pradeep kumar Tag: गीत 22 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid pradeep kumar 2 Oct 2020 · 1 min read वीणावादिनि वर दे। शब्द शब्द अक्षर अक्षर में, सार समाहित कर दे। जन के मन की पीर लिखूँ माँ, वीणावादिनि वर दे।। सच को सच कहने से माते, वर दे कभी न हारूँ।... Hindi · गीत 3 2 399 Share pradeep kumar 24 Aug 2020 · 1 min read हम अकेल कामना पुष्पों की लेकर, कंटकों के राजपथ पर, हम अकेले चल रहे हैं।। कर रहीं हैं राज जग पर, ओढ़ कर उजले कफन को, कुछ मरी संवेदनाएं। फिर रही हैं... Hindi · गीत 1 308 Share pradeep kumar 12 Aug 2020 · 1 min read भला क्यों? हो गया है जब बिछुड़ना ही सुनिश्चित, और थोड़ा वक्त अब माँगूँ भला क्यों ? प्यास सागर भी बुझा पाया नहीं जब, ओस की बूँदों से फिर विनती क्या करनी।... Hindi · गीत 2 383 Share pradeep kumar 18 Jul 2020 · 1 min read संक्रमित शुभकामनाएं कागजों में कैद होकर, जी रही घुट-घुट दुआएं। कौन हैं हम? पूछती हैं, संक्रमित शुभकामनाएं।। हाथ में लेकर दिये जो चल रहे थे, ठोकरें खा खाइयों में गिर गये हैं।... Hindi · गीत 6 1 350 Share pradeep kumar 9 Jul 2020 · 1 min read हमनें भार समझ कर ढोये केवल भार समझकर ढोये, किए न अंगीकार! इसीलिए दिखते हैं रिश्ते, थके थके बीमार! ! हमने सिर्फ स्वार्थ को ओढा़, पीर पराई जानी कब! झूठे गढे़ कुतर्कों आगे, सीख सत्य... Hindi · गीत 4 1 239 Share pradeep kumar 7 Jul 2020 · 1 min read पटकथा फिर से महाभारत की लिक्खी जा रही है। हर जुबां पर दंभ की चिड़िया तराना गा रही है। पटकथा फिर से महाभारत की लिक्खी जा रही है। है विषय अफसोस का यह, फिर धरा पर विश्व गुरु की,... Hindi · गीत 2 2 719 Share pradeep kumar 30 Jun 2020 · 1 min read सैनिक जैसे गीत... गद्दारों को अपने दम से, याद दिला दें नानी। सैनिक जैसे गीत लिखो कवि, राष्ट्र भक्त बलिदानी।। निर्धन की आँखों के आँसू, पीड़ा का अखबार। लोकतंत्र के सच्चे नायक, सच... Hindi · गीत 3 243 Share pradeep kumar 27 Jun 2020 · 1 min read आजादी के बाद आजादी के सपने टूटे, आजादी के बाद। जलीं बस्तियाँ धू धू करके, किसका कहें कसूर। जाति धर्म के फोड़े फुंसी, बन बैठे नासूर।। जितना मरहम मला घाव पर, उतनी पड़ी... Hindi · गीत 4 1 302 Share pradeep kumar 26 Jun 2020 · 1 min read पीछे रोज हटे आगे बढ़ने की धुन में हम, पीछे रोज हटे। कल को विस्मृत कर बैठे कल, कैसे उज्ज्वल हो। केवल तन धो लेने से मन, कैसे निर्मल हो। चाह समंदर बनने... Hindi · गीत 1 1 282 Share pradeep kumar 24 Jun 2020 · 1 min read जाने कब से..... जाने कब से मजबूरी के आँगन में, भूख प्यास के घुँघरू बाँधे नाच रहे।। गिरवी रखी हुई है अपनी तरुणाई, पूर्ण सुरक्षित अलमारी के कोने में। चुगली ना कर बैठे... Hindi · गीत 5 1 245 Share pradeep kumar 22 Jun 2020 · 1 min read राजनीति अंग-अंग में भरी कुटिलता, रोम-रोम में मक्कारी। कोरोना से कहीं भयानक, राजनीति है बीमारी।। ये लाशों का अम्बार देख खुश, होती है मुस्काती है। ये रंग बदलती गिरगिट सा, घड़ियाली... Hindi · गीत 2 3 450 Share pradeep kumar 21 Jun 2020 · 1 min read क्रोधित माधव देख रहा हूँ... "दीप" विवशता लाचारी का, बढ़ता वैभव देख रहा हूँ। मैं अपने नयनों से अपने, स्वप्नों के शव देख रहा हूँ। नेह निमंत्रण पाकर मेरा, आँगन में आ बैठ गयीं हैं,... Hindi · गीत 6 2 246 Share pradeep kumar 19 Jun 2020 · 1 min read स्वप्न न बेचे... रोटी की खातिर सबकुछ, बेचा लेकिन, स्वप्न न बेचे। हमनें चौराहों पर रखकर काले जामुन केले बेचे। चीकू सेब संतरे लीची नीबू आम करेले बेचे।। सब्जी बेची लेकिन अपने मन... Hindi · गीत 5 2 423 Share pradeep kumar 18 Jun 2020 · 1 min read रंग रूप के दरवाजे पर... रंग रूप के दरवाजे पर, कब से घायल इश्क पड़ा है!! आँखों के खारे पानी में, निज सपनों का तर्पण करके। स्वाभिमान का कटा हुआ सर, उसको सादर अर्पण करके।।... Hindi · गीत 3 1 238 Share pradeep kumar 14 Jun 2020 · 1 min read कृष्ण सो रहे अपनों में संग्राम छिड़ा है, चादर ओढ़े कृष्ण सो रहे।। त्याग चुकी है आज केंचुली, राजनीति परिभाषाओं की। ज्येष्ठ मास की धूप सरीखी, तपे चाँदनी आशाओं की।। धर्म सरीखे शब्द... Hindi · गीत 3 2 435 Share pradeep kumar 6 May 2020 · 1 min read फटी पुरानी चादर ओढ़े... फटी पुरानी चादर ओढे़,कच्चे घर में, टूटे फूटे सपनों की जिद जारी है ! युगों बाद फुरसत की छत पर, चिंतन और मनन के छण हैं ! युगों बाद टकराने... Hindi · गीत 1 1 282 Share pradeep kumar 16 Apr 2020 · 1 min read लिखा आँसुओं पर विधना ने... लिखा आँसुओं पर विधना ने, जन्मसिद्ध अधिकार हमारा।। टंकित नाम हमारा केवल, कर्तव्यों के पृष्ठों पर ही ! पीड़ाओं के अभिलेखों पर, संत्रासों पर कष्टों पर ही ! हमनें जब... Hindi · गीत 241 Share pradeep kumar 29 Mar 2020 · 1 min read भूख ने तोड़ा तो। जिन सपनों ने गांव गली घर छुड़वाया, भूख ने तोड़ा तो वे सारे टूट गये।। दूर से चंदा जैसा लगता था लेकिन, पास गये तो पाया जुगनू मरा हुआ। जाते... Hindi · गीत 1 273 Share pradeep kumar 14 Mar 2020 · 1 min read प्रेम का प्रतिमान तू है। गीतिका का व्याकरण, तू गीत का विज्ञान तू है। तू मुहब्बत की धरोहर, प्रेम का प्रतिमान तू है।। भावनाओं का समंदर नेह का भंडार तू है । तू समर्पण का... Hindi · गीत 232 Share pradeep kumar 7 Mar 2020 · 1 min read कौवे के अखबार में, युगों-युगों से ही रहे, भेड़ भेड़िये मीत। कौवे के अखबार में, छपा गिद्ध का गीत।। जब से बगुले ने सुने, मीठे मछली बैन। तब से पागल प्रेम में, दिखता है... Hindi · गीत 1 1 573 Share pradeep kumar 22 Feb 2020 · 1 min read गैरों की बाहों में..... राजतिलक के अवसर पर ही, सपनों को वनवास मिला। गैरों की बाहों में हमको, अपनों का विश्वास मिला। । कितने रावण पीली चादर, ओढ़ जगत में राम हुये। धवल चाँँदनी... Hindi · गीत 2 2 362 Share pradeep kumar 15 Jul 2016 · 1 min read सहिष्णु एक मुक्तक। कल तक तो इन सबको देखो होती चिंता भारी थी। बात बात पर जीभ सभी की पैनी छुरी कटारी थी। आज सहिष्णु चुप बैठे हैं घाटी के हालातों... Hindi · गीत 1 1 316 Share