पूनम झा 'प्रथमा' Tag: ग़ज़ल/गीतिका 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पूनम झा 'प्रथमा' 7 Jan 2019 · 1 min read गजल बात सच थी मगर झूठ बताना पड़ा । वो दुःखी थी इसीलिए हंसाना पड़ा ।। प्यार दिल से होती है बातों से नहीं , दिल में जगा नहीं पर निभाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 431 Share पूनम झा 'प्रथमा' 22 Jun 2017 · 1 min read ** गजल ** आज कुछ शब्द बेनाम लिखूँ । अंतर्मन में उठते संग्राम लिखूँ । * शब्दों से उलझन सुलझाकर, सत्य अविरल अविराम लिखूँ । * कर के पैनी धार कलम की धूर्तों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 397 Share पूनम झा 'प्रथमा' 28 May 2017 · 1 min read ** गजल ** बहते थे अश्क जो तेरा प्यार पाने के लिए । रोक दिया उसे लबों को मुस्कुराने के लिए । * समन्दर तो अभी भी है तूफान समेटे हुए पर हिदायत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 687 Share पूनम झा 'प्रथमा' 11 May 2017 · 1 min read ** गजल ** लेखनी का सिर्फ सच आधार है। सच नहीं तो लिखना निराधार है। * लिखना तो माँ शारदे की कृपा है गरिमा छोड़ दें तो सब बेकार है। * जबान को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 585 Share पूनम झा 'प्रथमा' 25 Apr 2017 · 1 min read ** गजल ** चलो प्रकृति के नजदीक चल के देखते हैं। सुबह के सुहाने मौसम में टहल के देखते हैं। * दोस्त बदले रिश्ते बदले जमाना बदल गया चलो अब हम भी खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 383 Share पूनम झा 'प्रथमा' 18 Apr 2017 · 1 min read ** गजल ** कहते थे अपना पर, कहो क्यूं अब मैं बेगानी हो गई। जो कसमें खायी थी तुमने, वो सारी बेमानी हो गई । * बड़ी सिद्दत से निभायी है , जिस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 445 Share पूनम झा 'प्रथमा' 11 Apr 2017 · 1 min read **गजल** तुम तो जीते हो अपनी खुशी के लिए। हम खुश हो लेते,तुम्हारी हँसी के लिए। * कभी-कभी तरस खाती है ये जिंदगी अपनी मजबूरी और इस बेबसी के लिए। *... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 356 Share पूनम झा 'प्रथमा' 25 Mar 2017 · 1 min read ** गीतिका ** हे सूर्य, क्यों अपनी उष्णता बढ़ा रहे हो। धीरे-धीरे अपना उग्र रूप दिखा रहे हो। * माना की घटना-बढ़ना तुम्हारी प्रवृत्ति है, जन-जीवन को इतना क्यों सता रहे हो। *... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 423 Share पूनम झा 'प्रथमा' 21 Mar 2017 · 1 min read ** गीतिका ** भवन सुंदर लगता दिखने में । अच्छा लगता उसमें रहने में । * हमारी पूरी उम्र लग जाती है, एक मकान को घर बनने में । * हर खुशी दफन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 301 Share पूनम झा 'प्रथमा' 16 Mar 2017 · 1 min read ** गीतिका ** जिंदगी लगती कभी सीधी तो,कभी आरी है। पूरी जिन्दगी इस गुत्थी को समझना भारी है। * डुबकी लगाना ही पड़ता है इस ऊहापोह में, साथ हमारे रहता हमेशा वक्त की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 369 Share पूनम झा 'प्रथमा' 15 Mar 2017 · 1 min read ** गीतिका ** जिंदगी लगती कभी सीधी तो,कभी आरी है। पूरी जिन्दगी इस गुत्थी को समझना भारी है। * डुबकी लगाना ही पड़ता है इस ऊहापोह में, साथ हमारे रहता हमेशा वक्त की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 430 Share पूनम झा 'प्रथमा' 1 Mar 2017 · 1 min read ** जिंदगानी ** जिन्दगी की तो अपनी ही कहानी है। कहा सबने पर किसने इसे मानी है। . कभी कोई हंसता हुआ है दिखता, पर आँखों के पीछे दर्द का पानी है। .... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 497 Share पूनम झा 'प्रथमा' 19 Feb 2017 · 1 min read *** गीतिका *** उपवन में पुष्प खिले-खिले, सब महकने के लिये । गगन में घुमड़ते बादल, अब बरसने के लिये। * मन को भी महका मानव, उमड़ो बादल बनकर मानव हो मानवता रख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 285 Share पूनम झा 'प्रथमा' 17 Jan 2017 · 1 min read दिल से तुझे जाने न दिया। * वक्त को भी बीच में आने न दिया। देख लो दिल से तुझे जाने न दिया। * जिस शहर में तेरी रूह बसी देखो वहीं बसकर पराया कहाने न दिया।