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“लफ़्ज़-लफ़्ज़ नश्तर हैं,अर्थ में नसीहत है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
वेदनामृत
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
वस्तु वस्तु का विनिमय होता बातें उसी जमाने की।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
वक्त क्या बिगड़ा तो लोग बुराई में जा लगे।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
"ताले चाबी सा रखो,
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
राजनीति में ना प्रखर,आते यह बलवान ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
_26_मुझे गम नहीं
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
_25_मैं यूं ही जिया करता हूं
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
_24_किसे सुनाऊं वेदना इस मन की
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
_23_आरजू
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
_22_मैं दर्पण हूं टूटा सा
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
_21_आख़िरी पड़ाव
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
_20_ऐसा है हमारा वतन
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
_19_मैं मचल रहा हूं
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
_18_सुप्रभात
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
_17_इंसान हैवान हुआ जाता है
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
_16_दहेज़
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
_15_प्रदूषण का दानव
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
_14_बस मुस्कुराना ही काफ़ी है
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
_13_एक तिनका
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
_12_आपका शुक्रिया
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
_11_शायद देश का नक्शा ही बदल गया
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
_10_क्या सच है?क्या धोखा?
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
__9__उफ! कैसी विडम्बना है ?
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
__8__मैने नहीं देखा
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
__7_भूल जाओ
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
__6__पालनहार
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
__5__कोई मज़हब ऐसा बनाओ
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
__4__भीख नहीं मांगूंगा
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
__3__शिक्षा व्यवस्था
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
___2___किसे अपना कहूं?
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
_1_ हाल बुरे हैं शिक्षक के
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
हर अदा उनकी सच्ची हुनर था बहुत।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
मत ढूंढो तुम मंदिर मूरत पर्वत में तहखाने में।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
बाल मेंहदी लगा लेप चेहरे लगा ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
धर्म वर्ण के भेद बने हैं प्रखर नाम कद काठी हैं।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
संविधान की बात करो सब केवल इतनी मर्जी है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर में व्यापार में ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
रावण था विद्वान् अगर तो समझो उसकी सीख रही।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
आप कुल्हाड़ी को भी देखो, हत्थे को बस मत देखो।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
दिल तुम्हारे छिपा क्या मुझे ना पता।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
दिल में हसरत जगे तो दबाना नहीं।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
उनकी तोहमत हैं, मैं उनका ऐतबार नहीं हूं।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
दिल धड़कने लगा जब तुम्हारे लिए।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
इश्क में हमसफ़र हों गवारा नहीं ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
इश्क के बीज बचपन जो बोए सनम।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
इश्क में हम वफ़ा हैं बताए हो तुम।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
प्यार लिक्खे खतों की इबारत हो तुम।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
सनम ऐसे ना मुझको बुलाया करो।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’