष सर्प देख,काली दह कीजिये। कालिया को नाथ कर,भय को अनाथ कर, कालिन्दी का जल अब,स्वच्छ कर दीजिये। कन्दुक को... Hindi · घनाक्षरी 3 2 303 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 8 Jan 2022 · 1 min read नया वर्ष नया हर्ष,खुशियों का नवदर्श| नव वर्ष नव हर्ष, खुशियों का नव दर्श, नव नव जीवन का, नव गीत गाइये। रोग शोक बीते अब,नोंकझोक कीजे जब, रीझ रीझ खीर सब, पति को खिलाइए। प्रेम क्षेम... Hindi · घनाक्षरी 307 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Sep 2021 · 1 min read राखी पावन त्यौहार राखी पावन त्यौहार, भाई बहन का प्यार , सुंदर हो उपहार, राखी मँगवाइये। बहना करे इंतजार, द्वार देखे बार-बार, बाँहे सूनी है बेकार,राखी बंधवाइये। फौजी भाई हो तैनात, बहना की... Hindi · घनाक्षरी 335 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Feb 2021 · 1 min read ऋतु बसन्त का स्वभाव मित्रों, सादर समर्पित है, बसन्त ऋतु का स्वभाव वन -वन चहकत, वन -वन महकत बरबस बहकत,चहक -चहक कर। चहल -पहल चल, कसक -मसक चल। लह -लह लहकत , फसल फसल... Hindi · घनाक्षरी 2 2 490 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Jan 2021 · 1 min read अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर,24.1.2021 नन्ही नन्ही सी मुस्कान,मीठी बोली बोले जान। नन्हें नन्हें से हैं पांव, प्यारी बेटी आइये। ये खुशियों का भंडार, प्यार करती अपार । चंचला सा व्यवहार,मासूम ही पाइये। बेटों की... Hindi · घनाक्षरी 2 211 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Jan 2021 · 1 min read गण तंत्र मानते है जनतंत्र, धारते हैं गण तंत्र, सबका है प्रजातंत्र, इसे श्रेष्ठ मानिये। राजतंत्र वंश वादी,तानाशाही क्रूर शाही, गणतंत्र गण वादी,इसे श्रेष्ठ जानिये। राजतंत्र राजा हित,तानाशाही सत्ता हित, जनतंत्र जनहित... Hindi · घनाक्षरी 437 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Jan 2021 · 1 min read स्वामी विवेकानंद जयंती पर मनहरण घनाक्षरी विश्व बंधु दिव्य बंधु,योग का अनन्य बन्धु, ध्यान संग संग बन्धु,सुयोगी ले आइये। स्वामी हैं विवेकानंद ,युवा हिय के आनंद, सुख शान्ति में सानन्द, नियोगी भी आइये। नारी... Hindi · घनाक्षरी 4 275 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Jan 2021 · 1 min read मातृ भूमि मनहरण घनाक्षरी शीर्षक- "मातृ भूमि" मातृ भूमि जन्म भूमि ,शिशु की अनन्य भूमि, राधा-कान्हा ब्रज भूमि ,भारत में आइये। ऋषि मुनि तपोभूमि,गुरुकुल गर्व भूमि, शस्त्र -शास्त्र ज्ञान भूमि,भारत में पाइये।... Hindi · घनाक्षरी 2 276 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 Dec 2020 · 1 min read करवा चौथ अर्ध्य चन्द्र देती भार्या , निर्जला जो व्रत आर्या पति के चिरायु हेतु, करवा को कीजिये। माता का विधान से जो, करवा चौथ पूजे जो । सुख शान्ति घरों में... Hindi · घनाक्षरी 1 395 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Oct 2020 · 1 min read फ़सल हरी भरी फसल है,पकी पकी फसल है, खड़ी खड़ी फसल है,अब काट लीजिए। हंसिये पे धार कर , हंसिये का वार कर, कटे फटे हाथ धर ,गाँठ छाँट लीजिये। फसल... Hindi · घनाक्षरी 1 237 