Prabhat Ranjan Language: Hindi 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Prabhat Ranjan 17 Apr 2022 · 1 min read कच्चे आम हम सभी यार चल पड़े एक साथ कच्चे आम खाने पुराने बगिया के पास। कड़ी धूप में दौड़ते-भागते गला सूख गया सबका आम खाने की चाहत में फिर भी दौड़ते... Hindi · कविता 447 Share Prabhat Ranjan 21 Feb 2022 · 1 min read आजादी भव्य गगन की सुंदरता, पक्षियों की चंचलता, मानस पटल की विशालता, सब आजादी का खेल है। प्रेम–बंधन, रिश्ते नाते, प्रकृति की वो सुंदरता, मानव हृदय के गर्भ में, उन्मुक्त होकर... Hindi · कविता 231 Share Prabhat Ranjan 18 Feb 2022 · 1 min read बेटी की सगाई जिस बेटी को पलकों पर रखा, आज वो हो रही पराई है, पापा की परी जो बन कर रही, आज उसकी शादी है। सारा घर मंगलमय हो गया, पूरा परिवार... Hindi · कविता 2 2 748 Share Prabhat Ranjan 18 Feb 2022 · 1 min read कोरोना का विध्वंश कोरोना का विध्वंश फैल रहा, त्राहिमाम हर ओर है, विश्व यातना झेल रहा, मृत्यु तांडव विकराल हुआ। मानवता पहचानी गई, धर्म–मर्म सब रूक गया, मृत्यु के हाहाकार से, सब जातिबंधन... Hindi · कविता 209 Share Prabhat Ranjan 18 Feb 2022 · 1 min read कर्म और पहचान विध्न बाधाएं कई आते हैं, इच्छाओं से पुलकित मन में, सीमाहीन भव्य गगन में, अपना एक पहचान बना तू। बाधाओं को कर तू पार, ए वीर तू मत मान हार,... Hindi · कविता 269 Share Prabhat Ranjan 16 Feb 2022 · 1 min read मेघ :– वरदान या अभिशाप ए मेघ तू रह गया कहां, तेरे आस में है कृषक खड़ा, नद, ताल, पोखर सभी तेरे बरसने की मांग रहे दुआ। तुम आए तो कृषक को, जैसे जन्नत मिल... Hindi · कविता 251 Share Prabhat Ranjan 16 Feb 2022 · 3 min read कोरोना का भीषण वार और लोगों का मजबूत ढाल आज वर्तमान समय में कोरोना के आगमन का कुल मिलाकर दो साल बीत चुका है, परिस्थितियां काफी कठिन रही थी। कोरोना के इस भीषण रफ्तार को नजरअंदाज न करते हुए... Hindi · लेख 242 Share Prabhat Ranjan 16 Feb 2022 · 1 min read भारतीय किसान की स्थिति जो दिन भर पसीना में लिपटा रहा, धूप, छांव और बारिश में करता रहा, चाहते जिसकी आसमां को छूती रही, अन्न उपजा कर जो देता रहा। आज उसकी हालत दयनीय... Hindi · कविता 243 Share Prabhat Ranjan 16 Feb 2022 · 1 min read भारतीय संविधान भारत जब स्वतंत्र हुआ, कोई कानून न था अपना सब अंग्रेज के प्यादे थे, विसात शतरंज भी बिछी रही । तब भारत माँ के बेटों ने, अपने स्वरों में हुंकार... Hindi · कविता 367 Share Prabhat Ranjan 16 Feb 2022 · 1 min read कृतघ्न मानव प्रकृति की शीतलता, थी चारों ओर बिछी हुई, पेड़- पौधे मुस्कुरा रहे, कलियाँ आलस्पन से निकल चुकी । पुष्प- फल किलकारियाँ भर रहे थे, तब मानव का जन्म हुआ, इसी... Hindi · कविता 526 Share Prabhat Ranjan 16 Feb 2022 · 1 min read समय का महत्व समय बड़ा मूल्यवान, इसकी कीमत को पहचानो, जिसने भी किया इसको नमन, उसको इसका इनाम मिला। सूर्य, चंद्रमा और प्रकृति, सब वक्त के पाबंद हैं, फिर वक्त के विपरीत क्यों,... Hindi · कविता 199 Share Prabhat Ranjan 5 Feb 2022 · 1 min read वृक्ष का सफर जैसे ही भानु की किरणे, पड़ी एक नन्हें तुख्म पर, वो तुख़्म फिर घबरा गया, तब निकला भूमि के बाहर। सोचा फिर उसने बाहर की दुनिया देखकर, ये दुनिया तो... Hindi · कविता 2 482 Share Prabhat Ranjan 5 Feb 2022 · 1 min read मेरा गाँव वो गांव बस एक गांव था, सुख–शांति चहुँ ओर थी, सभी लोग परोपकारी थे, उनकी दुनिया ही अलग थी। न जातिभेद न कर्मभेद, कोई किसी को न ठुकरा रहा, न... Hindi · कविता 1 2 245 Share Prabhat Ranjan 5 Feb 2022 · 1 min read माँ माँ के साथ बिताए खुशनसीब लम्हें, सारी जिन्दगी भूल न पाऊगाँ, तूने हाथ पकड़कर चलना सिखाया, तुझे कैसे मैं भूल जाऊगाँ । मुझे जब भी डर लगता, तेरे आँचल में... Hindi · कविता 2 235 Share Prabhat Ranjan 24 Jan 2022 · 1 min read स्वतंत्रता का संघर्ष भारत माता चीख रही थी, चिला चिल्लाकर पुकार रही थी, गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी, अपने पुत्रों को पुकार रही थी। बेटों ने भी संघर्ष किया, एक के बाद एक... Hindi · कविता 1 198 Share Prabhat Ranjan 24 Jan 2022 · 1 min read बरगद का संदेश एक बूढ़ा बरगद सीना चौड़ा किए, अपनी विशालता दिखला रहा, एक राहगीर फिर वहां आया, थका, हारा, आलस में डूबा। बूढ़े बरगद ने अपनी टहनी झुका दी, अपना सारा स्नेह... Hindi · कविता 240 Share Prabhat Ranjan 24 Jan 2022 · 1 min read इश्क इश्क एक बेइलाज बीमारी है, जिसमें ना दवा ना दुआ काम आया, पहली नजर में महसूस जो हुई, दिमाग भी जिसे रोक न पाया। तेरी अश्कों से छूटे तीर ने,... Hindi · कविता 251 Share Prabhat Ranjan 24 Jan 2022 · 1 min read दोस्ती का अनुभव वो दोस्ती एक खुशनुमा अनुभव रही, पूरी जिंदगी याद रखूंगा, जिसने मेरे दिल पर राज किया, वो तू ही तो एक बंदा था। उन हसीन यादों में, मैं आज भी... Hindi · कविता 336 Share