प्रदीप कुमार "निश्छल" Tag: मुक्तक 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रदीप कुमार "निश्छल" 29 Sep 2019 · 1 min read नवरात्र ================== नवरात्रो का शुभारंभ हो रहा है, निज मन मयूर-सा नाच रहा है। माँ बनाये रखना सदा कृपादृष्टि, भक्त अंकिचन कर जोड रहा है। दरबार अलबेला-सा सज रहा है, पग... Hindi · मुक्तक 299 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 21 Sep 2019 · 1 min read **रेलगाड़ी-सी जिंदगी** ***रेलगाडी-सी जिन्दगी*** ====================== छिक पिक छिक पिक रेलगाडी-सी जान पडती है जिन्दगी, सीटी बजाकर सबको पुकार रही है रेलगाडी-सी जिन्दगी। रोज सांसो की पटरियो पर सरपट दौड़ लगाती है जिन्दगी,... Hindi · मुक्तक 2 2 419 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 19 Sep 2019 · 2 min read **हे राणा! प्रताप जागो** **हे राणा! प्रताप जागो** ====================== हे राणा!काल का चक्का घूम चूका है , चंहुऔर प्रभाव अपना दिखा चुका है। इसांन गिरगिट का चिर पहन चुका है, हे राणा! प्रताप जागो।... Hindi · मुक्तक 334 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 14 Sep 2019 · 1 min read ***बस तू ही तू*** तू दिल, दिमाग, विलोचन, सब जगह नजर आती है। तू चैन, चमक, मनोरथ, सब आराम उडा ले जाती है। तू नींद , चेतना, चपलता, सब आवेग चुरा ले जाती है।... Hindi · मुक्तक 1 1 488 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 14 Sep 2019 · 1 min read ***जियो जीने दो*** जब से जियो का उदय हुआ है, संचार क्षेत्र मे कोहराम मचा है। सिर अबांनी का हुआ ऊचा, एरटेल का तख्त उखडा पडा है। पहले तो नाम बदलाना पडा है,... Hindi · मुक्तक 1 251 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 13 Sep 2019 · 1 min read ****एक बार फिर**** ***एक बार फिर*** एक बार फिर चलो अजनबी बन जाये, सब भूलकर दुनिया मे खो जाये हम। वक्त बेवक्त मधुर यादो के पिटारो से, कुछ सुनहरे मोती चुराकर लाये हम।... Hindi · मुक्तक 1 262 Share