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Oct 2020 · 1 min read गृहस्थ आश्रम संतन का संग होता, सत्संग आश्रय होता. संतो का निवास होता ,त्याग होना चाहिए. अर्थ धर्म कर्म मुक्ति,कर्म योग श्रेष्ठ युक्ति। साक्षी सम भाव होना चाहिये। कर्म ज्ञान भक्ति योग,... Hindi · घनाक्षरी 268 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Aug 2020 · 1 min read कृषक का घर द्वार कृषक का घर द्वार, काकी से हो घर बार। जीने का हो अब सार, सार होना चाहिए । आतुर हो नैन जब, काकी ताके घर अब। गिरवी बिन गहनों के,... Hindi · घनाक्षरी 1 530 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Aug 2020 · 1 min read उखड़ा जो पेड़ गिरा उखड़ा जो पेड़ गिरा , हरा-भरा वृक्ष फिरा । भूमि पर गिरा-गिरा, फलता ही जा रहा। खाद पानी बिना जैसे , जीवित है वृक्ष ऐसे। बिन भूमि जड़ कैसे, पलता... Hindi · घनाक्षरी 1 478 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Aug 2020 · 1 min read लाल सेना खूनी आँच लाल सेना ख़ूनी आंच, सारा जग करे जांच। विश्व कहे सांच-सांच, भय अब कीजिये। भाग -भाग लाल सेना, डरे-मरे चीनी खेमा, छल बल छोड़ देना, तय अब कीजिये।। हिंद फौज... Hindi · घनाक्षरी 2 365 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Aug 2020 · 1 min read चिड़िया मनहरण घनाक्षरी: चिड़ी चुगाती है दाना, चिड़ी ने चूजे को माना, ची-ची करके है खाना, डाल-डाल बसेरा। चिरई व चिरगुन, आँगन में भर गुन, सोन चिरई है चुन, डाल-डाल सबेरा।... Hindi · घनाक्षरी 1 303 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Aug 2020 · 1 min read गोकुल के ग्वाल बाल, घनाक्षरी गोकुल के ग्वाल बाल ,मंत्र मुग्ध नंद लाल , जसोदा का देख हाल ,माता को रुलाते हैं। मोर पँख वेणी वाम,एक कर बन्शी थाम। पग कर थामे राम,पालना झुलाते... Hindi · घनाक्षरी 3 2 380 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Aug 2020 · 1 min read राखी धागा राखी धागा प्रेम धागा,भाई भाई करे कागा, बजे स्नेह रस रागा, रक्षा सूत्र चाहिये। जब बहना पुकारे, भाई राखी को स्वीकारे, ख़ुशी खुशी जयकारे, राखी बंधवाईये। रोली टीका आरती हो,मृदु... Hindi · घनाक्षरी 2 4 461 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Aug 2020 · 1 min read प्रीति रीति देख कर घनाक्षरी प्रीति रीति देखकर,मीत मीत देखकर, नैन नक्श देखकर, पीड़ा सह लीजिये। सावन में प्रीत कर,पावन संगीत भर, प्रीतम की पाती पढ, लिख व्यथा दीजिये। लिख -लिख अभिलाषा, सब की... Hindi · घनाक्षरी 2 454 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Aug 2020 · 1 min read कजरी तीज कजरी की रीति देख, प्रेम की प्रतीति देख। महादेव मीत देख, ऐसा वर दीजिए। गले माल डाल सांप, बाघम्बर ओढे आप , नंदी पे सवार जाप ,भक्तजन कीजिए। गौरा का... Hindi · घनाक्षरी 2 2 291 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read डमरू घनाक्षरी मित्रों,सादर समर्पित है डमरू घनाक्षरी घनन घनन घन, गरज गरज कर। बरस बरस कर,रह रह तड़कत। तडप तडप तड़, चमकत दमकत। ठहर ठहर कर,रह रह बरसत। लखत लखत जब,बचपन दरशत।... Hindi · घनाक्षरी 1 4 667 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read घनाक्षरी सारे जग