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 324 Share पूनम झा 'प्रथमा' 5 Jan 2017 · 1 min read जीवन पथ ........ दे हाथों में हाथ संग तेरे चलती ही चली गयी जीवन पथ पर संग तेरे बढ़ती ही चली गयी । * पत्थरों और कंटकों भरे हैं जीवन के ये रास्ते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 376 Share पूनम झा 'प्रथमा' 4 Jan 2017 · 1 min read यादें ........ " यादें "............. * यादें यूं ही नहीं ख्वाब में आया होगा। दिल ने जरूर दिल से बुलाया होगा। * ख्वाबों के पर होते हैं निट्ठल्ले न समझो यादें ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 276 Share पूनम झा 'प्रथमा' 28 Dec 2016 · 1 min read गजल .... वक्त ......... दिया दर्द वो, पर प्यार बेहिसाब माँगता है। दिया नहीं कभी कुछ, पर हिसाब माँगता है। . भरोसे को भी उसपर भरोसा करने का भरोसा नहीं पर वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 535 Share पूनम झा 'प्रथमा' 26 Dec 2016 · 1 min read जब हम मुस्कुराने लगे आज जब हम यूं ही गुनगुनाने लगे । बहारें भी साथ साथ मुस्कुराने लगे । * विहंग का कलरव मन मोहित करता उसके स्वर मधुर संगीत बनाने लगे। * गुल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 395 Share पूनम झा 'प्रथमा' 23 Dec 2016 · 1 min read गुमसुम ......... यूं गुमसुम क्यूं हो बताओ तो सही ? बात अपनी हमें सुनाओ तो सही । * कह भी दो मन में क्या चल रहे हैं मानो मेरी बात मुस्कुराओ तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 388 Share पूनम झा 'प्रथमा' 15 Dec 2016 · 1 min read "हे बाँकेबिहारी" तुझसे मिलने आयी हूँ । "हे बाँकेबिहारी" तुझसे मिलने आयी हूँ । "हे मुरारि" मुरली की धुन सुनने आयी हूँ । * गोकुल, वृंदावन में तेरी लीला है अंकित उस लीला को नैनों में समेटने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 270 Share पूनम झा 'प्रथमा' 9 Dec 2016 · 1 min read कहा फूल ने ......... कहा फूल ने ......... * पूछा फूल से,बिखरने के लिए खिलती क्यों है ? तोड़ लेता माली , तुझे फिर तू हँसती क्यों है ? * फूल ने हँसते हुए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 583 Share पूनम झा 'प्रथमा' 28 Nov 2016 · 1 min read जुदा हो मीर से रोयी गजल । " गजल " ----------------------- जुदा हो मीर से रोयी गजल । न तब से आज तक सोयी गजल। . खुदा से भी पूछा आखिर कोई तो बताए कहाँ खोयी गजल।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 828 Share पूनम झा 'प्रथमा' 27 Nov 2016 · 1 min read कई दिनों से सोच रही हूँ कुछ लिखूँ। दुनियाँ या ये जीवन पर ही कुछ लिखूँ। गीतिका ... * कई दिनों से सोच रही हूँ कुछ लिखूँ। दुनियाँ या ये जीवन पर ही कुछ लिखूँ। * हसीन वादियों , पहाड़ों , नदियों या पहाड़ों से गिरते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 418 Share पूनम झा 'प्रथमा' 27 Nov 2016 · 1 min read गीतिका....... ------------------- सत्य के लब देखो सिले हैं। गीतिका....... ------------------- सत्य के लब देखो सिले हैं। असत्य के चेहरे खिले खिले हैं। * हमने सत्य का साथ दिया है पर देखो सबके होठों पे गिले हैं। * झूठों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 381 Share पूनम झा 'प्रथमा' 20 Nov 2016 · 1 min read उनके सवालों पर मेरा जवाब चल रहा है दोस्तों। सवाल जवाब का यहाँ सैलाब चल रहा है दोस्तों। उनके सवालों पर मेरा जवाब चल रहा है दोस्तों। सवाल जवाब का यहाँ सैलाब चल रहा है दोस्तों। * महफ़िल में जुट रहे बंदे पहचाने हो या अनजाने मुस्कुरा कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 326 Share पूनम झा 'प्रथमा' 16 Nov 2016 · 1 min read क्यूं दिखती खुशी में कमी-सी है ? क्यूं आँखों में भी थोड़ी नमी-सी है ? " गजल " ------------ क्यूं दिखती खुशी में कमी-सी है ? क्यूं आँखों में भी थोड़ी नमी-सी है ? * हँस लेते हैं अश्क पीकर, पर ये जिंदगी तो लगती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 423 Share