Dr.Pratibha Prakash Tag: मुक्तक 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr.Pratibha Prakash 30 Oct 2024 · 1 min read कुछ मुक्तक अजीब सा साहिब जमाना या गया है ऑन लाइन अब सिर झुकाना आ है साथ कभी जो पलों की खुशबू थी उन्हें भी ऑन लाइन महकना आ गया लगता है... Hindi · मुक्तक 20 Share Dr.Pratibha Prakash 1 Oct 2024 · 1 min read मन साधना कहूँ किससे मैं वो किस्से, जो मेरे हिस्से आये हैं। बनाया था जिन्हें अपना, वही निकले पराये हैं। है रंगमंच ये दुनियां, यहाँ कोई नहीं अपना, महज किरदार ही अपने... Hindi · मुक्तक 39 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jul 2024 · 1 min read बादल बादल तो गरजता है लेकिन बरसात नहीं होती चंदा जो निकलता है तो काली रात नहीं होती बातें तो बहुत सी हैं मैं तुमसे चाहूं जो करना जी तो मचलता... Hindi · मुक्तक 1 72 Share Dr.Pratibha Prakash 22 May 2024 · 1 min read pita समय रहते पिता की बात जो मान जाते हैं वही शख्स जीवन की हर मंजिल को पाते है भटक जाते जो सोचकर मुझसा नहीं कोई वो अक्सर राह में जाकर... Hindi · मुक्तक 1 134 Share Dr.Pratibha Prakash 19 May 2024 · 1 min read संस्कार पके है आम अब रोते, आओ कहां बालक तुम छोटे कमाया खूब ही पैसा बन गए लेकिन अक्ल के खोते लड़ते परिवार आपसे में ही अब तो संस्कार सब छूटे... Hindi · मुक्तक 1 65 Share Dr.Pratibha Prakash 16 May 2024 · 1 min read कर्म कर्मों का ही खेल है सारा, शेष उस शक्ति का ही पसारा असंख्य आकाश गंगा गगन में असंख्य रवि का उजियारा रूप नाम भिन्न स्थान एक सतत वही सर्वशक्तिमान श्रोत... Hindi · मुक्तक 1 55 Share Dr.Pratibha Prakash 4 Aug 2016 · 1 min read हुंकार कई छिपे गद्दार कन्हैया से घर में कई ज़ाकिर कई मीर है कहीँ सत्ता लोलुप आँखों में लालच की दिखती लकीर है तक्षशिला को खो दिया कुछ जे.एन.उ.के आकाओं ने... Hindi · मुक्तक 13 1 470 Share Dr.Pratibha Prakash 1 Aug 2016 · 1 min read सबक सबक रोज ज़िन्दगी देती है हमें मिलती नहीं दोस्ती कहती है हमे जो मित्र दोस्त हमराही कहते रहे आज नज़र भर न देख पाते है हमे अनजानी सी दीवार देखती... Hindi · मुक्तक 11 484 Share Dr.Pratibha Prakash 31 Jul 2016 · 1 min read हमें सबक रोज ज़िन्दगी देती है हमें मिलती नहीं दोस्ती कहती है हमे जो मित्र दोस्त हमराही कहते रहे आज नज़र भर न देख पाते है हमे अनजानी सी दीवार देखती... Hindi · मुक्तक 12 647 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jul 2016 · 1 min read दर्द मालूम है उसे कहाँ होता है वो ज़ालिम वहीँ पर चोट देता है बनके समझदार हमेशा ही करीने से मेरा दिल तोड़ देता है हंसकर फिर मुझसे वो पूछता है... Hindi · मुक्तक 11 807 Share