में प्रकाश ,होता जग में विकास । और लोगों का कयास, दूर अब कीजिए। ज्ञान का आलोक दे दें ,अंधकार दूर करें। अमृत की बूँदें पिरो, ऐसा वर... Hindi · घनाक्षरी 2 600 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read घनाक्षरी जग में आलोक भरे, अंतस उजास करे। मन की अशान्ति झरे, चंद्रप्रभा दीजिए। पुष्पों की बहार मिले, अंजुमन यूं ही खिले, ममता व प्यार मिले, स्नेह सब कीजिये। खेल-खेल में... Hindi · घनाक्षरी 2 386 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read सावन घनाक्षरी सावन में झूल झूल ,सब नाचें गायें झूम। विरह व्यथा को भूल, कजरी जो गाती है राधा कान्हा अब मिले, कालिंदी के तट चले। कान्हा वंशी जब बजे, सुधि... Hindi · घनाक्षरी 2 609 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read तन मन तड़पत डमरू घनाक्षरी तन मन तड़पत, फडकत तन मन। दम दम दमकत , नटखट जन जन। टप टप टपकत,घर घर छत छत। बरसत रह रह, समय समय पर। पल पल तरसत,... Hindi · घनाक्षरी 481 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read सींच सींच प्रेम बेल कलाधर घनाक्षरी। सींच-सींच प्रेम बेल, रीझ-रीझ गोप खेल, संग-संग प्रीत मेल, रास आज कीजिए। खींचने लगी प्रवीन, कुंभ कूप से नवीन। प्रेम बेल को कुलीन, सींच-सींच दीजिए । नंद गोप... Hindi · घनाक्षरी 1 2 369 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 May 2020 · 1 min read घनाक्षरी मनहरण घनाक्षरी घने घने उपवन ,मलय पवन संग, छनी छनी धूप संग, बहती बयार हो। शाख संग शाख मिले,वृक्ष घन राशि हिले. बेल लतिकाओं खिले, उलझी बहार हो. हरी हरी... Hindi · घनाक्षरी 3 2 286 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 May 2020 · 1 min read रुप घनाक्षरी रूप घनाक्षरी मिलें जब हम सब , मोदी जी की बात करें, साधक प्रधानजी का, ध्यान रखें लगातार। भारत अखण्ड बने, सेवारत सभी रहें, स्वाभिमान संयम से, जीवन का हो... Hindi · घनाक्षरी 2 2 237 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 May 2020 · 1 min read रुप घनाक्षरी रूप घनाक्षरी हरी हरी धरती है,हरे भरे उपवन, कल कल बहते है, अविरल नदी ताल. प्रेमी मनुहार करे, मन में विहार करें, साथ में पहनते हैं , जन जन वनमाल।... Hindi · घनाक्षरी 2 2 437 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 May 2020 · 1 min read मनहरण घनाक्षरी मनहरण घनाक्षरी सबका है साथ और ,सबका विकास करें । माता जशोदा के लाल, सर्वप्रिय मोदी जी । साधना महान करें, देशभक्ति जान करें । गाते जन जन मान धर्म... Hindi · घनाक्षरी 1 334 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 May 2020 · 1 min read घनाक्षरी मित्रों ग्रामीण समाज की व्यथा घनाक्षरी में प्रस्तुत है । खेत खलिहान डूबे, बारिश फुहार छूटे, भूख से बेहाल टूटे , आज दिखे सारे लोग। काकी को पुकारे पुत्र, काका... Hindi · घनाक्षरी 1 348 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 May 2020 · 1 min read घनाक्षरी मित्रों ग्रामीण समाज की व्यथा घनाक्षरी में प्रस्तुत है । खेत खलिहान डूबे, बारिश फुहार छूटे, भूख से बेहाल देखो, आज दिखे सारे लोग। काकी को पुकारे पुत्र, काका दुलरावैं... Hindi · घनाक्षरी 1 564 Share